ख़्वाजा साहब की दरगाह के सामने से बाल विवाह समाप्त करने का संयुक्त आह्वान ,
,आध्यात्मिक नेताओं, अधिवक्ताओं और समाजसेवियों ने दरगाह बाज़ार, अजमेर शरीफ़ पर मिलकर दिया समर्थन,
अजमेर, 13 सितंबर 2025: राजस्थान महिला कल्याण मंडल द्वारा संचालित ‘एक्सेस टू जस्टिस’ कार्यक्रम के तहत ‘चाइल्ड मैरिज फ्री वर्ल्ड’ अभियान के अंतर्गत 12 से 14 सितंबर तक विशेष जागरूकता गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इस अभियान का मुख्य उद्देश्य समाज में बाल विवाह की प्रथा को समाप्त करना है, अजमेर की विश्व प्रसिद्ध ख्वाजा गरीब नवाज दरगाह शरीफ के मुख्य द्वार के समक्ष आयोजित कार्यक्रम में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने सक्रिय भागीदारी निभाई। और अभियान को समर्थन दिया। संस्था निदेशक राकेश कुमार कौशिक ने बताया कि कार्यक्रम में दरगाह खादिमों की संस्था अंजुमन कमेटी, चिश्ती फाउंडेशन, तारागढ़ दरगाह के खादिम तथा गरीब नवाज वेलफेयर सोसाइटी अजमेर के सहयोगकर्ताओं ने भाग लिया। इन संगठनों के प्रतिनिधियों ने बाजार में घूम-घूमकर लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों के बारे में जागरूक किया।
उपनिदेशक नानूलाल प्रजापति ने बताया कि संस्था के द्वारा अभियान राज्य के अजमेर, बीकानेर, नागौर, डीडवाना कुचामन, चूरू, झुंझुनूं सहित छः जिलों में संचालित किया जा रहा है।
ऐतिहासिक दरगाह बाज़ार, अजमेर शरीफ़ आज एक सशक्त जागरूकता आंदोलन का केंद्र बना। यह आयोजन वैश्विक बाल विवाह समाप्ति अभियान (12–14 सितम्बर 2025) के अंतर्गत किया गया। राजस्थान महिला कल्याण मंडल (RMKM) द्वारा चिश्ती फ़ाउंडेशन, अजमेर शरीफ़ के सहयोग से आयोजित इस कार्यक्रम में आध्यात्मिक नेताओं, समुदाय प्रतिनिधियों और क़ानूनी विशेषज्ञों ने मिलकर बाल विवाह के खिलाफ सामूहिक कार्रवाई का संकल्प लिया।
प्रमुख प्रतिभागियों में शामिल रहे:
सैयद असलम हुसैन चिश्ती – मेंबर, अंजुमन सैयदज़ादगान
हाजी सैयद सलमान चिश्ती – गद्दीनशीन दरगाह अजमेर शरीफ़ एवं चेयरमैन, चिश्ती फ़ाउंडेशन
एडवोकेट सैयद दानिश अली
एडवोकेट सैयद शहनवाज़ चिश्ती
सैयद मेहराज चिश्ती
(सभी खुद्दाम-ए-ख़्वाजा समुदाय से)
सैयद रब नवाज जाफरी गद्दी नशीन दरगाह हजरत मीरा साहब रहमतुल्ला अलेह तारागढ़ अजमेर तथा गरीब नवाज वेलफेयर सोसाइटी के सचिव मोहम्मद नज़ीर क़ादरी व सहयोगकर्ताओं ने भाग लिया।
ख्वाजा गरीब नवाज़ (र.अ.) का संदेश साझा करते हुए हाजी सैयद सलमान चिश्ती ने कहा:
“बाल विवाह समाप्त करना सामाजिक कर्तव्य ही नहीं बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक ज़िम्मेदारी भी है। हर बच्चे को सम्मान, शिक्षा और स्वस्थ भविष्य का अधिकार मिलना चाहिए।”
सैयद असलम हुसैन चिश्ती ने कहा:
“बाल विवाह अन्याय है जो बच्चों के अधिकारों को छीन लेता है। इसे समाप्त करने के लिए धार्मिक और सामुदायिक संस्थाओं को एकजुट होना होगा।”
एडवोकेट सैयद दानिश अली ने ज़ोर देकर कहा:
“क़ानून बाल विवाह पर रोक लगाता है। जब क़ानूनी, आध्यात्मिक और सामाजिक आवाज़ें मिलती हैं, तो यह बुराई हमेशा के लिए समाप्त की जा सकती है।”
सैयद रब नवाज जाफरी ने कहा कि बाल विवाह समाप्ति का संदेश आध्यात्मिक केंद्रों, शैक्षणिक संस्थानों और सामाजिक मंचों के माध्यम से फैलाया जाएगा, जिससे अजमेर शरीफ़ इस वैश्विक संघर्ष में आशा की एक जगमगाती मशाल बन सके।
उन्होंने स्पष्ट संदेश दिया कि बाल विवाह न केवल कानूनी रूप से अपराध है, बल्कि किसी भी धर्म द्वारा समर्थित नहीं है। इस्लाम, हिंदू धर्म या अन्य किसी भी धर्म में बाल विवाह को प्रोत्साहन नहीं दिया जाता।
मुस्लिम समाज ने अपील की कि वे इस प्रथा को रोकने के लिए सामूहिक प्रयास करें, ताकि बच्चों को शिक्षा और बेहतर भविष्य का अवसर मिल सके।
राजस्थान महिला कल्याण मंडल बाल विवाह, बाल श्रम, बाल तस्करी और बाल यौन शोषण जैसे मुद्दों पर काम करता है। ‘एक्सेस टू जस्टिस’ परियोजना के दूसरे चरण के तहत यह अभियान जस्ट राइट फॉर चिल्ड्रन के समर्थन से चलाया जा रहा है।