नई दिल्ली, फरवरी 2023: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) ने डिजिटल आईटी प्लेटफॉर्म के उपयोग और स्थापना के लिए शंघाई कोऑपरेशन ऑर्गनाइज़ेशन (एससीओ) भागीदार देशों में कौशल प्रशिक्षण और उद्यमियों की नई पीढ़ी के माध्यम से कैपिसिटी बिल्डिंग पर आज एक सेमिनार आयोजित किया। सेमिनार में, भारत ने स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, आईटी और अन्य क्षेत्रों में डिजिटल परिवर्तन पर अपनी बेस्ट प्रैक्टिसिस को प्रस्तुत किया, जिसमें उन सेक्टर्स पर विशेष फोकस किया गया, जिन्होंने महामारी के दौरान जनता के सामने आने वाली कल्याणकारी चुनौतियों को पूरा करने में मदद की।
सेशन में रूस, कजाकिस्तान, ताजिकिस्तान, कंबोडिया, मालदीव, नेपाल, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) सहित आठ सदस्य देशों ने भाग लिया। इसके अलावा, 50 प्रतिनिधि एससीओ सदस्य देशों, ऑब्ज़र्वर देशों और डायलॉग पार्टनर्स से हाइब्रिड मोड में शामिल हुए।
तीव्र गति से हो रहे डिजिटल परिवर्तन के लिए डिजिटल बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और स्वास्थ्य, शिक्षा, कौशल, आईटी और अन्य जैसे सेक्टर्स में इन्डस्ट्री और कौशल आधारित शिक्षा के बीच संबंध बनाने पर चर्चा के साथ विचार-विमर्श किया गया।
सेशन में, अर्बन कंपनी, ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी), इन्वेस्ट इंडिया, वर्ल्डस्किल्स रूस और अन्य जैसे संगठनों सहित कई केस स्टडी और बेस्ट प्रैक्टिसिस को साझा किया गया, जिसने एससीओ भागीदार देशों में डिजिटल इन्टीग्रेशन प्राप्त करने के लिए संस्थानों को संरेखित करने और स्टेकहोल्डर्स को अधिक इंगेज करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया। इसके अलावा, इच्छुक उद्यमियों की क्षमताओं को मजबूत करने की आवश्यकता पर जोर दिया गया, साथ ही आईटी प्लेटफॉर्म, उद्यमिता पहल और ट्रेन्ड्स के उपयोग के साथ कौशल आधारित कैपिसिटी बिल्डिंग के माध्यम से छोटे व्यवसायों को सशक्त बनाने पर जोर दिया गया।
सेमिनार एक उद्घाटन सत्र के साथ शुरू हुआ, इसके बाद डिजिटल ट्रान्सफॉर्मेशन और इन्डस्ट्री और कौशल-आधारित शिक्षा के बीच संबंधों पर एक पूरा सेशन हुआ, इसके बाद ग्लोबल फुटप्रिन्ट्स बढ़ाने के लिए सरकार और व्यवसायों के बीच आईटी प्लेटफार्मों के सहयोग पर एक और पूरा सेशन आयोजित किया गया और आईटी पोर्टलों के एग्रीगेशन के माध्यम से छोटे व्यवसायों और उद्यमों को बढ़ावा देने पर एक पैनल चर्चा हुई।
एक वीडियो संदेश के माध्यम से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, केन्द्रीय शिक्षा एवं कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने कई विषयों, कई विषयों, सामान्य शिक्षा और कौशल शिक्षा में वर्टिकल और हॉरिज़ोन्टल मोबिलिटी प्रदान करने के लिए शिक्षा प्रणाली में कई एंट्री और एग़्ज़िट प्वाइन्ट्स बनाने के महत्व पर बल दिया।नेशनल स्किल्स क्वालिफिकेशन फ्रेमवर्क (NSQF) की बात करते हुए, केन्द्रीय मंत्री ने आईटी प्लेटफॉर्म का उपयोग करके डिजिटल क्रेडिट जमा करने, स्थानांतरित करने और रिडीम करने के लिए एक प्रणाली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका पर ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने भारत को शिक्षा और कौशल क्षेत्र में अपनी महत्वाकांक्षा को साकार करने में मदद करने के लिए ओपन-सोर्स डिजिटल टूल्स की भूमिका पर भी प्रकाश डाला और विशेष रूप से एससीओ देशों में सुरक्षा और आर्थिक विकास के कन्वर्जेन्स पर प्रकाश डाला।
माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के ‘स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग’ के मंत्र के साथ और स्किल इंडिया डिजिटल प्लेटफॉर्म पर बजट 2023-24 में हाल ही में की गई घोषणा के साथ, यह समझाने के लिए एक विस्तृत प्रस्तुति दी गई कि कैसे मांग-आधारित औपचारिक कौशल को सक्षम बनाकर और उद्यमिता योजनाओं तक पहुंच को सुगम बनाकर यूनीक प्लेटफार्म डिजिटल स्किल ईकोसिस्टम का विस्तार कर रहा है।
इस अवसर पर बोलते हुए एमएसडीई केसचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, इकोनोमिक वैल्यु को अनलॉक करने और साझा समृद्धि के मार्ग का निर्माण करने के लिए स्किलिंग, रीस्किलिंग और अपस्किलिंग पर एससीओ देशों का सहयोग महत्वपूर्ण होगा। उभरती प्रौद्योगिकियों द्वारा पूरे ट्रेनिंग स्पेस में क्रांति लाई जा रही है। लर्निंग डिलीवरी मेथड पर लागू प्रौद्योगिकी के विकास ने सीखने के अनुभव को पहले से कहीं अधिक विशिष्ट, व्यक्तिगत और मापने योग्य बना दिया है, जिससे अवसर खुल गए हैं। मुझे विश्वास है कि सेमिवार न केवल एससीओ देशों को सहयोग करने और आईटी प्लेटफॉर्म के माध्यम से परिवर्तनकारी सार्वजनिक वस्तुओं और सेवाओं की पेशकश करने के लिए एक प्लेटफॉर्म देगा बल्कि डिजिटल यात्रा शुरू करने के लिए नई अंतर्दृष्टि और रास्ते भी बनाएगा।
इस पहल की सराहना करते हुए, एससीओ के डिप्टी जनरल सेक्रेटरी, ग्रिगोरीलोगिनोव ने कहा, महामारी ने मानव गतिविधि के सभी क्षेत्रों में नई डिजिटल तकनीकों को तेज करने के लिए एक प्रोत्साहन दिया है। प्रत्येक वर्ष, एससीओ सदस्य देशों को शिक्षकों और छात्रों के लिए ऑनलाइन शिक्षण की उपलब्धता, प्लेटफार्मों और सर्च इंजन के निर्माण की आवश्यकता बढ़ रही है। सेमिनार में डिजिटल साक्षरता में सुधार के लिए शैक्षिक प्रक्रिया में नए डिजिटल शैक्षिक संसाधनों को पेश करने, आर्टिफिशियल इन्टेलीजेन्स के उपयोग, प्रौद्योगिकियों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
इस कार्यक्रम में श्री अतुल कुमार तिवारी, सचिव, एमएसडीई; केके द्विवेदी, संयुक्त सचिव, एमएसडीई; सुश्री त्रिशालजीत सेठी, अपर सचिव/महानिदेशक (प्रशिक्षण), डीजीटी, एमएसडीई; वेद मणि तिवारी, सीईओ, एनएसडीसी और एमडी, एनएसडीसी इंटरनेशनल; डॉ मनीष मिश्रा, एग़्ज़ीक्यूटिव वीपी, एनएसडीसी; अनिल सहस्रबुद्धे, चेयरमैन, राष्ट्रीय शैक्षिक प्रौद्योगिकी मंच और राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड; नैसकॉम की सीईओ कीर्ति सेठ; अभिषेक सिंह, अतिरिक्त सचिव और सीईओ, एनईजीडी/डीआईसी, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय; एलीना व्लादिमिरोवना दोशकानोवा, डिप्टी जनरल डायरेक्टर, एजेंसी फॉर डेवलपमेन्ट ऑफ़ प्रोफेशनल स्किल्स (वर्ल्डस्किल्स रूस); अनुराग जैन, सचिव, उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग, वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय, डॉ. सैम सेठसेरी, जनरल सेक्रेटरी, डीजीसी, डायरेक्टर जनरल, आईडीआरआई ऑफ़ सीएडीटी सहित भागीदार देशों के कुछ प्रतिनिधि भी शामिल हुए।
उल्लेखनीय है कि एससीओ की स्थापना 2001 में हुई थी और भारत ने 2017 में सदस्य देश बनने से पहले 2005 में एक पर्यवेक्षक देश के रूप में इसके साथ अपना सहयोग शुरू किया। दुशांबे में 17 सितंबर 2021 को पहली बैठक के दौरान, माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अपने विकास कार्यक्रमों में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करने के भारत के अनुभव के बारे में बात की थी और अन्य एससीओ सदस्यों के साथ ओपन-सोर्स समाधान साझा करने की पेशकश की थी।