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न्यू पार्लियामेंट प्रोजेक्ट में शामिल 910 कारपेन्टरों को स्किल इंडिया ने प्रमाणित किया

राष्ट्रीय
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March 29, 2023

नई दिल्ली, मार्च 2023: ‘आत्मनिर्भर भारत’ के एक प्रमुख उदाहरण के रूप में, भारत को इस बात पर गर्व है कि नई संसद, जोकि लोकतंत्र का मौजूदा मंदिर है और जो जल्द ही अपने 100 साल पूरे कर रहा है, हमारे ही लोगों द्वारा बनाया जा रहा है, जोकि हमारे अपने “कारीगर” (वर्कर) हैं। और इन वर्कर के प्रयासों को मान्यता देते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में काम कर रहे फर्नीचर और फिटिंग स्किल काउंसिल (एफएफएससी) ने एनडीएमसी अधिकार क्षेत्र और नरसी ग्रुप के सहयोग से आरपीएल मान्यता के तहत 910 कारपेन्टरों को प्रशिक्षित और प्रमाणित किया है। इस परियोजना का उद्देश्य कारपेन्टर के कौशल प्रशिक्षण को बढ़ाना और उन्हें भारत की प्रगति और लोकतांत्रिक मूल्यों का प्रतिनिधित्व करने वाले नए संसद भवन के लिए एक विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करने में सक्षम बनाना है।
यह कार्यक्रम संसद में आयोजित किया गया था और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के संयुक्त सचिव डॉ.के.के द्विवेदी ; श्री दीपक अग्रवाल, संयुक्त सचिव, आवास और शहरी मामलों का मंत्रालय (एमओएचयूए); श्री अश्विनी मित्तल, एनपीबी, केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (सीपीडब्ल्यूडी); श्री सुशील अग्रवाल, निदेशक, राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईवीटी), और विवेक शर्मा, प्रबंधक – रणनीति, राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी)सहित उद्योग हितधारकों ने भाग लिया।.
रिकॉग्निशन ऑफ प्रायर लर्निंग (आरपीएल) स्किल इंडिया की प्रमुख योजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (पीएमकेवीवाई) का एक घटक है और एक मूल्यांकन प्रक्रिया है जिसका उपयोग किसी व्यक्ति के मौजूदा कौशल सेट, ज्ञान और अनुभव का मूल्यांकन करने के लिए किया जाता है, जो औपचारिक, गैर-औपचारिक या अनौपचारिक रूप से सीखा हुआ होता है।
कार्यक्रम के द्वारा उम्मीदवारों के समग्र विकास को सुनिश्चित करने के लिए प्री-स्क्रीनिंग मार्गदर्शन, परामर्श और सहायता प्रदान की जाएगी। कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के पास विभिन्न कार्यक्रम हैं जो कौशल विकास पहलों को पूरा करने के लिए विभिन्न सरकारी एजेंसियों को देते हैं। मंत्रालय ने नरसी समूह के साथ पहले विभिन्न आरपीएल योजनाओं के तहत 6,000 से अधिक कारपेन्टरों को प्रशिक्षित किया है। यह प्रक्रिया रोजगार के अवसरों को बढ़ाने और कौशल अंतर को कम करने के लिए देश के अनियमित कार्यबल की दक्षताओं को मानकीकृत राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क (NSQF) में संरेखित करने में मदद करती है।
कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के संयुक्त सचिव डॉ.कृष्ण कुमार द्विवेदी ने कहा, संसद भवन भारत की समृद्ध लोकतांत्रिक विरासत का प्रतीक है, और यह भारत के शौर्य और गौरव का प्रतीक है। आज का समारोह हमारे कारपेंटरों को सर्वश्रेष्ठ हैंड्स-ऑन प्रशिक्षण, औपचारिक प्रमाणन प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाने में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, जो कौशल सेट की पहचान को सक्षम करेगा और नए संसद भवन में एक शीर्ष-स्तरीय बुनियादी ढांचा स्थापित करने में सहायता करेगा। इस प्रशिक्षण से घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में भी उम्मीदवारों की संभावनाएं बढ़ेंगी। इस प्रशिक्षण के साथ, हमारे कारपेंटर के पास विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा बनाने और उद्योग की मांगों को पूरा करने वाली प्रसिद्ध परियोजनाओं को पूरा करने की क्षमता होगी। यह पहल एक कुशल कार्यबल के निर्माण के लिए सरकार की पहल को रेखांकित करती है जो हमारे देश की वृद्धि और विकास को गति दे सकती है।
श्री नरसी डी कुलारिया, (चेयरमैन, फर्नीचर और फिटिंग स्किल काउन्सिल और नरसी समूह के प्रबंध निदेशक) ने कहा, इस दूरदर्शी परियोजना से जुड़ना हमारे कारपेन्टर समुदाय के लिए बहुत गर्व का क्षण है। अपनी क्षमता के अनुसार, हम अपने वर्करों को पूरी तरह से शिक्षित करने और उन्हें पूरी सुरक्षा प्रदान करने के लिए सभी आवश्यक उपाय कर रहे हैं ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि नए संसद भवन में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचा है। खुद एक कारपेंटर होने के नाते, मैं क्षमताओं के निर्माण में कौशल और प्रमाणन के मूल्य को समझता हूं। उम्मीदवारों के औपचारिक कौशल प्रशिक्षण को बढ़ावा देने के लिए, हमने मेरी स्किल मेरी पहचान, नेशनल अप्रेंटिसशिप प्रमोशनल स्कीम (एनएपीएस) जैसे कई कार्यक्रम शुरू किए हैं और उन्हें आर्थिक विकास में सक्रिय भागीदार बनाने के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र बनाया है। इसके साथ, हम आने वाले महीनों में पूरे भारत में 25,000 कारपेन्टर के कौशल को प्रमाणित करने और पहचानने के लिए तत्पर हैं।
परियोजना का उद्देश्य अस्थिर जॉब मार्केट में उनकी प्रासंगिकता बढ़ाने के लिए उम्मीदवारों को प्रमाणित करना और उन्हें राष्ट्र निर्माण में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना है। आगे बढ़ते हुए, वर्कर्स को निर्माण, इलेक्ट्रिकल, प्लंबिंग, पॉटरी और अन्य कई ट्रेडों में अपस्किल किया जाएगा। यह न केवल उन्हें डिजिटल साक्षरता और उद्यमशीलता के अवसरों से अवगत कराएगा, बल्कि उन्हें तकनीकी कौशल में भी उन्नत करेगा।

पिछला एनआरआई अभिषेक किंग कुमार बनाएंगे, निरहुआ, आम्रपाली और अक्षरा सिंह के साथ फ़िल्म अगला नौवां विरासत – कमलादेवी श्रीमती कमलादेवी चट्टोपाध्याय की स्मृति में सांस्कृतिक उत्सव, 24 से 27 मार्च 2023

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