कलावृत द्वारा राजस्थान ललित कला अकादमी के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित “राष्ट्रीय समसामयिक लघु चित्रण कार्यशाला” के 5वें संस्करण में बने चित्रों में से पांच श्रेष्ठ चित्रों के लिए गठित तीन सदस्यीय समिति के चयनकर्ताओं द्वारा श्रेष्ठ चित्रकारों के नाम की घोषणा की गई।
कलावृत्त के अध्यक्ष संदीप सुमहेन्द्र ने बताया कि इस बार श्रेष्ठ चित्रण के लिए पद्मश्री रामगोपाल विजयवर्गीय सम्मान डॉ. जसमीन कौर – सूरत, पद्मश्री कृपालसिंह शेखावत सम्मान भावना सक्सेना – जयपुर, कला रत्न श्री पी.एन. चोयल सम्मान अर्चना शर्मा – पटियाला, प्रो. देवकीनन्दन शर्मा सम्मान प्रियंका बावेजा, जयपुर, एवं कलागुरु वेदपाल शर्मा “बन्नूजी” सम्मान विनीता शर्मा, जयपुर को प्रदान किया गया है। श्रेष्ठ पांच चित्रों के लिए गठित तीन सदस्यों की चयन समिति में इस बार जयंत पारिख जी, नियति शिंदे जी एवं अर्पणा कौर जी ने आपसी सहमति से चयन कर घोषणा की। इसी के साथ “चेयरमैन चॉइस” के तहत एक नए सम्मान कलागुरू डॉ. सुमहेन्द्र सम्मान की घोषणा की गई इसमें डॉ. हेमलता लौहार के चित्र का चयन हुआ। उन्होंने सभी विजेताओं को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी।
उन्होंने बताया कि परम्परागत लघु चित्रण के उत्थान के प्रति मैं अपने पिताश्री श्रद्धेय डॉ सुमहेन्द्र जी के विचारों को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत हूं। मेरा मानना है कि इस दस दिवसीय कार्यशाला में सभी चित्रकार अपना उत्कृष्ट चित्रण कर अपनी भावनाओं को चित्रित लघु चित्रण शैलियों की तकनीक का अनुसरण करते है। नये प्रयोगों द्वारा उसके आधुनिक स्वरूप को देखना बहुत ही सुखद अनुभूति प्रदान करता है, मैं आशा करता हूं कि पारंपरिक लघु चित्रण में हो रहे इन प्रयोगों को कला जगत द्वारा भी सहर्ष स्वीकारा एवं सराहा जाएगा।
इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिए लुप्त होती पारंपरिक लघु चित्रण शैलियों के बचाव हेतु कलावृत्त द्वारा राजस्थान ललित कला अकादमी के साथ संयुक्त रूप से यह ऑनलाइन कार्यशाला हर वर्ष 2 से 12 नवम्बर तक आयोजित की जाती है।
कार्यशाला के विधिवत उद्घाटन के लिए समर्पित भाव से सहयोग प्रदान करने हेतु संदीप सुमहेन्द्र ने कलानेरी आर्ट गैलरी के श्री विजय शर्मा एवं श्रीमती सौम्य शर्मा का भी हृदय से आभार एवं धन्यवाद जताए हुए भविष्य में भी सहयोग की आशा जताई। पंजाबी विश्वविद्यालय के कला संकाय के 17 चित्रकारों ने भी इस कार्यशाला में भाग लिया। यहां 2004 में पहली बार लघु चित्रण का कोर्स विधिवत आरंभ डॉ. सुमहेन्द्र द्वारा किया गया था जो आज भी इस कला विधा के संरक्षण के लिए प्रतिबद्ध है।
संदीप सुमहेन्द्र
अध्यक्ष
कलावृत्त
98294 37374