नई दिल्ली, नवंबर, 2022 :हार्पिक ने अपनी प्रमुख पहल ‘मिशन स्वच्छता और पानी’के तहत सप्ताह की शुरुआत अंतरराष्ट्रीय शौचालय दिवस पर 8 घंटे तक चलने वाली टेलीथॉन के साथ की, जो सभी के लिए स्वच्छ शौचालयों के प्रति उसकी प्रतिबद्धता और साफ और स्वच्छ शौचालय के लिए व्यवहार में बदलाव लाने की जरूरत को उजागर करता है। हार्पिक के सबसे बड़े दीर्घकालिक अभियान का तीन सालों तक सफल आयोजन करने के बाद, यह पहल हार्पिक मिशन स्वच्छता और पानी -‘मिलकर लें ये जिम्मेदारी’के साथ इसे और बड़ा और अधिक समावेशी बनाकर हेल्थ, हाईजीन और सैनीटेशन के क्षेत्र में पुनरुत्थान की दिशा में आगे बढ़ रहा है।
‘मिशन स्वच्छता और पानी’, सभी के लिए सफाई अभियान एक ऐसा आंदोलन है जो समावेशी स्वच्छता के उद्देश्य को कायम रखता है, जहां हर किसी की स्वच्छ शौचालय तक पहुंच सुनिश्चित हो। यह सभी लिंगों, क्षमताओं, जातियों और वर्गों के लिए समानता की वकालत करता है और दृढ़ता से मानता है कि स्वच्छ शौचालय एक साझा जिम्मेदारी है। समाज को बीमारियों से बचाने, स्थायी स्वच्छता और सुरक्षित शौचालयों तक पहुंच के लिए संघर्ष करने का यह संकल्प है ताकि भारत को समग्र तरीके से स्वच्छ रखा जा सके। इस अभियान ने राष्ट्र के लिए 5-सूत्रीय व्यवहार परिवर्तन कार्यक्रम क्या हो सकता है इस बारे में राष्ट्रीय स्तर पर नागरिकों से अपने विचार साझा करने का भी आह्वान किया है।
रवि भटनागर, डायरेक्टर, एक्सटर्नल अफेयर्स और पार्टनरशिप, रेकिट- साउथ एशिया ने कहा, “अपनी स्थापना के बाद से, हार्पिक और न्यूज18 का मिशन स्वच्छता और पानी भारत में समावेशी स्वच्छता और साफ-सफाई के लिए पानी के महत्व पर काम कर रहा है। जमीनी स्तर पर बदलाव लाने के लिए हमें अपने भागीदारों से बहुत ताकत मिलती है। हमारे विभिन्न हस्तक्षेपों के माध्यम से, हमारा लक्ष्य 2 करोड़ से ज्यादा भारतीयों तक सूचना और उपकरणों के साथ पहुंचने का है, जो व्यवहार में बदलाव लाने में मदद कर सकते हैं और एक स्वस्थ भारत के लिए नागरिकों की समग्र स्वास्थ्य में उचित साफ-सफाई के महत्व पर जागरूकता पैदा कर सकते हैं। हमें पूरा यकीन है कि आने वाले समय में, सबसे कठोर इलाकों में भी व्यवहार में बदलाव आएगा। इस पहल के माध्यम से आज हम अंतरराष्ट्रीय शौचालय दिवस 2022 की मुख्य थीम जो अदृश्य है उसे सबके सामने लाया जाए, को आगे बढ़ा रहे हैं।”
बेहतर स्वच्छता के लिए भारत में व्यवहारिक बदलाव लाने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण अभियान को चलाने के लिए अभियान के एम्बेस्डर अक्षय कुमार ने केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत को एक “पांच-सूत्रीय कार्यक्रम” सौंपा। इनमें शामिल हैं: स्वच्छ शौचालयों तक पहुंच, साफ-सुथरे शौचालय के लिए सामूहिक जिम्मेदारी, साफ-सफाई के काम में लगे सभी लोगों के लिए गरिमा और सम्मान, अच्छे स्वास्थ्य के लिए सफाई को मान्यता देना और कोई भी पीछे न छूटे।
अक्षय ने इस मिशन में बच्चों की भूमिका पर भी प्रकाश डाला। अक्षय कुमार ने कहा, “देश भर के स्कूलों में शौचालय शिष्टाचार की पढ़ाई अनिवार्य होनी चाहिए। छात्रों को सफाई, स्वच्छता और पानी बचाने जैसे विषयों के बारे में भी सिखाया जाना चाहिए।”
अंतरराष्ट्रीय शौचालय दिवस पर विशेष रूप से आयोजित टेलीथॉन में आध्यात्मिक नेताओं सद्गुरु और स्वामी चिदानंद सरस्वती, अभिनेता परिणीति चोपड़ा, नवाजुद्दीन सिद्दीकी, रितेश देशमुख और सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक डा. बिंदेश्वर पाठक सहित प्रमुख सार्वजनिक हस्तियों ने भागीदारी की। सभी के लिए सुलभ स्वच्छ शौचालय, लिंग भेदभाव और लिंग के बीच शौचालय कैसे भेदभाव नहीं करता है सहित सभी के लिए स्वच्छता और साफ पानी को बढ़ावा देने पर बातचीत की गई।
सौरभ जैन, रीजनल मार्केटिंग डायरेक्टर, साउथ एशिया- हाईजीन, रेकिट ने कहा, “शौचालय स्वच्छता श्रेणी में एक वैश्विक नेता होने के नाते, हार्पिक की पूरे भारत में 10 करोड़ से अधिक घरों तक पहुंच है। स्वच्छता पर महत्वपूर्ण वैश्विक परिचर्चा और जमीनी स्तर पर प्रभाव पैदा करने का हिस्सा बनना कोई दायित्व नहीं है, बल्कि हमारे लिए एक विशेषाधिकार है। हमारा मानना है कि शौचालय को साफ और स्वच्छ रखने के लिए सभी को अपना योगदान देने की जरूरत है। हार्पिक सभी के लिए गुणवत्तापूर्ण सफाई और स्वास्थ्य उत्पादों को सुलभ बनाकर सुरक्षित शौचालयों तक पहुंच प्रदान करने की दिशा में निरंतर काम कर रहा है। प्रभाव उत्पन्न करने के लिए निरंतर व्यवहार परिवर्तन लाना अनिवार्य है और इसलिए हार्पिक न्यूज18 मिशन स्वच्छता और पानी के साथ हमारे प्रयास और हस्तक्षेप कोई पीछे न छूटने पाए के दर्शन के साथ संरेखित हैं। हर गुजरते साल के साथ हम जमीनी स्तर पर अंतर पैदा करना जारी रखने की उम्मीद करते हैं और नागरिकों से अपनी व्यक्तिगत जिम्मेदारी को समझने और एक स्वस्थ राष्ट्र बनाने के इस मिशन में शामिल होने का आग्रह करते हैं -मिलकर लें ये जिम्मेदारी।”
जल सरंक्षण के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आह्वान पर, हार्पिक मिशन पानी को अगस्त 2019 में राष्ट्रीय स्तर पर जल संसाधनों की सुरक्षा और संरक्षण के लिए सामूहिक चेतना, कार्रवाई और व्यवहार परिवर्तन उत्पन्न करने की प्रतिबद्धता के साथ शुरुआत की गई थी। तब से, मिशन पानी ने न केवल जल संरक्षण पर बल्कि स्वच्छता और साफ-सफाई के महत्व पर व्यवहार परिवर्तन को लेकर बातचीत की शुरुआत की है, जो इस अभियान का एक अभिन्न हिस्सा है। हार्पिक मिशन स्वच्छता और पानी ने अभियान के हिस्से के रूप में सेसमे वर्कशॉप इंडिया के साथ अपनी साझेदारी की भी घोषणा की है, जो बच्चों को साफ-सफाई और स्वच्छता के महत्व के बारे में शिक्षित करने पर ध्यान केंद्रित करेगी, उन्हें इसका अभ्यास करने के लिए प्रेरित करेगी और साथ ही अपने आसपास के सभी लोगों तक इस बात का प्रसार करेगी।
चूंकि पानी स्वच्छता का केंद्र है और शौचालय को स्वच्छ बनाए रखता है, इसलिए स्वस्थ राष्ट्र के निर्माण के लिए सामाजिक व्यवहार में बदलाव लाना बहुत जरूरी है। हार्पिक साथ इस मुद्दे को संबोधित करने वाले विशेष कार्यक्रमों के जरिये मिशन स्वच्छता और पानी के साथ पूरे भारत में पानी और सफाई सुविधाओं में सुधार के लिए लगातार काम करते हुए इस उद्देश्य को फिर से जीवंत बना रहा है।