हैदराबाद, अप्रैल, 2023: महिन्द्रा युनिवर्सिटी में फिजिक्स के प्रोफेसर डॉक्टर दिबाकर राय चौधरी को एसईआरबी परियोजनाओं के प्रिंसिपल इनवेस्टिगेटर्स (पीआई) के असाधारण निष्पादन के लिए भारत सरकार के एसईआरबी द्वारा स्थापित प्रतिष्ठित एसईआरबी साइंस एंड टेक्नोलॉजी अवार्ड से सम्मानित किया गया है।
एसईआरबी-स्टार सहयोग में तीन वर्षों के लिए 15,000 रूपये प्रति माह की फेलोशिप, प्रति वर्ष 10 लाख रूपये का अनुसंधान अनुदान और प्रति वर्ष एक लाख रूपये ओवरहेड शुल्क शामिल है।
महिन्द्रा युनिवर्सिटी के कुलपति डॉक्टर येजुलू मेदुरी ने इस प्रतिष्ठित उपलब्धि के लिए प्रोफेसर राय चौधरी को बधाई दी।
प्रोफेसर राय चौधरी जर्मनी के टेक्निकल युनिवर्सिटी ऑफ डरम्सटैड से 2008 में पीएचडी हैं। इसके बाद उन्होंने जर्मनी में 2008 से 2009 तक युनिवर्सिटी ऑफ डुइसबर्ग-एसेन, 2009 से 2013 तक अमेरिका के लॉस एलमोस नेशनल लैबोरेटरी और 2013 से 2015 तक ऑस्ट्रेलिया की ऑस्ट्रेलियन नेशनल युनिवर्सिटी में वैज्ञानिक के तौर पर काम किया और इसके बाद वह महिन्द्रा इकोल सेंट्रल (अब महिन्द्रा युनिवर्सिटी) में शामिल हुए।
उनके अनुसंधान में नोवल फोटोनिक डिवाइस की डिजाइन, सिमुलेशंस और फैब्रिकेशन शामिल था और साथ ही वह सूचना, सेंसिंग और ऊर्जा से जुड़े क्षेत्रों में इनके उपयोग की संभावनाएं तलाशते रहे और उन्होंने साइंस, एप्लायड फिजिक्स लेटर्स, एडवांस्ड ऑप्टिकल मैटेरियल्स, साइंटिफिक रिपोर्ट्स, ऑप्टिक एक्सप्रेस, फिजिकल रिव्यू बी, ऑप्टिक्स लेटर्स आदि सहित अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त जर्नलों में करीब 86 परिपत्र प्रकाशित कराए। उनका वर्तमान एच इंडेक्स 31 है और कुल प्रशस्ति पत्र करीब 5000 है। वह इस समय भारत में फोटोनिक्स और ऑप्टिक्स से जुड़े क्षेत्रों में काम कर रहे उच्च प्रख्यात अनुसंधानकर्ताओं में से एक हैं। उनके कार्यों का विभिन्न वैज्ञानिक पत्रिकाओं जैसे वर्ल्डवाइड साइंस, फिज ऑर्ग, नैनोटेक्नोलॉजी न्यूज़, नैनोटेक्नोलॉजी नाउ, लेजर फोकस वर्ल्ड, टेराहर्ट्ज टेक्नोलॉजी आदि द्वारा उल्लेख किया जाता है। उनके अनुसंधान को प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय जर्नल्स जैसे एप्लायड फिजिक्स लेटर्स, फिजिका स्टेटस सॉलिडःआरआरएल और जर्नल ऑफ एप्लायड फिजिक्स द्वारा कवर पेज पर जगह दी गई है।
वह वर्तमान में ऑप्टिका (पूर्व में ऑप्टिकल सोसाइटी ऑफ अमेरिका, ओएसए) के प्रतिष्ठित जर्नल ऑप्टिक्स लेटर्स के संपादकों में से एक हैं। साथ ही वह इंस्टीट्यूट ऑफ फिजिक्स (ब्रिटेन) और फेलो ऑफ तेलंगाना एकैडमी ऑफ साइंस (एफटीएएस) के भी फेलो हैं।