हिन्दू धर्म में एकादशी व्रत या ग्यारस तिथि का महत्त्व

हिंदू धर्म में एकादशी या ग्यारस एक महत्वपूर्ण तिथि है। एकादशी व्रत की बड़ी महिमा है। एक ही दशा में रहते हुए अपने आराध्य देव का पूजन व वंदन करने की प्रेरणा देने वाला व्रत ही एकादशी व्रत कहलाता है। पद्म पुराण के अनुसार स्वयं महादेव ने नारद जी को उपदेश देते हुए कहा था, … Read more

समृद्धि से सेवा की विरासत के अग्रदूत हैं के. एल. जैन

राजस्थान के मारवाड़ी समाज में ऐसे अनेक विलक्षण व्यक्तित्व हुए हैं जिन्होंने अपने सद्पुरुषार्थ से असंभव को संभव कर दिखाया है। समृद्धि के नये इतिहास गढ़ने वाला यह समाज सेवा के शिखर भी निर्मित करता रहा है। इतिहास में कई मौके आए, जब इस समाज की अनेक प्रतिभाओं ने अदम्य साहस का परिचय देकर दुनिया … Read more

संघ रचता है संस्कृति के नये स्वस्तिक

अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर, 2022 पर विशेष सामाजिक और आर्थिक विकास के लिए अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस 5 दिसंबर को प्रतिवर्ष दुनिया भर में मनाया जाता है। यह दिवस सभी व्यक्तिगत स्वयंसेवकों और स्वयंसेवी संगठनों को अंतर्राष्ट्रीय, राष्ट्रीय और स्थानीय स्तरों पर उनके योगदान को दिखाने का एक बड़ा अवसर प्रदान करता है। यह दिन … Read more

जीव-जंतुओं की आहे एवं क्रंदन को सुनना होगा

उत्तर प्रदेश के बदायूं में चूहे को मारने के आरोप में एक युवक के खिलाफ मामला दर्ज होने की घटना मानव-समाज में साधारण होकर भी चौका रही है, चौका इसलिये रही है कि यह मनुष्य की संवेदनहीनता, बर्बरता एवं क्रूरता की मानसिकता को दर्शाती है। बेजुबानों के साथ निर्दयता का सिलसिला खत्म नहीं होना चिन्ताजनक … Read more

सफल जीवन के लिये हम खुद को बदलें

हर रिश्ते को संवेदना से जीने के लिये जरूरी है प्रेम एवं विश्वास। प्यार एवं विश्वास दिलों को जोड़ता है। इससे कड़वे जख्म भर जाते हैं। प्यार की ठंडक से भीतर का उबाल शांत होता है। हम दूसरों को माफ करना सीखते हैं। इनकी छत्रछाया में हम समूह और समुदाय में रहकर शांतिपूर्ण जीवन जी … Read more

अमीरी गरीबी में बढ़ती खाई राजनीति मुद्दा क्यों नहीं?

गुजरात के विधानसभा चुनाव का एक मुख्य मुद्दा अमीरी गरीबी के बढ़ते फासले एवं गरीबों की दुर्दशा का होना चाहिए था, लेकिन दुर्भाग्य से यह मुद्दा कभी भी चुनावी मुद्दा नहीं बनता। अमीर अधिक अमीर हो रहे हैं और गरीब अधिक गरीब। गौतम अडाणी एवं मुकेश अंबानी के दिन दोगुने रात चौगुने फैलते साम्राज्य पर … Read more

राष्ट्रपति शब्द पर पुनः विचार की जरूरत

हाल ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन ने जब कथित तौर पर जुबान फिसलने पर राश्टपति द्रोपदी मुर्मु को राश्टपत्नी की संज्ञा देते हुए संबोधित किया तो एक बार फिर इस पर बहस षुरू हो गई है कि क्या राश्टाध्यक्ष या राश्टप्रमुख का नामकरण राश्टपति करने में मौलिक त्रुटि हो गई। राश्टपति षब्द … Read more

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

बजट हर वर्ष आता है। अनेक विचारधाराओं वाले वित्तमंत्रियों ने विगत में कई बजट प्रस्तुत किए। पर हर बजट लोगों की मुसीबतें बढ़ाकर ही जाता है। लेकिन इस बार बजट ने नयी परम्परा के साथ राहत की सांसें दी है तो नया भारत- सशक्त भारत के निर्माण का संकल्प भी व्यक्त किया है। इस बजट … Read more