सफल जीवन के लिये हम खुद को बदलें

हर रिश्ते को संवेदना से जीने के लिये जरूरी है प्रेम एवं विश्वास। प्यार एवं विश्वास दिलों को जोड़ता है। इससे कड़वे जख्म भर जाते हैं। प्यार की ठंडक से भीतर का उबाल शांत होता है। हम दूसरों को माफ करना सीखते हैं। इनकी छत्रछाया में हम समूह और समुदाय में रहकर शांतिपूर्ण जीवन जी … Read more

अमीरी गरीबी में बढ़ती खाई राजनीति मुद्दा क्यों नहीं?

गुजरात के विधानसभा चुनाव का एक मुख्य मुद्दा अमीरी गरीबी के बढ़ते फासले एवं गरीबों की दुर्दशा का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब। गौतम अडाणी एवं मुकेश अंबानी के दिन दोगुने रात चौगुने फैलते साम्राज्य पर … Read more

राष्ट्रपति शब्द पर पुनः विचार की जरूरत

हाल ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने जब कथित तौर पर जुबान फिसलने पर राश्टपति द्रोपदी मुर्मु को राश्टपत्नी की संज्ञा देते हुए संबोधित किया तो एक बार फिर इस पर बहस षुरू हो गई है कि क्या राश्टाध्यक्ष या राश्टप्रमुख का नामकरण राश्टपति करने में मौलिक त्रुटि हो गई। राश्टपति षब्द … Read more

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता है। लेकिन इस बार बजट ने नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है तो नया भारत- सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस बजट … Read more