Skip to content
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • जनरल न्यूज
  • दखल
  • गेस्ट राइटर

साइबर स्पेस में क्यों बढ़ रहे हैं अपराध

राष्ट्रीय
/
December 11, 2022

कुछ दिन पहले दिल्ली स्थित अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के सर्वर में साइबर अपराधियों ने सेंध लगा दी थी। सर्वर हैक होने के कारण वहां सेवाएं प्रभावित हो गई थीं। हमारा देश डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ रहा है, लेकिन इस तरह के साइबर अटैक ने साइबर सुरक्षा को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
चीन ने साइबर अटैक करने की कोशिश थी। अमेरिका के मैसाच्युसेट्स में स्थित एक प्राइवेट खुफिया एजेंसी ने यह खुलासा किया था कि चीनी हैकर्स ने लद्दाख के करीब बिजली केंद्रों पर साइबर हमला किया था। इस रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ महीनों से पड़ोसी देश ने उत्तर भारत की कई जगहों को निशाना बनाया था। हालांकि, हैकर्स अपने इरादों में कामयाब नहीं हो पाए। साइबर अटैक हमारे देश की सुरक्षा को ही खतरे में नहीं डालती, बल्कि लोगों को आर्थिक नुकसान भी पहुंचा सकती है। बीते साल एक समाचार आया था कि कुछ चीनी मोबाइल एप्लीकेशंस हमारे देश की सुरक्षा के लिए खतरा बन रही हैं। आज हमारा देश डिजिटल लेन-देन की ओर बढ़ रहा है।
लोग अलग-अलग जगहों पर डिजिटल लेन-देन के लिए मोबाइल एप्लीकेशंस का उपयोग कर रहे हैं, इसलिए यह जरूरी है कि साइबर सुरक्षा के लिए सरकार उचित कदम उठाए, ताकि कोई भी मोबाइल एप्लीकेशन न तो देश की सुरक्षा में सेंध लगा सके और न ही कोई साइबर चोर किसी के पैसे को ठग सके। हमारे देश का बुरा चाहने वालों को आर्थिक रूप से क्षति पहुंचाने के लिए सरकार ने बहुत-सी मोबाइल एप्लिकेशंस के देश में उपयोग पर पाबंदी भी लगा दी है, इसके लिए सरकार ने यह तर्क भी दिया है कि इनमें कुछ मोबाइल एप्लीकेशन हमारे देश की संप्रभुता, अखंडता और सुरक्षा के लिए खतरा हैं। अगर कोई देश अपनी नापाक हरकतों से बाज न आए तो उसे सबसे पहले आर्थिक रूप से कमजोर करना बहुत जरूरी है और यह प्रयास सरकार ने डिजिटल स्ट्राइक करके किया है। देश में बढ़ते साइबर ठगी या धोखाधड़ी मामले के लिए साइबर क्राइम सेल को चुस्ती दिखानी चाहिए। ध्यान रहे कि यह समय डिजिटल सतर्कता का है।
किसी भी देश की सुरक्षा, खुफिया एजेंसियों के साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों और राज्य पुलिस की प्राथमिकताओं में से एक है, लेकिन अफसोस कि कुछ अधिकारियों की मानसिकता अपना काम बनता भाड़ में जाए जनता जैसी प्रवृत्ति को बढ़ावा दे रही है। देश के प्रत्येक नगर और शहर के सार्वजनिक स्थलों पर झुग्गी बनाकर रहने वाले लोगों को तो रिश्वत लेकर अधिकारी देश की आंतरिक सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं। कभी कोई भी पुलिस कस्बों और चौराहों पर न तो किसी के आधार कार्ड की जांच करती है और न ही कोई अन्य मूल निवास प्रमाण पत्र जांचती है। ऐसी गतिविधियां तभी तेज की जाती हैं, जब कोई घटना इलाके में घटती है। कहा भी जाता है सतर्कता हटी, दुर्घटना घटी।
आंतरिक सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस को इलाकों में कार्रवाई करनी चाहिए। किसी भी बाहरी व्यक्ति को किराए का मकान देने से पहले थाने से प्रमाण पत्र लेना होगा। ऐसा न करने पर दंड का प्रावधान किया जाना चाहिए। क्या हमारी लापरवाही देश की सुरक्षा के प्रति खिलवाड़ नहीं? क्या देश विरोधी घटनाओं के होने देने से पहले सतर्कता बरतना अपराध है? क्या पुलिस विभाग की ऐसी उदासीनता भविष्य में खतरों को निमंत्रण नहीं? देश और समाज को जागरूक बनाए जाने के साथ ही एक राष्ट्र की भावना के साथ सभी को एकजुट प्रयास करना होगा तभी देशद्रोहियों से सुरक्षित रहा जा सकता है।

पिछला प्रेम-विवाह और ज्योतिषीय योग अगला आपकी हथेली में छिपा है जीवन का रहस्य

Leave a Comment Cancel reply

Recent Posts

  • आईआईटी मंडी ने अपने एमबीए डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम के 2025-27 बैच के लिए आवेदन आमंत्रित किए
  • समाज सुधारक युग प्रवर्तक सच्चे हिंदुत्व के मसीहा कर्म योगी सभी वर्गो चहेते स्वामी विवेकानंद
  • टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कर्नाटक में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्र के साथ समझौता किया
  • आज का राशिफल व पंचांग : 11 जनवरी, 2025, शनिवार
  • इंसानों की तस्करी की त्रासदी वाला समाज कब तक?

संपादक की पसंद

Loading...
गेस्ट राइटर

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

February 2, 2018
Loading...
दखल

पिज्जा खाने से रुकी किरपा आ जाती है

December 14, 2024
दखल

पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

February 20, 2023
दखल

श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

February 16, 2023
दखल

अमृत की राह में बड़ा रोड़ा है भ्रष्टाचार

February 8, 2023
दखल

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

February 4, 2023

जरूर पढ़े

Loading...
गेस्ट राइटर

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

February 2, 2018
© 2025 • Built with GeneratePress