नयी दिल्ली, मई 2023 : प्रमुख एडटेक प्लेटफॉर्म ग्रेट लर्निंग ने “अपस्किलिंग ट्रेंड्स रिपोर्ट 2023” के भारतीय संस्करण के प्रकाशन के बाद इसका ग्लोबल संस्करण लॉन्च किया है। रिपोर्ट के इस नए संस्करण में दुनिया भर में मौजूद उन ट्रेंड्स की जानकारी मिलती है, जो व्यक्ति को किसी कौशल में दक्षता हासिल करने की इच्छा को प्रभावित करते हैं। अमेरिका, लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया और मध्यपूर्व एशिया, खासतौर पर इन चार प्रमुख बाजारों में, अपस्किलिंग के कोर्सेज की भारी मांग को इस रिपोर्ट का आधार बनाया गया है। यह रिपोर्ट लोगों की किसी कौशल में दक्ष होने की इच्छा पर प्रकाश डालती है। नए कौशल में दक्ष होने की प्रेरणा देने का कारक बनती है, दूसरे लोगों को नए कौशल में निपुण बनाने की राह में आने वाली रुकावटों को दूर करती है। इसके साथ ही यह रिपोर्ट ऑफिस में अपने कर्मचारियों को नए कौशल में दक्ष बनाने की शुरुआत पर प्रकाश डालती है। रिपोर्ट में सुझाए गए ट्रेंड्स ग्रेट लर्निंग के शिक्षा प्रदान करने के अपने तरीकों और दुनिया भर के वर्किंग प्रोफेशनल्स की अपस्किलिंग के सैंपल के संयोजन से उभरे हैं।
भारत में अन्य देशों की अपेक्षा ज्यादा प्रोफेशनल्स भविष्य में कॅरियर की राह को उज्ज्वल बनाने के लिए नए कौशल में दक्ष होने को जरूरी मानते हैं भारत में 85 फीसदी प्रोफेशनल्स अपने कॅरियर को रफ्तार देने के लिए अपने कौशल को बढ़ाने को काफी महत्वपूर्ण मानते हैं, जबकि दुनिया भर में औसतन, केवल 76 फीसदी प्रोफेशनल्स अपनी स्किल्स बढ़ाने को अहमियत देते हैं।
भविष्य में अपने कॅरियर को रफ्तार तेज करने के लिए अपना कौशल बढ़ाने को 84 फीसदी दक्षिण एशियाई देशों और लैटिन अमेरिका के 76 फीसदी प्रोफेशनल्स अहमियत देते हैं। इसके विपरीत विकसित देशों, जैसे अमेरिका और मध्यपूर्व जैसे धिक विकसित देशों में क्रमश: केवल 64 और 66 फीसदी लोग ही ऐसा मानते हैं कि अपने कॅरियर में विकास के लिए खुद को अपस्किल करना महत्वपूर्ण है
2023 में दुनिया भर में 74 फीसदी प्रोफेशनल्स के मुकाबले भारत के 83 फीसदी प्रोफेशनल ने खुद का कौशल बढ़ाने की योजना बनाई पैटर्न को फॉलो करते हुए, इस साल 83 फीसदी भारतीय प्रोफेशनल्स खुद का कौशल बेहतर बनाने की योजना बना रहे हैं। मैच्योर मार्केट होने के बावजूद अमेरिका में केवल 47 फीसदी अमेरिकी प्रोफेशनल्स की 2023 में अपस्किल होने की योजना है। मध्य पूर्व, दक्षिण पूर्व एशिया और लैटिन अमेरिका में 2023 में अपना कौशल निखारने की इच्छा रखने वाले लोगों की संख्या क्रमश: 79 फीसदी, 77 फीसदी और 80% है।
दुनिया भर के 59 फीसदी प्रोफेशनल्स की तुलना में 71 फीसदी भारतीय प्रोफेशनल्स को अपनी नौकरी के बरकरार रहने का विश्वास है दुनिया के अन्य मार्केट के उलट भारतीय कर्मचारियों को अपने नौकरियों के बरकरार रहने की काफी उम्मीद है। अपनी नौकरी बचाए रखने के लिए दुनिया के दूसरे देशों के लोगों को भारतीयों की तुलना में कम भरोसा है। 2023 में आर्थिक मोर्चे पर फैली बड़े पैमाने पर अनियमितता को देखते हुए भारत में 71 फीसदी प्रोफेशनल अपनी नौकरियों के सलामत रहने के प्रति आशावान हैं, जबकि इस मामले में एक औसत के लिहाज से देखा जाए तो दुनिया भर के 59 फीसदी लोग ऐसा मानते हैं। दुनिया भर में लैटिन अमेरिका के बहुत कम लोगों (केवल 44 फीसदी लोगों) को यह भरोसा है कि इस साल उनकी नौकरियां बरकरार रहेंगी। अमेरिका के 59 फीसदी लोगों को यह विश्वास है कि उनकी नौकरी बची रहेगी, जबकि दक्षिण पूर्व एशिया के 60 फीसदी और मध्यपूर्व के 50 फीसदी लोगों को ऐसा विश्वास है।
एक ही संस्थान में करियर ग्रोथ और व्यक्तिगत दिलचस्पी अपस्किल होने का सबसे मुख्य कारण है एक ही संस्थान में कॅरियर के विकास की संभावनाओं ने अमेरिका, लैटिन अमेरिका, दक्षिण पूर्व एशिया, भारत और मध्यपूर्व के देशों के लोगों को कौशल में निपुण होने की प्रेरणा दी है। इन क्षेत्रों में नई स्किल्स सीखने का दूसरा कारण लोगों की व्यक्तिगत दिलचस्पी है। इसके बाद नई नौकरी को हासिल करने के लिए अपने कौशल को निखारने का कारण बनता है। अब जब ऑफिसों में अपने कर्मचारियों को नई-नई स्किल्स में दक्ष करने की योजना के प्रभाव के बारे में पूछा गया तो दुनिया के 59 फीसदी प्रोफेशनल्स यह मानते हैं यह उनको नए कौशल में प्रशिक्षित करने के निर्णय पर अपना प्रभाव डालेगी। अमेरिका में 39 फीसदी प्रोफेशनल्स को यह महसूस होता है कि यह उनके फैसले पर प्रभाव डालेगा। जबकि भारत और दक्षिण पूर्व एशिया में 67 फीसदी, लैटिन अमेरिका में 60 फीसदी और मध्यपूर्व में 57 फीसदी लोग यह मानते हैं कि उनके ऑफिसों में मिलने वाली ट्रेनिंग का उनके कौशल को दक्ष होने के फैसले पर प्रभाव पड़ेगा।
ऑफिस का काम भारत, दक्षिण पूर्व एशिया और लैटिन अमेरिका में अपनी स्किल्स को बढ़ाने वाले कोर्सेज को करने से रोकते है, जबकि अमेरिका और मध्यपूर्व की लोगों को अपने परिवार को ज्यादा समय देने की इच्छा अपस्किलिंग में सबसे बड़ी रुकावट है फैमिली के साथ व्यस्त रहने और अपस्किलिंग के कोर्स का खर्च वहन करने की क्षमता अमेरिका में अपना कौशल निखारने की इच्छा रखने वाले प्रोफेशनल्स द्वारा बताई गई शीर्ष चुनौतियां हैं। जबकि इन कोर्सेज का खर्च और ऑफिसों में ज्यादा काम दक्षिण पूर्व एशिया के प्रोफेशनल को अपना कौशल बढ़ाने से रोकता है। मध्य पूर्व देशों के लोग अपना कौशल बढ़ाने में परिवार को समय देने और उनके प्रति अपने फर्ज को सबसे बड़ी रुकावट और चुनौती मानते हैं। लैटिन अमेरिका और भारत में काफी प्रोफेशनल्स ऑफिस के बहुत ज्यादा काम को अपस्किलिंग में सबसे बड़ी रुकावट मानते हैं। मध्यपूर्व एशिया में कोर्सेज की फीस का पहुंच से बाहर होना और ऑफिस के काम को नए कौशल की ट्रेनिंग लेने की महिलाओं की राह में सबसे बड़ी रुकावट है। दुनिया के अन्य देशों में परिवार को समय देने की प्रतिबद्धता और घरेलू काम महिलाओं को अपनी स्किल्स बढ़ाने की ट्रेनिंग लेने से रोकते हैं।
ग्रेट लर्निंग के सह संस्थापक अर्जुन नायर ने रिपोर्ट के बारे में कहा,“यह एक तथ्य है कि मौजूदा आर्थिक हालात में नौकरियों में परंपरागत काम धीरे-धीरे कम हो रहा है और उसकी जगह नई और बेहतर नौकरियों के आने से प्रफेशनल्स को अपनी नौकरी जाने का डर है इसलिए वह विश्व में उच्च स्तर पर प्रतिस्पर्धा के काबिल बनना चाहते हैं। आशा है कि ग्लोबल अपस्किलिंग ट्रेंड्स 2023 की रिपोर्ट से इस संदर्भ में किए जाने वाले उपायों पर प्रभाव पड़ेगा और स्किल्स में इंडस्ट्री की डिमांड के अनुसार अपने को नए कौशल में दक्ष करने की इच्छा और प्रेरणा बढ़ाने के तरीके भी बताए जाएंगे। दुनिया भर में 74 फीसदी प्रोफेशनल्स अपना कौशल निखारने की योजना बना रहे हैं। इसकी मांग काफी ज्यादा है और हमें यह विश्वास है कि इस मुकाम से केवल यह मांग और बढ़ेगी।”