
कलकत्ता से आये हुए विशेष कारीगरों द्वारा माता की मूर्ति को पवित्र मिट्टी द्वारा बनाया जा रहा है और उसके पश्चात् कलकत्ता से ही मंगाए गए विशेष श्रृंगार से माता को सजाया जाना है !
28 सितम्बर 2025 रविवार प्रातः 10.14 बजे षष्टी की पूजा कलकत्ता से आये पुजारीगण द्वारा की जायेगी और संध्या में माता का आमंत्रण, बोरोन, अधिवास किया जाएगा और उसके बाद संध्या 7 बजे आरती की जायेगी ! इसके पश्चात सोमवार को महा सप्तमी, मंगलवार को महा अष्टमी व बुधवार को महा नवमी की पूजा प्रतिदिन प्रातः 10 बजे से आरम्भ होकर दोपहर 1.30 बजे भोग से साथ पूर्ण होगी ! महा अष्टमी एवं महा नवमी की तिथियों के संधि काल के शुभ मुहूर्त की विशेष पूजा मंगलवार दोपहर 1.20 बजे होगी. नवमी की विशेष पूजा में कन्या रूप में माँ की पूजा बुधवार को होगी ! दोनों दिन संध्या काल में 7.15 बजे महा आरती होगी और उसके पश्चात् सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे ! 2 अक्टूबर को प्रातः माता का दर्पण विसर्जन होने के पश्चात् सुहागनों द्वारा आपस में सिंदूर लगा कर अखंड सुहाग की कामना के साथ माता के पुनः आगमन की कामना की जायेगी और फिर संध्या 4.30 बजे माता की मूर्ती का विसर्जन जुलुस के साथ किया जायगा.
पी के दास
कोषाध्यक्ष
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