जयपुर, सितंबर 2025: कश्मीरी बलिदान दिवस के अवसर पर कश्मीरी विस्थापित हिंदू समिति, जयपुर ने शहीदों को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए दीप प्रज्वलित किए। इस दौरान समिति ने शहीदों के सर्वोच्च बलिदान को नमन किया और उन वीर आत्माओं के साथ अपनी एकजुटता व्यक्त की जिन्होंने कश्मीर, उसकी गरिमा और उसकी सत्यता की रक्षा के लिए अपने प्राण न्यौछावर कर दिए।
यह दिन हमें उन असंख्य कश्मीरी हिंदुओं के सर्वोच्च बलिदानों की याद दिलाता है जिन्होंने आतंक और अत्याचार के विरुद्ध साहस के साथ खड़े होकर इतिहास रचा। हम श्रद्धा के साथ टिकालाल टपलू जी को नमन करते हैं, जिनकी आवाज़ को भले ही मौन कर दिया गया, लेकिन जिनकी आत्मा आज भी हमारे मार्ग को आलोकित कर रही है। हम गिरिजा टिक्कू को स्मरण करते हैं, जिनकी शहादत निर्दोष कश्मीरी हिंदुओं के साथ हुई निर्ममता की पीड़ा का प्रतीक है। हम नंदिमर्ग नरसंहार, पुलवामा नरसंहार, पहलगाम नरसंहार, और कश्मीरी हिंदुओं की टारगेट किलिंग्स सहित घाटी में निर्दोषों की रोज़ाना होने वाली हत्याओं को भी याद करते हैं। उनका रक्त हमारी इतिहास की स्याही बन चुका है और उनका बलिदान हमारी सामूहिक दृढ़ता की नींव है।
कश्मीरी बलिदान दिवस केवल शोक का दिन ही नहीं, बल्कि संकल्प का दिन भी है। यह हमें स्मरण कराता है कि आतंक ने भले ही हमें जड़ों से उखाड़ने का प्रयास किया हो, परंतु कश्मीरी हिंदुओं की आत्मा आज भी अडिग है – अपनी संस्कृति, अपने धर्म और अपनी पहचान को हर परिस्थिति में जीवित रखते हुए।
आइए इस बलिदान दिवस पर हम संकल्प लें कि: उनके स्मरण को सत्य और न्याय के माध्यम से जीवित रखें। एक ऐसे भविष्य की ओर बढ़ें जहाँ किसी भी कश्मीरी को उसकी आस्था और पहचान के कारण सताया न जाए। उनके विरासत को एकता, गरिमा और साहस के साथ आगे बढ़ाएँ।