नई दिल्ली, सितंबर 2025: मोहल्ले की छोटी किराना दुकानों से लेकर हर गली-नुक्कड़ के स्टोर्स तक, यही वे जगहें हैं जहाँ से हमारी रोज़मर्रा की ज़िंदगी चलती है। सबसे पहले खुलने वाली और सबसे आख़िर में बंद होने वाली ये दुकानें दशकों से हमारे जीवन का अहम हिस्सा रही हैं। ग्राहकों के नाम याद रखना, त्योहारों पर ज़रूरी सामान उपलब्ध कराना और दुकानों को आपसी बातचीत, किस्सों और परंपरा का अड्डा बना देना — यही है उनकी पहचान। इन्हीं छोटे दुकानदारों और रिटेल हीरोज़ को धन्यवाद कहने के लिए कोका-कोला ने अपना विशेष अभियान ‘लोकली योर्स’ शुरू किया है।
छोटे-छोटे कारोबार से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक, यही उद्यमी दुनिया के सबसे बड़े रिटेल नेटवर्क में जान डालते हैं। लाखों छोटे व्यापारी न केवल सुविधा और सामान की उपलब्धता सुनिश्चित करते हैं, बल्कि स्थानीय समुदायों में जुड़ाव और अपनापन भी बनाए रखते हैं। कोका-कोला इंडिया का ‘लोकली योर्स’ अभियान इन्हीं साझेदारों को समर्पित है, जो रोज़गार को मज़बूती देने, स्थानीय व्यापार को बढ़ावा देने और पूरे साल समुदाय में रौनक बनाए रखने में अहम भूमिका निभाते हैं।
कोका-कोला के कई पार्टनर्स के लिए यह ब्रांड सिर्फ़ एक पेय नहीं, बल्कि उनके विकास की यात्रा का भरोसेमंद साथी बन चुका है। 2002 से जुड़े डिस्ट्रीब्यूटर अजय साहा कहते हैं, “दो दशकों से अधिक का यह सफ़र मेरे लिए बेहद संतोषजनक रहा है। कोका-कोला इंडिया के साथ हमारी साझेदारी हर साल मज़बूत होती गई है। कंपनी का सहयोग और मार्गदर्शन हमारे कारोबार की सफलता और समुदाय की बेहतर सेवा में हमेशा महत्वपूर्ण रहा है।”
वहीं, ओडिशा में 25 साल पुरानी मिठाई की दुकान के मालिक राजेश कुमार राणा बताते हैं, “कोका-कोला इंडिया अब हमारी यात्रा का अभिन्न हिस्सा बन चुका है। हमारी दुकान पर मिठाइयों के साथ-साथ ग्राहकों को उनका पसंदीदा पेय — कोका-कोला, स्प्राइट, थम्स अप या पानी — हमेशा उपलब्ध कराया जाता है। हमारी कोशिश रहती है कि यहां आने वाला हर ग्राहक अपनी ज़रूरत पूरी कर सके।”
कोका-कोला इंडिया के वाइस प्रेसिडेंट संदीप बजोरिया ने कहा, “भारत में रिटेल न केवल सबसे बड़ा रोज़गार देने वाला क्षेत्र है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था का मज़बूत स्तंभ भी है। कोका-कोला में हम हमेशा से रिटेलर्स के साथ मिलकर उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं देने और उनकी क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में काम करते रहे हैं। व्यापारिक संस्थाओं और स्थानीय साझेदारों के सहयोग से, कूलर और फ़ाउंटेन मशीनों में निवेश जैसे कदमों के ज़रिये हम लगातार क्षमता निर्माण और उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रहे हैं। ‘सुपरपावर रिटेलर प्रोग्राम’ और ‘कोक बडी’ जैसी पहलों के माध्यम से हम रिटेलर्स को नई स्किल्स और डिजिटल टूल्स से सशक्त बना रहे हैं, ताकि वे और मज़बूती से आगे बढ़ सकें। ‘लोकली योर्स’ अभियान के ज़रिये हम उनके उद्यमी जज़्बे, समुदाय को जोड़ने की उनकी भूमिका और रोज़मर्रा की ज़िंदगी में उनके अमूल्य योगदान का जश्न मना रहे हैं।”
‘लोकली योर्स’ में दुकानदारों और साझेदारों की असली कहानियाँ दिखाई जाएंगी। पोर्ट्रेट्स और फ़िल्मों के ज़रिये उनके समर्पण, मेहनत और उद्यमिता को सामने लाया जाएगा। यह अभियान यह भी दर्शाता है कि कैसे ये लोग अपनी लगन और नए तरीक़ों से न केवल अपने कारोबार को बढ़ा रहे हैं, बल्कि अपने समुदायों के लिए गर्व का कारण भी बन रहे हैं।
देशभर में 60 लाख से ज़्यादा रिटेलर्स और डिस्ट्रीब्यूटर्स के नेटवर्क के साथ, कोका-कोला इंडिया को गर्व है कि वह भारत के सबसे जीवंत रिटेल इकोसिस्टम का हिस्सा है। हर लेन-देन सिर्फ़ ख़रीद-बिक्री नहीं, बल्कि एक रिश्ता, एक अवसर और भारत की मेहनत व उद्यमशीलता की सच्ची पहचान का उत्सव है।