जी20 एजुकेशन मीटिंग हेतु लोगों के जुड़ाव को बढ़ावा देने के लिए पहले छह दिनों में 8,00,000 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने जनभागीदारी कार्यक्रमों में भाग लिया
नई दिल्ली, जून, 2023: जनभागीदारी कार्यक्रमों के पहले छह दिनों में, देश भर के 7,000 से अधिक संस्थानों द्वारा आयोजित 14,000+ कार्यक्रमों में 8,00,000 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया। 1 जून से शुरू होने वाली ये पहलें, जिन्हें कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) द्वारा पुणे में 19 से 22 तारीख तक होने वाली आगामी चौथी G20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप मीट के अग्रगामी के रूप में लॉन्च किया गया था। इसने महिलाओं और युवाओं सहित आम लोगों की रुचि, जागरूकता और भागीदारी पैदा करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के “जन भागीदारी” को भारत के जी20 अध्यक्षता का एक मजबूत तत्व “जन आंदोलन” बनाने के आह्वान के साथ, इन कार्यक्रमों को 3000+ सरकारी औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), 11,000+ निजी आईटीआई, 200+ जन शिक्षण संस्थान (जेएसएस), 500+ प्रधान मंत्री कौशल केंद्र (पीएमकेके), 1000+ इन्डस्ट्री एसोसिएशन, 35 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में 100+ सेक्टर स्किल काउंसिल द्वारा कार्यान्वित किया जा रहा है। पहले छह दिनों में आईटीआई से अधिकतम भागीदारी (4,00,000+ छात्र और फैकल्टी सदस्यों) क्रमशः जेएसएस (1,00,000+) और पीएमकेके (56,000+) से हुई। उत्तर प्रदेश और आंध्र प्रदेश में छात्रों और कर्मचारियों (क्रमशः 2,50,000+ और 1,00,000) की अधिकतम भागीदारी देखी गई, इसके बाद छत्तीसगढ़ (57,000+), राजस्थान (46,000+), महाराष्ट्र (42,000+) और मध्य प्रदेश (39,000+) का स्थान है। ).
इन अनूठे आयोजनों के तहत लोगों की भागीदारी बढ़ाने के लिए कई गतिविधियों का आयोजन किया गया। पहले से ही 3000+ वृक्षारोपण अभियान, 1400+ स्वच्छता अभियान, 800+ उद्यमिता प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं, 750+ रंगोली प्रतियोगिताएं, और 7800+ वाद-विवाद प्रतियोगिताएं आयोजित की जा चुकी हैं। इन सभी आयोजनों में हजारों छात्रों और शिक्षकों की भागीदारी देखी गई है। जनभागीदारी कार्यक्रमों के अन्य प्रमुख कार्यों में संस्थानों के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग सेशन आयोजित करना, कार्यक्रमों के संचालन के लिए संस्थानों की मैपिंग करना, वेब-पोर्टल विकसित करना आदि शामिल हैं।
इसके अलावा, 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस मनाने के लिए, एनएसटीआई हैदराबाद, छत्तीसगढ़ में आईटीआई, सुरक्षा और समाज कल्याण संघ भोपाल जैसे कई संस्थानों ने वृक्षारोपण अभियान का आयोजन किया। वृक्षारोपण अभियान में कुल 1,73,486 छात्रों और कर्मचारियों ने भाग लिया। संस्थानों ने 300+ साइक्लोथोस भी आयोजित किए हैं और 15,000 से अधिक छात्रों और फैकल्टी सदस्यों ने उनमें भाग लिया है। आगे बढ़ते हुए, वॉल पेंटिंग और निबंध प्रतियोगिताएं, कौशल हैकथॉन, कौशल प्रदर्शन प्रतियोगिताएं, कौशल ओलंपियाड और योग प्रतियोगिताएं होंगी – ये सभी शिखर सम्मेलन की समग्र थीम – वसुधैव कुटुम्बकम या ‘एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ के अनुरूप होंगी।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने जन भागीदारी कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कहा,“जन भागीदारी कार्यक्रम राष्ट्र निर्माण में लोगों की भागीदारी, विशेष रूप से युवाओं की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर देते हैं, उनकी शक्ति में हमारे विश्वास को मजबूत करते हैं। सक्रिय नागरिक जुड़ाव हमारे विविध और लोकतांत्रिक देश के ट्रेजेक्टरी को आकार देता है, यह सुनिश्चित करता है कि सरकार के कदम लोगों की जरूरतों के अनुरूप हों। जनभागीदारी कार्यक्रमों जैसी पहल स्वामित्व और सामूहिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देती है, G20 के परिणामों को आकार देने के लिए एक साझा प्रतिबद्धता का पोषण करती है। मैं G20 के ट्रेजेक्टरी को प्रभावित करने में इस तरह की पहल की परिवर्तनकारी क्षमता में दृढ़ विश्वास रखता हूं।
जनभागीदारी कार्यक्रमों में नए युग के पाठ्यक्रमों, ट्रेनिंग ऑफ़ ट्रेनर्स, डिजिटल पाठ्यक्रम, स्किल मास्टरक्लास, कैरियर काउन्सिलिंग सेशन, इन्डस्ट्री एक्सपर्ट द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान, फ्यूचर ऑफ़ वर्क, ग्री इकोनॉमी, लाइफ़लॉन्ग लर्निंग के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए अप्रेन्टिसशिप अवेयरनेस वर्कशॉप्स पर वेबिनार सीरीज़ भी देखी जाएंगी।
इन जनभागीदारी आयोजनों का प्राथमिक उद्देश्य बुनियादी फाउन्डेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी की नींव स्थापित करने में वैश्विक सहयोग और सहायता को बढ़ाना होगा, जो G20 एजुकेशन वर्किंग ग्रुप की चौथी बैठक का मुख्य विषय है। चर्चा इन क्षेत्रों की ओर एक सकारात्मक बल प्रदान करने के इर्द-गिर्द होगी। राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी), 2020 ने “तत्काल राष्ट्रीय मिशन” के रूप में सभी बच्चों के लिए फाउन्डेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी (एफएलएन) की प्राप्ति पर भी ध्यान केंद्रित किया है।
G20 नेताओं के शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता एक महत्वपूर्ण समय पर हुई है जब ग्लोबल लीडर और पॉलिसी मेकर वैश्विक अर्थव्यवस्था के विकास के लिए अपने प्रयासों को संरेखित कर रहे हैं। शिखर सम्मेलन हमें भारत को न केवल वैश्विक कौशल केंद्र के रूप में स्थापित करने का अवसर देता है बल्कि कौशल की कमी को दूर करने और अपूर्ण मांगों को पूरा करने के लिए अन्य देशों के लिए कार्यबल के वैश्विक आपूर्तिकर्ता के रूप में भी पेश करता है।