नई दिल्ली, जून, 2023: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के तत्वावधान में राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनएसडीसी) और राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (एनसीवीईटी) ने सेक्टर स्किल काउंसिल (एससीसी) के माध्यम से सार्वजनिक-निजी भागीदारी को मजबूत करके भारतीय युवाओं के लिए व्यावसायिक शिक्षा और कौशल प्रशिक्षण को आकांक्षी बनाने के लिए अपनी प्रतिबद्धिता दिखाई है।एमएसडीई ने कौशल स्किल ईकोसिस्टम को अधिक चुस्त बनाने और उनकी भूमिकाओं को रीइमेजिन और रीडिज़ाइन करके उन्हें अधिक प्रभावी और प्रभावशाली बनाने के लिए उद्योग की जरूरतों पर प्रतिक्रिया देने में एसएससी की महत्वपूर्ण भूमिका पर चर्चा करने के लिए एक वर्कशॉप आयोजित की। वर्कशॉप में उद्योग की जरूरतों को पूरा करने के लिए विभिन्न क्षेत्रों में विभिन्न जॉब रोल के लिए उद्योग संचालित कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता पर चर्चा हुई।
यह वर्कशॉप श्री अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई; डॉ. एन एस कलसी, चेयरमैन, एनसीवीईटी;डॉ. केके द्विवेदी, अतिरिक्त सचिव, एमएसडीई;सुश्री त्रिशालजीत सेठी, डीजी, डीजीटी; सुश्री सोनल मिश्रा, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; डॉ. नीना पाहुजा, एग़्ज़ीक्यूटिव मेम्बर, एनसीवीईटी; श्री नीलांबुज शरण, सीनियर इकोनोमिक एडवाइज़र, एमएसडीई और श्री वेद मणि तिवारी, ऑफिशिएटिंग सीईओ, एनएसडीसी और एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल की उपस्थिति में आयोजित की गई।
इस कार्यक्रम में सभी 36 एसएससी, उनके सीईओ/प्रतिनिधि और कुछ एसएससी के चेयरपर्सन एक साथ आए। इसने युवाओं को अंतरराष्ट्रीय बाजारों के लिए प्रतिस्पर्धी बढ़त और चपलता से लैस करने के लिए अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप कौशल और योग्यताओं की मैपिंग पर ध्यान केंद्रित किया। इसमें विदेशी बाजारों में उच्च-कुशल कर्मियों की मांग को पूरा करने के लिए लॉन्गटर्म प्रशिक्षण कार्यक्रम डिजाइन करने पर जागरूकता और काउंसलिंग सेशन को प्राथमिकता देने की भी परिकल्पना की गई।
एआई, मशीन लर्निंग, ब्लॉकचेन और अन्य से लेकर विभिन्न क्षेत्रों में नए युग के कोर्सों और कौशल कार्यक्रमों में उद्योग की भागीदारी के साथ अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे की स्थापना ऑन-द-जॉब प्रशिक्षण, वास्तविक दुनिया के वर्क-सिनेरियो को एकीकृत करने और उद्योग विशेषज्ञ के मार्गदर्शन की सुविधा प्रदान करेगी जो विदेशी गतिशीलता को बढ़ावा देने और बेहतर प्लेसमेंट में सहायक है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने भारत को एक टेक्नोलॉजिकल पॉवरहाउस बनाने के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के विजन को साकार करने में सार्वजनिक-निजी क्षेत्र के सहयोग के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने एक सेन्ट्रलाइज़ और आउटकम ओरिएन्टिड अप्रोच की आवश्यकता पर प्रकाश डाला जो करिकुलम डेवलपमेन्ट और एक्सपीरियन्शियल को इंटीग्रेट करता है, जिसमें सेक्टर स्किल काउंसिल (एसएससी) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
श्री अतुल तिवारी ने रिक्रूटमेन्ट, ट्रेन और डिप्लॉय (आरटीडी) मॉडल के महत्व पर जोर दिया, जो उभरती प्रतिभाओं को अपने कौशल सेट को उन्नत करने, मान्यता प्राप्त प्रशिक्षण प्राप्त करने और उनकी रोजगार क्षमता बढ़ाने के अवसर प्रदान करता है। उन्होंने कैपिटल गुड्स और आयरन एंड स्टील उद्योग में प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं की मांग पर भी प्रकाश डाला, जो उद्योग की जरूरतों के अनुरूप कस्टमाइज किए गए प्रशिक्षण कार्यक्रम विकसित करने और युवाओं की नौकरी की तैयारी को बढ़ाने का एक आकर्षक अवसर पेश करता है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि इस तरह के सहयोग से विश्वसनीय रास्ते बनेंगे, जिससे कौशल कार्यक्रमों को व्यावहारिक तरह से सीखने और देश के युवाओं की रोजगार क्षमता में सुधार के लिए मान्यता मिल सकेगी।
इसके अलावा, मंत्रालय और एसएससी ने अंतर को पाटने के लिए उचित कौशल हस्तक्षेप तैयार करने के लिए स्किल गैप स्टडी पर चर्चा की। स्किल गैप की भयावहता और प्रकृति को समझने के लिए प्रशिक्षकों और मूल्यांकनकर्ताओं, जॉब रोल्स, सेंटर ऑफ़ एक्सीलेन्स और शुल्क-आधारित कोर्स पर स्टडी की गई है। स्टडी से पता चलता है कि पीएमकेवीवाई के जॉब रोल के मामले में शीर्ष पांच प्रशिक्षक और मूल्यांकनकर्ता आयरन एंड स्टील, कैपिटल गुड्स, अपैरल, पॉवर और आईटी/आईटीईएस हैं। दूसरी ओर, पीएमकेवीवाई के लिए सबसे अधिक मांग वाले जॉब रोल्स टेक्सटाइल, इलेक्ट्रॉनिक्स और रबर केमिकल और पेट्रोकेमिकल हैं, जो प्रासंगिक क्षेत्रों में युवाओं को कौशल प्रदान करने और रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने का एक आशाजनक अवसर दे रहे हैं।.
मीटिंग में माइग्रेशन और अन्य बाह्यताओं को संबोधित करने के लिए राज्य/क्षेत्रीय/क्लस्टर स्तर पर स्किल गैप स्टडी बनाने के विचार पर ठोस चर्चा हुई। यह वर्कफोर्स डायनामिक्स को समझने और एक मजबूत और अधिक टिकाऊ अर्थव्यवस्था के लिए स्थानीय समाधानों पर ध्यान केंद्रित करने वाले गैप को पाटने में एक गेम-चेंजर हो सकता है। एसएससी ने विभिन्न क्षेत्रों में रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने के लिए जॉब रोल्स की माइक्रो-क्रिडेन्शियेलिंग को अपनाने पर भी चर्चा की। कौशल को पहचानकर, व्यक्ति आज के तेजी से बढ़ते जॉब मार्केट में प्रासंगिक बने रह सकते हैं।
इस मीटिंग में उच्च शिक्षा और स्कूली छात्रों की जरूरतों को पूरा करने के लिए व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण योग्यता के लिए अप्रेन्टिसशिप के लाभों को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया गया। ये कोर्स आईटीआई, पॉलिटेक्निक और अन्य तकनीकी संस्थानों में चलाने के लिए उद्योग द्वारा मान्य व्यावसायिक मानकों और वर्तमान बाजार आवश्यकताओं पर डिजाइन किए जाएंगे।
कौशल विकास प्रयासों के लिए एक स्केलेबल, पारदर्शी और टिकाऊ मैकेनिज़्म बनाने की अपनी प्रतिबद्धता की पुष्टि करते हुए, एसएससी युवाओं को नए युग के कौशल से लैस करने के अनुरूप विकसित कौशल आवश्यकताओं, उभरते ट्रेन्ड्स और जॉब रोल को समझने के लिए उद्योग से जुड़ाव को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करता है। यह भाषा संबंधी बाधाओं को दूर करने और सीखने के परिणामों में सुधार करने के लिए क्षेत्रीय भाषाओं में विभिन्न क्वालिफिकेशन पैक (क्यूपी) के लिए सामग्री और पाठ्यक्रम विकसित करता है। ट्रेनिंग डिलीवरी का स्थानीयकरण, निरंतर फीडबैक और मूल्यांकन कुछ अन्य उपाय हैं जिन्हें कौशल विकास पहल के प्रभाव को बढ़ाने के लिए शामिल किया जाएगा।