नई दिल्ली, फरवरी, 2023 : टाटा ट्रस्ट्स की पराग पहल ने पराग ऑनर लिस्ट (पीएचएल) के चौथे संस्करण की आज घोषणा की। टाटा ट्रस्ट्स के पराग लिस्ट की आस्था आनंद के लिए पढ़ने की रूपान्तरकारी शक्ति में है और यह सम्पूर्ण भारत के बच्चों को भारतीय भाषाओं में उत्तम बाल साहित्य की सुलभता सुनिश्चित करने की दिशा में सक्रिय है। पराग ऑनर लिस्ट का उद्देश्य हर साल उल्लेखनीय साहित्य का व्यापक संकलन तैयार करके उनकी पाठक संख्या बढ़ाना और उन्हें पुस्तकालय-अध्यापकों, शिक्षकों और माता-पिताओं के लिए सुलभ बनाना है। भारतीय बच्चों को देश में लिखे गए साहित्य को पढ़ने की ज़रुरत है और इससे उभरते प्रकाशकों तथा लेखकों के कार्य को मान्यता प्रदान करने के साथ-साथ सभी के लिए उत्तम साहित्य की सुलभता बढ़ाने में मदद मिलती है।
कर्नाटक सरकार के ग्रामीण विकास और पंचायती राज की अतिरिक्त मुख्य सचिव, उमा महादेवन; साहित्यिक एजेंट और प्रकाशकीय टिप्पणीकार, कनिष्क गुप्त तथा बाल लेखिका, शिक्षिका एवं पीएचएल इंग्लिश जूरी सदस्य, मिनी श्रीनिवासन ने एक ऑनलाइन समारोह में पराग सम्मान सूची 2023 को जारी किया।
पराग ऑनर लिस्ट 2023 के लिए 33 भारतीय प्रकाशकों से 250 से अधिक प्रविष्टियाँ प्राप्त हुई। इनमें से 52 मौलिक रचनाओं को अंतिम सूची के लिए चुना गया था। इस वर्ष की सूची में आरंभिक पाठकों, युवा पाठकों और युवा वयस्क पाठकों के लिए कथा साहित्य (उपन्यास), कथेतर साहित्य और काव्य श्रेणियों की पुस्तकें शामिल हैं। इस सूची में बच्चों के लिए कला, पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन, जेंडर, इतिहास, तथा दर्शन शास्त्र जैसी अल्प-चर्चित विषयवस्तुओं सहित व्यापक विषयवस्तुओं की पुस्तकें शामिल हैं।
पीएचएल 2023 के लिए इंग्लिश जूरी में बाल-साहित्य की लेखिका तथा शिक्षिका मिनी श्रीनिवासन, कथाकार और दिल्ली विश्वविद्यालय की प्राध्यापिका प्राची कालरा, और पुस्तक संग्राहक एवं पुस्तकालय शिक्षक तेजश्वी शिवानन्द शामिल थे। हिंदी निर्णायक मंडल में कवि और निबंधकार अरुण कमल, शिक्षक और अज़ीम प्रेमजी विश्वविद्यालय की “पाठशाला – भीतर और बाहर” के कार्यकारी सम्पादक गुरबचन सिंह, तथा गिल्लो रिपर्टरी थिएटर की कला निदेशक शैली सथ्यू शामिल थीं।
टाटा ट्रस्ट्स की हेड, एजुकेशन, अमृता पटवर्धन ने कहा कि, “संकलित अनुशंसित पुस्तक सूचियाँ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्यापक रूप से विकसित और प्रयुक्त है तथा पाठकों एवं पुस्तकालयों को गुणवत्तापूर्ण संग्रहों की सुलभता में सहायक हैं। पराग सम्मान सूची भारत में पिछले एक वर्ष में हिंदी और अंग्रेजी भाषाओं में प्रकाशित उत्कृष्ट मौलिक पुस्तकों का सावधानीपूर्वक संकलन, चयन और अनुशंसा के लिए अपनी तरह का पहला प्रयास है। हमें पीएचएल के 4थे संस्करण को जारी करने और देश में अच्छी पुस्तकों की पाठक संख्या बढ़ाने पर खुशी हो रही है।”
अपने विचार साझा करते हुए पराग इनिशिएटिव की लीड, लक्ष्मी करुणाकरण ने कहा कि, “पराग सम्मान सूची टाटा ट्रस्ट्स की एक अद्वितीय पहल है जो बाल साहित्य क्षेत्र – उत्कृष्ट पुस्तकों के चयनित संकलन की सुलभता में एक महत्वपूर्ण अंतर को कम करने का प्रयास करती है। इस वर्ष हमें 300 प्रविष्टियाँ प्राप्त हुईं और हमें एक वर्ष की समीक्षा प्रक्रिया के उपरान्त विशेषज्ञ निर्याणक मंडल द्वारा हिंदी और अंग्रेजी में चयनित 52 उत्कृष्ट बाल पुस्तकों की इस वर्ष की सूची प्रस्तुत करते हुए गर्व हो रहा है। इस सूची के माध्यम से हम 85 से अधिक लेखकों और चित्रकारों तथा 15 प्रकाशकों द्वारा किये गए प्रशंसनीय कार्यों का यशोगान करते हैं, जिन्होंने आपके लिए इस वर्ष के लिए सर्वश्रेष्ठ बाल साहित्य प्रस्तुत किया है। हमें आशा है कि इस सूची की पुस्तकों को विद्यालयों, पुस्तकालयों और घरों में बच्चों तथा युवा वयस्कों के बीच व्यापक संख्या में पाठकगण प्राप्त होंगे।”
बुक क्यूरेटर और लाइब्रेरी एजुकेटर, तेजश्वी शिवानन्द ने कहा कि, “अच्छी पुस्तकों को जानने का एक ही तरीका है – पूरा पढ़ें, गहराई से पढ़ें और खुद फैसला करें। अगर आप इस प्रक्रिया के प्रति आश्वस्त नहीं हैं, तो पराग सम्मान सूची से आरम्भ करें, जो इस वर्ष बच्चों के लिए लिखी गई अच्छी पुस्तकों के लिए एक अद्भुत आरम्भ बिंदु है। मेरे लिए, पीएचएल की चयन प्रक्रिया एक उत्साहवर्द्धक और रुचिकर अनुभव थी। मैंने पूरे साल में बच्चों के लिए प्रकाशित अंग्रेजी की पुस्तकों की सम्पूर्ण श्रृंखला पढ़ी। इस प्रक्रिया की समय-सीमा के कारण मुझे प्रत्येक पुस्तक को तन्मयतापूर्वक पढने, बच्चों के साथ इन्हें साझा करने, उनकी प्रतिक्रियाओं का विश्लेषण करने और अपने विचारों को लिपिबद्ध करने में आसानी हुई।”
गिल्लो रेपर्टरी थिएटर की आर्टिस्टिक डायरेक्टर, शैली सथ्यू ने कहा कि, “पराग ऑनर लिस्ट हिंदी बाल साहित्य लेखन और प्रकाशन की दुनिया में एक नई ऊर्जा लाने का अनोखा प्रयास है। ना सिर्फ साहित्य का स्तर बढ़ाने की क्षमता रखता है, बल्कि अभिभावकों और शिक्षकों को श्रेष्ठ समकालीन बाल साहित्य से जुड़ने का अवसर देता है। उम्मीद है कि पी एच एल के माध्यम से आने वाले सालों में और कई सारे लेखक, चित्रकार और प्रकाशक हिंदी बाल साहित्य से जुड़ने के लिए प्रेरित होंगे।”