मुंबई, 5 दिसंबर, 2022: वाणिज्यिक (कॉमर्शियल) वाहनों के लिए कर्ज देने वाली सबसे बड़ी कंपनी श्रीराम ट्रांसपोर्ट फाइनेंस कंपनी और दोपहिया वाहनों के लिए कर्ज देने वाली सबसे बड़ी कंपनी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उद्योगों (एमएसएमई) को कर्ज देने के मामले में अग्रणी कंपनियों में शुमार श्रीराम सिटी यूनियन फाइनेंस के विलय के साथ श्रीराम फाइनेंस लिमिटेड (श्रीराम फाइनेंस) का गठन हुआ है. श्रीराम फाइनेंस एक डाइवर्सिफाइड कंपनी होगी जो 40,900 करोड़ रुपये के मजबूत नेटवर्थ और 1,71,000 करोड़ रुपये के एसेट अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) के साथ देश के 67 लाख ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करेगी. कंपनी की वृद्धि की रणनीति स्वरोजगार करने वालों और एमएसएमई इकोनॉमी को गति देने पर केंद्रित होगी.
श्रीराम को लंबे समय से अपनी सेवाएं दे रहे उमेश रेवनकर विलय के बाद बनने वाली कंपनी के एग्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन होंगे. इसविलय पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, “यह 43 साल की यात्रा की स्वाभाविक परिणति है. विलय के जरिए बैलेंस शीट को मिलने वालीमजबूती के साथ हम मार्केट की जरूरतों को पहले से ज्यादा बेहतर तरीके से पूरा कर सकते हैं. ग्राहकों पर ध्यान देने वाली कंपनी के तौर पर हमऔर प्रोडक्ट्स ला सकते हैं और जल्द-से-जल्द क्रेडिट हासिल करने में उनकी मदद कर सकते हैं. हमने दक्षता और ग्राहक सेवा के स्तर को बेहतरबनाने के लिए टेक्नोलॉजी में बहुत अधिक निवेश किया है. हम लगातार दोहरे अंकों में ग्रोथ को लेकर आशान्वित हैं.”
श्रीराम फाइनेंस के एमडी और सीईओ वाईएस चक्रवर्ती ने कहा, “विलय के लिए जो समय चुना गया है, वो शानदार है. चूंकि भारत प्रगति कररहा है और हम MSMEs के बीच कर्ज की मजबूत मांग दे रहे हैं. हम 3600 से अधिक लोकेशन के साथ हमारे बाजार के करीब रहे हैं.कॉमर्शियल वाहनों के लिए कर्ज उपलब्ध कराना, एमएसएमई, पर्सनल लोन, गोल्ड लोन या व्हीकल लोन सहित हमारे सभी बिजनेस सेग्मेंट वृद्धिहासिल करने के लिए तैयार हैं.”
श्रीराम फाइनेंस ने जुगल किशोर महापात्रा को कंपनी का चेयरमैन और माया सिन्हा को स्वतंत्र निदेशक नियुक्त करने का भी ऐलान किया है.
कंपनी ने अपनी ग्रोथ स्ट्रेटेजी- ‘ड्राइविंग द सेल्फ-एम्प्लॉयड एंड स्मॉल बिजनेस इकोनॉमी’ की घोषणा भी की और भविष्य की वृद्धि के लिए पांचरणनीतिक स्तंभों की भी बात की.
साल 1979 में लीजेंडरी आर त्यागराजन द्वारा स्थापित श्रीराम ने हमेशा इस सामाजिक चेतना के साथ काम किया है कि कारोबार का मकसदसबसे पहले और सबसे ज्यादा लोगों की सेवा होनी चाहिए. इसे खास तौर पर इस बात का गर्व है कि इसने ऐसे करोड़ों लोगों को क्रेडिट दिया हैजिन्हें अन्य तरीकों से कर्ज नहीं मिल पाता. इस दृष्टि से भारत के सबसे प्रमुख वित्तीय संस्थान के विकास में मदद मिली. श्रीराम फाइनेंस के57,000 से ज्यादा कर्मचारी इससे जुड़ेंगे.