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“SPCDF को मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी का दर्जा देने के प्रस्ताव पर अजमेर डेयरी का कड़ा विरोध, RCDF के साथ खड़ी”

अजमेर
/
September 10, 2025
अजमेर।
राजस्थान की सहकारी दुग्ध संरचना पर मंडरा रहे खतरे को लेकर अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने कड़ा बयान जारी किया है। सरदार पटेल को-ऑपरेटिव डेयरी फेडरेशन लि. (SPCDF) को मल्टी स्टेट को-ऑपरेटिव सोसायटी के रूप में पंजीयन देने के प्रस्ताव का अजमेर डेयरी ने जोरदार विरोध करते हुए इसे राजस्थान के किसानों की आजीविका और सहकारिता आंदोलन पर सीधा हमला बताया है।
अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने कहा कि राजस्थान की दुग्ध सहकारी संरचना दशकों की मेहनत, किसानों के त्याग और सहकारिता की नींव पर मजबूती से खड़ी है। इस परिस्थिति में SPCDF का पंजीयन राज्य की सहकारी संस्थाओं की जड़ों को कमजोर करेगा और आने वाले समय में राजस्थान के लाखों दुग्ध उत्पादक किसानों को गंभीर संकट का सामना करना पड़ेगा।
अजमेर डेयरी की विस्तृत आपत्तियाँ
1. राजस्थान की दुग्ध सहकारी संरचना किसानों के पसीने और त्याग पर आधारित है। SPCDF का पंजीयन इस मजबूत ढाँचे को कमजोर करेगा।
2. मल्टी स्टेट सोसायटी आने से बाहरी कॉर्पोरेट और अन्य राज्यों की संस्थाओं का दबदबा बनेगा और किसानों को दूध का उचित मूल्य नहीं मिल पाएगा।
3.राजस्थान सरकार की योजनाओं एवं सब्सिडी का लाभ स्थानीय किसानों की जगह बाहरी संस्थाएँ हड़प लेंगी।
4. यह कदम सहकारिता आंदोलन की भावना और राज्य सरकार की दुग्ध विकास नीतियों का सीधा उल्लंघन है।
5. RCDF के अंतर्गत कार्यरत डेयरियों के सामने समानांतर और प्रतिस्पर्धी माहौल बनेगा, जिससे किसानों में भ्रम, असुरक्षा और असंतोष फैलेगा।6. पंजीयन मिलने पर दुग्ध विपणन और मूल्य निर्धारण पर अन्य राज्यों व कॉर्पोरेट संस्थाओं का नियंत्रण स्थापित हो जाएगा और राजस्थान के किसानों की आवाज दब जाएगी।
7. राजस्थान के किसान पहले से ही महंगाई, चारागाहों की कमी और उत्पादन लागत बढ़ने की चुनौतियों से जूझ रहे हैं। ऐसे समय में SPCDF का प्रवेश उनकी मुश्किलें और बढ़ा देगा।
8. सहकारिता आंदोलन किसानों को समान अवसर, पारदर्शिता और लोकतांत्रिक भागीदारी देता है, जबकि मल्टी स्टेट सोसायटी कॉर्पोरेट प्रभाव को बढ़ावा देगी।
9. SPCDF को अनुमति देना राज्य सरकार की दुग्ध विकास योजनाओं पर सीधा प्रहार होगा, जिससे स्थानीय किसान अपने ही राज्य में हाशिये पर चले जाएँगे।
10. अल्पकालिक लाभ के नाम पर यदि इस सोसायटी को पंजीयन दिया गया, तो आने वाले वर्षों में राजस्थान की दुग्ध सहकारी समितियाँ अस्तित्व संकट में पड़ जाएँगी।
अजमेर डेयरी अध्यक्ष ने कहा- “हम किसानों के हक और सहकारिता आंदोलन की रक्षा के लिए हर स्तर पर संघर्ष करेंगे। राजस्थान की सहकारी दुग्ध संस्थाओं को किसी बाहरी दबाव या कॉर्पोरेट ताकत के हाथों कमजोर नहीं होने देंगे। अजमेर डेयरी इस विषय पर पूरी तरह RCDF के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।”
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