नयी दिल्ली, फरवरी, 2023: आर्कटिक परिषद की रूस की अध्यक्षता के लिए आयोजन समिति के प्रतिनिधियों ने मास्को में लैटिन अमेरिका और फारस की खाड़ी के देशों के राजनयिक मिशनों के प्रमुखों के साथ एक बैठक की। बैठक के दौरान राजनयिकों को आर्कटिक और प्रमुख क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाओं और क्षेत्र के विकास के लिए रूस की प्रमुख परियोजनाओं के बारे में एक प्रस्तुति दी गई। रूस की ओर से इस कार्यक्रम में रूसी सुदूर पूर्व विकास मंत्रालय, रूसी विदेश मंत्रालय, सुदूर पूर्व एवं आर्कटिक विकास निगम, और उत्तर के मूलनिवासियों के रूसी संघ के प्रतिनिधियों ने भाग लिया।
रूसी विदेश मंत्रालय के एंबैसडर एट लार्ज एवं आर्कटिक के वरिष्ठ अधिकारियों के अध्यक्ष निकोलाई कोरचुनोव ने कहा, “हम आर्कटिक क्षेत्र में विश्व का ध्यान बढ़ा रहे हैं। यहां जलवायु वैश्विक औसत से चार गुना तेजी से गर्म हो रही है। जलवायु परिवर्तन आर्कटिक शिपिंग के विकास के लिए स्थितियां बनाता है। ऊर्जा क्षेत्र सहित अन्य क्षेत्रों में नए तकनीकी समाधान के साथ ही परिवहन के विकास से हाइड्रोकार्बन डिपॉजिट और महत्वपूर्ण सामग्रियों को विकसित करना संभव हो जाता है, जो वैश्विक ऊर्जा संक्रमण के लिए आवश्यक हैं। आर्कटिक विभिन्न राज्यों और संगठनों के बीच स्थिरता, पर्यावरण सहयोग और वैज्ञानिक सहयोग के विकास के लिए बातचीत के लिए महान अवसरों का क्षेत्र बन रहा है।”
कोरचुनोव ने यमालो-नेनेट्स स्वायत्त जिले में स्नेझिंका अंतरराष्ट्रीय अनुसंधान स्टेशन परियोजना के हिस्से के रूप में सहयोग करने के लिए लैटिन अमेरिका और फारस की खाड़ी के देशों को आमंत्रित किया और कम बिजली वाले परमाणु ऊर्जा संयंत्र बनाने के लिए रोसाटॉम स्टेट कॉरपोरेशन द्वारा अमल में लाई जा रही परियोजनाओं पर भी उनका ध्यान आकर्षित किया।
रूसी सुदूर पूर्व एवं आर्कटिक के विकास के फर्स्ट डिप्टी मिनिस्टर गदझिमगोमेद हुसेयनोव ने बैठक में कहा, “हम आर्कटिक आबादी के जीवन की उच्च गुणवत्ता एवं भलाई, पर्यावरण संरक्षण, रूसी आर्कटिक क्षेत्र में रहने वाले मूलनिवासियों के जीवन के पारंपरिक तरीके एवं मूल निवास स्थान की सुरक्षा, रूस के आर्थिक विकास में तेजी लाने के लिए सामरिक संसाधन आधार के रूप में आर्कटिक क्षेत्र के विकास और इसके सतत उपयोग के साथ-साथ वैश्विक रसद मार्ग के रूप में उत्तरी समुद्री मार्ग के विकास को अपने कार्य की प्रमुख प्राथमिकताओं के रूप में देखते हैं।”
हुसेयनोव ने कहा कि आर्कटिक परिषद की रूस की अध्यक्षता समाप्त होने के बाद आर्कटिक के सतत विकास पर व्यापक काम जारी रहेगा और हर साल यह पहले से ज्यादा गहन हो जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि रूस के आर्कटिक क्षेत्र को व्यवसाय के लिए तरजीही शर्तों वाला एक क्षेत्र घोषित किया गया है, जो मुक्त सीमा शुल्क क्षेत्र के भीतर सीमा शुल्क लाभ, निवेश परियोजनाओं के लिए बुनियादी ढांचे के निर्माण को सब्सिडी देने वाले तंत्र, साथ ही साथ अन्य कर लाभ और गैर-कर वरीयताओं का उपयोग करना संभव बनाता है।
सुदूर पूर्व एवं आर्कटिक विकास निगम के महानिदेशक निकोलाई जाप्रयागयेव ने कहा कि अभी 630 से अधिक निवेश परियोजनाएं आर्कटिक में प्राथमिकताओं की प्रणाली के हिस्से के रूप में कार्यान्वित की जा रही हैं और इन समझौतों के तहत कुल निवेश 1।6 ट्रिलियन रूबल है। इनमें से अधिकांश परियोजनाओं में सेवा क्षेत्र, निर्माण, खनन, रसद और पर्यटन जैसे उद्योग शामिल हैं। खनन उद्योग की परियोजनाओं ने सबसे ज्यादा निवेश आकर्षित किया है, जिसमें लगभग 800 बिलियन रूबल की 42 परियोजनाएं शामिल हैं। दूसरा सबसे ज्यादा निवेश तेल एवं गैस रसायन उद्योग (207 बिलियन रूबल) में हुआ है। इसके बाद 120 बिलियन रूबल के निवेश के साथ रसद क्षेत्र का स्थान है। जाप्रयागयेव ने इसके अलावा खनिज संसाधन क्षेत्र में प्रमुख परियोजनाओं का उल्लेख किया, जिसमें पेसचंका कॉपर डिपॉजिट का विकास, चुकोटका में बैम्स्की माइनिंग एंड प्रोसेसिंग प्लांट और नेनेट्स ऑटोनॉमस डिस्ट्रिक्ट में मेथनॉल प्लांट का निर्माण शामिल है।
जाप्रयागयेव ने कहा, “आर्कटिक क्षेत्र रूसी और वैश्विक अर्थव्यवस्थाओं दोनों के विकास में एक बड़ी भूमिका निभाता है। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के निर्देशों के आधार पर इस क्षेत्र में निवेश परियोजनाओं का समर्थन करने के लिए अनूठे कार्यक्रम लागू किए जा रहे हैं। रूस आर्कटिक में वर्तमान और भविष्य की परियोजनाओं के हिस्से के रूप में सभी इच्छुक भागीदारों के साथ इन परियोजनाओं पर संयुक्त कार्य करने के लिए खुला रुख अपनाता है।”रोसाटॉम स्टेट कॉरपोरेशन के आर्कटिक मामलों के विशेष प्रतिनिधि व्लादिमीर पानोव ने बैठक के दौरान उत्तरी समुद्री मार्ग और रूसी आइसब्रेकर बेड़े के विकास की योजना प्रस्तुत की।
पानोव ने कहा, “आइसब्रेकर बेड़े का वर्तमान समूह, जो अभी उत्तरी समुद्री मार्ग में काम कर रहा है, में सात परमाणु-संचालित आइसब्रेकर और तीन गैर-परमाणु आइसब्रेकर शामिल हैं। प्रोजेक्ट 22220 के याकुटिया और चुकोटका दो परमाणु आइसब्रेकर पर निर्माण जारी है। 2 फरवरी को एटमफ्लोट और बाल्टिक शिपयार्ड ने प्रोजेक्ट 22220 के यूनिवर्सल न्यूक्लियर आइसब्रेकर की पांचवीं और छठी श्रृंखला के निर्माण के लिए एक अनुबंध पर हस्ताक्षर किया। 2026 से 2030 तक की अवधि में समूह में नौ परमाणु और पांच गैर-परमाणु आइसब्रेकर शामिल होंगे। उत्तरी समुद्री मार्ग के पूर्वी क्षेत्र में साल भर नेविगेशन सुनिश्चित करने के लिए पांच परमाणु शक्ति वाले आइसब्रेकरों को एक दूसरे से 500 समुद्री मील से अधिक की दूरी पर तैनात किए जाने की उम्मीद है। 2031 से 2035 की अवधि में समूह में 13 परमाणु और पांच गैर-परमाणु आइसब्रेकर शामिल होंगे। इसके अलावा, नौ परमाणु-संचालित आइसब्रेकर एक दूसरे से 250 मील से अधिक की दूरी पर स्थित होंगे।”
रूस 2021-2023 में आर्कटिक परिषद की अध्यक्षता कर रहा है। आर्कटिक परिषद की रूस की अध्यक्षता के व्यापक कार्यक्रम का उद्देश्य उत्तर के मूलनिवासियों समेत आर्कटिक की आबादी के कल्याण और जीवन की गुणवत्ता में सुधार के लिए सहयोग को बढ़ावा देना है। इसमें आर्कटिक को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के अनुकूल बनाना, जैव विविधता एवं आर्कटिक के अद्वितीय पारिस्थितिक तंत्र का संरक्षण करना, सामाजिक आर्थिक विकास सुनिश्चित करना, वैश्विक ऊर्जा एवं परिवहन सुरक्षा से संबंधित मामलों में समाधान ढूंढना, उच्च अक्षांशों में वैज्ञानिक सहयोग को बढ़ावा देना और अंतरराष्ट्रीय सहयोग को मजबूत करना भी शामिल है। अध्यक्षता कार्यक्रमों का प्रबंधन रोसकांग्रेस फाउंडेशन के द्वारा किया जा रहा है।