रामाश्रम सत्संग मथुरा उपकेंद्र अजमेर का तीन दिवसीय आंतरिक सत्संग सम्पन्न
अजमेर, 22 सितम्बर ()। रामाश्रम सत्संग मथुरा उपकेंद्र अजमेर में आयोजित तीन दिवसीय आंतरिक सत्संग समारोह रविवार को सम्पन्न हुआ। समापन अवसर पर प्रवचन देते हुए अमित भैयाजी ने समर्थ गुरु और सत्संग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि साधक अपने अर्जित पुण्य को अपने पूर्वजों को समर्पित करें। उन्होंने पितृपक्ष के महत्व को रेखांकित करते हुए जीवन में पुण्य कर्म और आध्यात्मिक साधना को आवश्यक बताया।
समारोह में देशभर से आए श्रद्धालुओं ने उत्साह और श्रद्धा के साथ भाग लिया। सत्संग के दौरान भजन, ध्यान और प्रवचनों के माध्यम से आध्यात्मिक वातावरण निर्मित हुआ। बड़ी संख्या में सत्संगी भाइयों ने आत्मिक शांति का अनुभव प्राप्त किया।
मोहित भैयाजी ने अपने प्रवचन में सृष्टि के निर्माण की व्याख्या करते हुए बताया कि ब्रह्माजी ने तप के माध्यम से तामसिक सृष्टि को सात्विक बनाया। उन्होंने तप के तीन प्रकार — शारीरिक, मानसिक और आत्मिक तप — समझाते हुए कहा कि मनुष्य जीवन की सफलता के लिए उपासना का विशेष महत्व है।
सत्संग का उद्देश्य साधकों में आध्यात्मिक चेतना का प्रसार करना और मानवीय मूल्यों को और अधिक सुदृढ़ करना बताया गया।