नई दिल्ली, जून 2023: आर्कटिक में पारिस्थितिकी तंत्रों के संरक्षण और विशेष रूप से संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्रों के विकास की संभावनाओं पर “रूसी आर्कटिक – फोकल बिंदु. 21वीं सदी में संरक्षित क्षेत्र” सत्र में चर्चा की गई, जिसका आयोजन सेंट पीटर्सबर्ग अंतरराष्ट्रीय आर्थिक मंच के दौरान किया गया। यह आयोजन 2021-2023 में आर्कटिक काउंसिल की रूस की अध्यक्षता के कार्यक्रमों का हिस्सा था, जिसका आयोजन रोसकांग्रेस फाउंडेशन कर रहा है।
रूसी संघ के विदेश मंत्रालय के एंबैसडर-ऐट-लार्ज एवं वरिष्ठ आर्कटिक अधिकारियों के अध्यक्ष निकोलाइ कोरचुनोव ने कहा, “आर्थिक ऑपरेटरों, उनकी जिम्मेदार ईएसजी प्रथाओं और क्षेत्रों की भूमिका को एकीकृत करने के लिए एक विस्तृत कार्य योजना विकसित करना महत्वपूर्ण है। अगर हम वास्तव में ऐसी अवधारणा का निर्माण करते हैं, तो हम आर्थिक, पर्यावरणीय और सामाजिक एजेंडे को संतुलित करते हुए आर्कटिक क्षेत्र का सच में टिकाऊ विकास सुनिश्चित करने में सक्षम होंगे। इस क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सहयोग प्रदान करना भी महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने पूरे आर्कटिक में जैव विविधता के संरक्षण में रूस के आर्कटिक क्षेत्रों की अनूठी भूमिका की ओर इशारा किया और उम्मीद जताई कि एसपीआईईएफ सत्र आर्थिक ऑपरेटरों के साथ सहयोग के लिए सर्वोत्तम प्रथाओं व सुझावों को साझा करने के हिसाब से जैव विविधता के संरक्षण के क्षेत्रीय प्रयासों की व्यापक चर्चा को आगे बढ़ाएगा।
स्टेट ड्यूमा के डिप्टी एवं रूस के लिए संयुक्त राष्ट्र सद्भावना राजदूत व्याचेस्लाव फेटिसोव ने कहा, “हम आर्थिक विकास के बारे में बहुत बात करते हैं, जो वास्तव में सफलता के लिए महत्वपूर्ण है। लेकिन आर्थिक विकास और जैव विविधता संरक्षण के बीच संतुलन की तलाश करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाने चाहिए। पहले से ही विकसित और प्रभावी साबित होने वाली प्रथाओं, जैसे कि मरमंस्क क्षेत्र में अमल में लाई गई प्रथा, को पड़ोसी क्षेत्रों में लागू किया जाना चाहिए। वैश्विक पर्यटन के विकास प्रथाओं का अध्ययन करना भी महत्वपूर्ण है: एक क्षेत्र के लिए अधिकतम मनोरंजक क्षमता और अनुमानित मनोरंजक भार की गणना की जानी चाहिए।”.
रूसी संघ के प्राकृतिक संसाधन एवं पर्यावरण मंत्रालय में विशेष रूप से संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्रों के विकास के लिए राज्य नीति व विनियमन विभाग की निदेशक इरीना मकानोवा ने परिवहन की पहुंच, अब तक हुए नुकसान की भरपाई करने और उद्योग में नए कर्मचारियों की भर्ती को आर्कटिक में संरक्षित क्षेत्रों को और अधिक विकसित करने की राह में प्रमुख चुनौतियां बताई।
मकानोवा ने समझाया, “2018 में जब ‘स्ट्रेटजिक गोल्स एंड टारगेट्स इन दी आर्कटिक’ पर प्रेसिडेंशियल डिक्री के बाद ‘जैव विविधता के संरक्षण और इकोटूरिज्म के विकास’ संघीय परियोजना को पारिस्थितिकी राष्ट्रीय परियोजना के हिस्से के रूप में अपनाया गया था, तब से हमने लगभग 10 मिलियन हेक्टेयर में तीन विशेष रूप से संरक्षित प्राकृतिक क्षेत्रों की स्थापना की है।आज, आर्कटिक में चालीस संरक्षित क्षेत्र हैं, जो सभी संघीय संरक्षित क्षेत्रों का आधा हिस्सा हैं, और वे आर्कटिक की जैव विविधता के संरक्षण के लिए सबसे प्रभावी तंत्र का प्रतिनिधित्व करते है
सत्र में यमालो-नेनेट्स स्वायत्त जिले के गवर्नर दिमित्री आर्ट्युखोव, मरमंस्क क्षेत्र की डिप्टी गवर्नर ओल्गा कुजनेत्सोवा, नोरिल्स्क निकेल में संघीय एवं क्षेत्रीय कार्यक्रमों के उपाध्यक्ष एंड्री ग्राचेव, रूसी आर्कटिक नेशनल पार्क के निदेशक अलेक्जेंडर किरिलोव, यात्री, ब्लॉगर व निर्माता बोगदान ब्यूलचेव और दक्षिण-पूर्वी नॉर्वे विश्वविद्यालय में प्रोफेसर ग्लेन डिसेन भी हिस्सा ले रहे थे।
एसपीआईईएफ के दौरान “रूसी आर्कटिक – फोकल बिंद. 21वीं सदी में संरक्षित क्षेत्र” सत्र का आयोजन रूस के मिनिस्ट्री फोर दी डेवलपमेंट ऑफ दी फार ईस्ट एंड दी आर्कटिक के स्टैंड पर किया गया था।स्टैंड के व्यावसायिक कार्यक्रमों में लगभग 15 इवेंट शामिल थे, जिनमें से कुछ आर्कटिक परिषद की रूस की अध्यक्षता के हिस्से के रूप में आयोजित किए गए थे। इनमें “उत्तरी समुद्री मार्ग: परिणाम एवं योजनाएं”, “आर्कटिक जैव विविधता की सुरक्षा एवं निगरानी” और “आर्कटिक में फिल्म-निर्माण: प्रकृति व प्रौद्योगिकी के बीच संवाद” पर चर्चा शामिल रहे।