अजमेर। ब्रह्मलीन स्वामी हिरदाराम जी साहिब का वर्सी उत्सव रामधुनी व भजन कीर्तन कर मनाया गया। स्वामी हिरदाराम जी का जन्म 21 सितम्बर 1906 में हुआ व ब्रह्मलीन 20 दिसम्बर 2006 को हुए। उसके बाद लगातार प्रत्येक वर्ष रामधुनी व भजन कीर्तन के कार्यक्रम आयोजित किए जाते है।
महंत हनुमानराम उदासीन ने अपने प्रवचनों में कहां कि स्वामी हिरदाराम जी ने सेवा का रथ चला रखा था जो आज भी जारी है, वह कहते थे कि सेवा की शुरूआत करके देखें मन का प्राप्त शांति का सच्चा मार्ग स्वयं दिख जाएंगा। उन्होने बताया कि वर्सी उत्सव देशभर के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। पुष्कर स्थित श्री शांतानन्द उदासीन आश्रम में विशेष रूप से रामधुनी व पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भाग लिया। भरतपुर, छत्तीसगढ़, बिलासपुर, कोटा, संत हिरदाराम नगर, जयपुर में भी कीर्तन और अरदास का आयोजन किया गया, जहां भक्तों ने भगवान के नाम का जाप कर आशीर्वाद प्राप्त किया व सेवा कार्य किए। वर्सी उत्सव में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण भी किया गया, जिससे सभी भक्तों में एक दिव्य आनंद और श्रद्धा का संचार हुआ।
स्वामी हिरदाराम जी के अनुयायी और भक्तगण इस दिन को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हुए उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को संवारने का संकल्प लेते हैं। इस विशेष अवसर पर गौतम सांई, कंवल प्रकाश किशनानी, हरीचन्दनानी, प्रेम केवलरमानी, डॉ. राजेन्द्र मूलचन्दानी, पवन आसवानी, लीलाराम, लक्ष्मणदास, सुरेश कुमार, डॉ. जितेन्द्र कुमार, सहित अनेक प्रतिष्ठित श्रद्धालु और भक्त उपस्थित रहे।
कंवल प्रकाश
9829070059
महंत हनुमानराम उदासीन ने अपने प्रवचनों में कहां कि स्वामी हिरदाराम जी ने सेवा का रथ चला रखा था जो आज भी जारी है, वह कहते थे कि सेवा की शुरूआत करके देखें मन का प्राप्त शांति का सच्चा मार्ग स्वयं दिख जाएंगा। उन्होने बताया कि वर्सी उत्सव देशभर के विभिन्न स्थानों पर श्रद्धा और सम्मान के साथ मनाया जा रहा है। पुष्कर स्थित श्री शांतानन्द उदासीन आश्रम में विशेष रूप से रामधुनी व पूजा-अर्चना का आयोजन किया गया, जिसमें श्रद्धालुओं ने भक्ति भाव से भाग लिया। भरतपुर, छत्तीसगढ़, बिलासपुर, कोटा, संत हिरदाराम नगर, जयपुर में भी कीर्तन और अरदास का आयोजन किया गया, जहां भक्तों ने भगवान के नाम का जाप कर आशीर्वाद प्राप्त किया व सेवा कार्य किए। वर्सी उत्सव में श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरण भी किया गया, जिससे सभी भक्तों में एक दिव्य आनंद और श्रद्धा का संचार हुआ।
स्वामी हिरदाराम जी के अनुयायी और भक्तगण इस दिन को श्रद्धा और आस्था के साथ मनाते हुए उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को संवारने का संकल्प लेते हैं। इस विशेष अवसर पर गौतम सांई, कंवल प्रकाश किशनानी, हरीचन्दनानी, प्रेम केवलरमानी, डॉ. राजेन्द्र मूलचन्दानी, पवन आसवानी, लीलाराम, लक्ष्मणदास, सुरेश कुमार, डॉ. जितेन्द्र कुमार, सहित अनेक प्रतिष्ठित श्रद्धालु और भक्त उपस्थित रहे।
कंवल प्रकाश
9829070059