मुंबई, दिसंबर, 2022: मध्यप्रदेश के छतरपुर में रहने वाले दीपक साहू और राजस्थान के भरतपुर जिले के कृष्णांशु तंवर में कई बातें समान हैं। ये दोनों मेडिकल स्टूडेंट्स हैं। दोनों ने जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) के स्कूलों से पढ़ाई की है। दोनों का पालन पोषण विनम्र परिवारों में हुआ है, जिनके लिए शिक्षा एक लग्जरी थी। अगर उन्हें टाटा मोटर्स के इनेबल कार्यक्रम के तहत नीट कोचिंग के बारे में पता नहीं चलता तो वह संभवतया डॉक्टर बनने का उनका सपना अधूरा ही रह जाता। नीट 2020 में जहां दीपक ने 715/720 का स्कोर किया और उनकी ऑल इंडिया रैंकिंग #5 थी। उन्होंने मेडिकल की पढ़ाई के लिए एम्स, दिल्ली में दाखिला लिया। वहीं कृष्णांशु ने नीट 2020 में 705/720 का स्कोर किया और उनकी ऑल इंडिया रैकिंग #53 थी। अब वह दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज से पढ़ाई कर रहे हैं।
कृष्णांशु और दीपक जैसे योग्य विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण कोचिंग के माध्यम से देश के प्रमुख शिक्षा संस्थानों में दाखिला दिलाने में मदद करने की कोशिश के लिए, टाटा मोटर्स ने इंजीनियरिंग एंड नीट (राष्ट्रीय पात्रता और प्रवेश परीक्षा) एडमिशन ब्रिज एक्सिलरेटेड लर्निंग इंगेजमेंट पहल- इनेबल को जनवरी 2021 में लॉन्च किया था। इस प्रोग्राम को नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस), अवंती फैलोज और एक्स नवोदयन फाउंडेशन के सहयोग में शुरू किया गया था। यह विद्याधनम का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो टाटा मोटर्स के सहकारी सामाजिक दायित्व कार्यक्रम के तहत फोकस किए जाने वाले प्रमुख स्तंभों में से एक है। इनेबल डिजिटल रूप से सक्षम एक रिमोट लर्निंग पहल है, जो देशभर में 552 नवोदय विद्यालयों में पढ़ रहे 11वीं और 12वीं के प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को जेईई और नीट की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करवती है। उन्हें संसाधनों तक पहुंच प्रदान की जाती है और जरूरी मार्गदर्शन दिया जाता है, जो उन्हें आसानी से उपलब्ध नहीं हो सकता था। वित्त वर्ष 2022 में टाटा मोटर्स ने भारत के शीर्ष इंजीनियरिंग और मेडिकल स्कूलों में 3400 विद्यार्थियों का दाखिला कराने में मदद की, जिसमें लगभग 40% महिलाएं थीं।
इनेबल ने अपनी फील्ड में अग्रणी ढंग से मुफ्त कोचिंग का विस्तार किया है। इसमें छात्रों को पूर्ण और एक लक्ष्य पर केंद्रित रहने की करियर संबंधी उचित सलाह दी जाती है। उनकी लगातार निगरानी और मूल्यांकन भी किया जाता है। देश के किसी भी कोचिंग प्रोग्राम की तुलना में एक स्टूडेंट को सफल बनाने में इसमें 20 गुना कम लागत आती है। इनेबल की मदद से एसटीईएम कोर्स में देश के प्रमुख कॉलेजों तक पहुंच में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर इस प्रोग्राम से सहायता प्राप्त 35%विद्यार्थियों को देश के प्रतिष्ठित इंजानियरिंग और मेडिकल संस्थानों में प्रवेश में कामयाबी मिली है।
टाटा मोटर्स के सीआरएस हेड श्री विनोद कुलकर्णी ने इनेबल पहल की सफलता पर अपनी बात रखते हुए कहा, “देश के युवाओं को समृद्ध बनाने के मकसद से जिम्मेदार कॉरपोरेट नागरिक के तौर पर टाटा मोटर्स ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा को सभी की पहुंच में लाने पर लगातार जोर दिया है। विद्याधनम हमारे सीएसआर प्रोग्राम में फोकस के प्रमुख स्तंभों में एक है। यह शिक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाने की जरूरतों के अनुकूल है। इनेबल का पूरा ध्यान सेकेंडरी स्कूल के विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा की तैयारी करने में मदद करने पर है। टाटा मोटर्स हाशिए पर रहने वाले मौलिक सुख सुविधाओं से वंचित योग्य और प्रतिभाशाली विद्यार्थियों को इंजीनियरिंग और मेडिकल कॉलेज में दाखिले के सपने को साकार करने में उनकी जरूरत के अनुसार हर मदद उपलब्ध करा रहा है। इस पहल को डिजिटलाइजेशन से काफी फायदा हुआ है। इससे अपनी पहुंच को उल्लेखनीय ढंग से बढ़ाने में हमें मदद मिली है। इसके साथ ही कंपनी के इनेबल प्रोग्राम से तहत दाखिला लेने वाले स्टूडेंट्स ने बेहतरीन परिणाम दिये हैं। आगामी वर्षों में हम इनेबल के दायरे को और बढ़ाएंगे और इसकी प्रभावशीलता में बढ़ोतरी करेंगे, जिससे ज्यादा से ज्यादा प्रतिभाशाली बच्चों को अपने सपने पूरे करने में मदद मिलेगी।”
इस कार्यक्रम को सबसे पहले पुडुचेरी में 2011 में शुरू किया गया था। इसके बाद इस कार्यक्रम की शुरुआत मंगलौर, पालघर, कोल्हापुर और राजगीर के जेएनवी में की गई। यह जनवरी 2021 में डिजिटल लर्निंग मॉडल में बदल गया। अब इस कार्यक्रम का बड़े पैमाने पर विस्तार देश के 26 राज्यों और 8 केंद्र शासित प्रदेशों के पूरे जेएनवी सिस्टम में किया गया है।
अपनी शुरुआत से ही 45,000 से ज्यादा विद्यार्थी इनेबल का हिस्सा हैं। 2021-22 के एकेडेमिक सेशन में 15,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स ने जेईई की परीक्षा दी। इसमें से 42 फीसदी स्टूडेंट्स जेईई के मेन एग्जाम में सफल हुए, जबकि 11 फीसदी स्टूडेंट्स ने जेईई एडवांस्ड क्लियर किया। जेईई एडवांस्ड में सफल होने वाले 70% स्टूडेंट्स की रैंकिंग टॉप 10,000 उम्मीदवारों के रूप में हुई। इसमें से 38% स्टूडेंट्स को आईआईटी में एडमिशन हासिल करने में सफलता मिली। इनमें से 40% महिलाएं हैं। बाकी छात्रों का दाखिला टॉप के प्रतिष्ठित कॉलेजों में हुआ। नीट में सफल होने वाले 12% विद्यार्थियों को भारत के टॉप 10 मेडिकल इंस्टिट्यूट्स में दाखिला मिला।
डिजिटल एजुकेशन की पहुंच बढ़ाने का लगातार प्रयास करते हुए कंपनी ने महामारी के दौरान ऑनलाइन क्लासेज, होम वर्क और वीकली टेस्ट से घरों में पढ़ रहे महत्वाकांक्षी छात्रों को काफी सहयोग दिया है। आज यह डिजिटल टूल्स और रिसोर्सेज से पठन-पाठन के क्षेत्र में अधिक प्रयास कर रही है। कंपनी ने डिजिटल टूल्स और रिसोर्सेज तो अपनाए ही हैं। इसके अलावा एक्सपर्ट टीचर की ओर से यूट्यूब और जूम पर क्लासेज ली जा रही हैं। ऑनलाइन क्लासेज के संबंध में आधारभूत ढांचे की जरूरतों का स्कूलों और नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) की ओर से ध्यान रखा जाता है। अवंती और ईएनएफ की ओर से लाइव क्लासेज चलाई जाती हैं, इसके साथ वीकली टेस्ट और रिपोर्ट भी होती हैं। इससे आगे बढ़ते हुए प्रोग्राम के माध्यम से उच्च रोजगार क्षमता वाले एसटीईएम (इंजीनियरिंग, मेडिसिन, फार्मेसी, नर्सिंग और खेती) के कोर्सेज में 15 हजार स्टूडेंट्स का दाखिला कराने की उम्मीद है।