नई दिल्ली, अगस्त 2023: महामारी के दो मुश्किल वर्षों के बाद पर्यटन एवं आतिथ्य उद्योग फिर से पटरी पर लौट रहा है, ऐसे में होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एचएआई) इस क्षेत्र के भविष्य के बारे में एक विज़न और रोडमैप लेकर सामने आई है। एचएआई ने माननीय पर्यटन सचिव श्रीमती वी. विद्यावती के साथ हाल ही में मुलाकात की और उन्हें इस रिपोर्ट की एक प्रति सौंपी जिसका शीर्षक है ’विज़न 2047 – इंडियन होटल इंडस्ट्री – चैलेंजिस एंड द रोड अहैड’।
इस शिष्टमंडल में शामिल थेः एचएआई के उपाध्यक्ष श्री के.बी. काचरु जो दक्षिण एशिया में रैडिसन होटल ग्रुप के चेयरमैन अमेरिटस और प्रधान सलाहकार हैं; एसोसिएशन के महासचिव श्री एम.पी. बेज़बरुआ; एचएआई के संस्थापक सदस्य सुश्री प्रिया पॉल, चेयरपर्सन, एपीजे सुरेन्द्र पार्क होटल्स लिमिटेड; डॉ ज्योत्सना सूरी, चेयरपर्सन व एमडी, भारत होटल्स लिमिटेड। इनके साथ शामिल थेः एचएआई के फैलो मैम्बर श्री अजय के. बकाया जो सरोवर होटल्स प्रा. लि. के प्रबंध निदेशक हैं तथा एचएआई की उपमहासचिव श्रीमती चारुलता सुखिया।
इस रिपोर्ट में इंडस्ट्री के भविष्य को लेकर विभिन्न संभावित परिदृश्यों का खाका प्रस्तुत किया गया है और यह उल्लेख किया गया है कि स्वतंत्रता के 100वें वर्ष में यह उद्योग क्या हासिल कर सकता है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि महामारी ने किस प्रकार कारोबार करने के तरीकों को बदल दिया है तथा टेक्नोलॉजी, सस्टेनेबिलिटी की चिंताओं, ग्राहकों के बदलते बर्ताव, डिजिटलीकरण, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस आदि मेगाट्रैंड्स का विश्लेषण किया गया जो आतिथ्य उद्योग के भविष्य को आकार देंगे।
वर्ल्ड ट्रैवल एंड टूरिज़्म काउंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) के मुताबिक साल 2021 में जीडीपी में योगदान देने में भारत का 6ठा स्थान था, जबकि उससे पहले अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी व इटली थे। 2020 में भारत के जीडीपी में पर्यटन व आतिथ्य उद्योग का योगदान 122 अरब यूएस डॉलर था जो अगले साल बढ़कर 2021 में 135.4 अरब यूएस डॉलर हो गया। गौर तलब है की महामारी से पहले 2019 में यह आंकड़ा 191 यूएस डॉलर था। इस रिपोर्ट में यह चर्चा की गई है कि इस वृद्धि को किस प्रकार मजबूत किया जाए तथा वर्तमान अनुभवों पर किस तरह से भविष्य का निर्माण किया जाए।
विज़न 2047 रिपोर्ट तैयार करने के श्रीमती वी. विद्यावती ने एचएआई की सराहना की। उन्होंने उद्योग के भीतर मजबूत भागीदारी एवं सृजनात्मक संवाद के महत्व पर बल दिया। उन्होंने भारत सरकार के इंटिग्रेटिड डेस्टिनेशन डैवलपमेंट विज़न को भी रेखांकित किया और बताया कि एचएआई इसमें क्या भूमिका निभा सकती है। इस दस्तावेज में अगले 25 वर्षों के लिए भारतीय होटल उद्योग की संभावनाओं को रेखांकित किया गया है। यह दस्तावेज बताता है कि होटल उद्योग के स्टेकहोल्डरों के लिए मिलजुल कर काम करने के क्या अवसर उपलब्ध हैं।
एचएआई को विश्वास है कि इस रिपोर्ट में प्रदान की गई जानकारी अहम चुनौतियों के समाधान निकालने में मददगार साबित होगी।
एचएआई के अध्यक्ष तथा आईएचसीएल के प्रबंध निदेशक एवं सीईओ पुनीत छटवाल ने कहा, ’’पर्यटन उद्योग महत्वपूर्ण परिवर्तन एवं प्रौद्योगिकी के दौर से गुजर रहा है जिससे हमें कस्टमर ऐंगेजमेंट्स को बढ़ाने में मदद मिली है। विभिन्न स्तरों पर प्रयासों का मिलाप एवं सरकार तथा निजी स्टेकहोल्डरों के बीच सहयोग के बल पर रोजगार उत्पन्न करने व देश की विकास में योगदान देने के विज़न को हकीकत में बदला जा सकता है।
इंडस्ट्री नई चुनौतियों का सामना करने और नई ऊंचाईयों को छूने व दुनिया भर में मान्यता प्राप्त करने के लिए खुद को तैयार कर रही है। वह स्वयं को पुनः डिजाइन कर रही है ताकि राष्ट्रीय विकास के लक्ष्यों का प्रमुख स्तंभ बन सके। यह रिपोर्ट संदर्भ एवं मार्गदर्शन के लिए बहुत उपयोगी सिद्ध होगी।
होटल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव एम.पी. बेज़बरुआ ने कहा, ’’भारत अमृतकाल का उत्सव मना रहा है, हमारे देश की आजादी को 75 वर्ष पूरे हो चुके हैं और अब हम 100 साल पूरे करने के सफर पर चल पड़े हैं। आतिथ्य उद्योग के विज़न 2047 में इस उद्योग की भूमिका की परिकल्पना की गई है कि सरकार के मिशन मोड टूरिज़्म डैवलपमेंट में यह किस तरह सहयोगात्मक हो सकती है। इस रिपोर्ट में एक गतिशील, जीवंत आतिथ्य उद्योग के निर्माण का खाका पेश किया गया है जो राष्ट्र के विकास लक्ष्यों को आकार प्रदान करेगा।’’
एचएआई के उपाध्यक्ष तथा चेयरमैन एमेरिटस व प्रधान सलाहकार (दक्षिण एशिया), रैडिसन होटल ग्रुप के.बी. काचरु ने कहा, ’’पर्यटन के क्षेत्र में भारत विस्तृत अवसरों का देश है और यहां भरपूर प्रतिभा है। इंडिया विज़न 2047 बात करता है 1 ट्रिलियन यूएस डॉलर की पर्यटन अर्थव्यवस्था की तथा दस लाख अंतर्राष्ट्रीय आमदों की। आतिथ्य उद्योग केन्द्रीय भूमिका निभाएगा। यह रिपोर्ट आगे की राह और चुनौतियों का जायजा लेती है, और उन नीतिगत हस्तक्षेपों पर प्रकाश डालती है जो होटलों की तीव्र वृद्धि हेतु जरूरी हैं, तभी घरेलू एवं विदेशी यात्रियों की आमद के लक्ष्यों को पूरा किया जा सकेगा।’’
पर्यटन मंत्रालय ने इंडस्ट्री के इस निवेदन का समर्थन किया है कि केन्द्र एवं राज्य स्तर पर होटलों को भी ’इंफ्रास्ट्रक्चर’ का दर्जा दिया जाए ताकि होटलों को भी सभी राज्यों एवं केन्द्र शासित प्रदेशों में एकसमान रूप से मैन्युफैक्चरिंग को दिए जाने वाले लाभ मिल सकें। यही मांग राष्ट्रीय पर्यटन नीति में भी प्रस्तावित है और उद्योग बेसब्री से प्रतीक्षा कर रहा है कि संबंधित मंत्रालयों/सरकारों से इसे स्वीकृति प्राप्त हो जाए।
एचएआई की टीम ने माननीय सचिव महोदया को एसोसिएशन के बारे में और उसके उद्देश्यों एवं गतिविधियों से अवगत कराया। अन्य जिन मुद्दों पर चर्चा हुई उनमें शामिल थे- घरेलू पर्यटन विशेषकर धार्मिक पर्यटन, देश में यूनेस्को धरोहर स्थलों का प्रचार तथा अक्टूबर के प्रथम सप्ताह में नई दिल्ली में होने जा रहा पीएटीए ट्रैवल मार्ट का आयोजन। इस चर्चा को आगे ले जाने के लिए जल्द ही अन्य मुलाकात की योजना बनाई जाएगी। सभी पक्ष एकजुट होकर आगे बढ़ने के लिए प्रतिबद्ध हैं।