Skip to content
  • होम
  • राष्ट्रीय
  • अंतर्राष्ट्रीय
  • जनरल न्यूज
  • दखल
  • गेस्ट राइटर

बन ही गई ‘उज्जैन पवित्र नगरी’: आखिरकार ट्रूपल की मेहनत रंग लाई

राष्ट्रीय
/
July 4, 2023

माँस की दुकानों के बाद अब ट्रूपल को मदिरा की दुकानों को भी अन्य स्थानों पर स्थानांतरित कराए जाने की आस

इंदौर, 30 जून, 2023: देश के तेजी से बढ़ते ऑनलाइन न्यूज़ चैनल ट्रूपल डॉट कॉम की बरसों की मेहनत आखिरकार रंग ले आई है। चैनल द्वारा वर्ष 2019 से शुरू की गई ‘उज्जैन पवित्र नगरी’ की पहल अब जाकर पूरी हुई है। इस पहल का उद्देश्य उज्जैन स्थित त्रिलोक स्वामी महांकाल के मंदिर परिसर के आसपास की माँस-मदिरा की दुकानें परिसर से दूरस्थ स्थान पर प्रतिस्थापित कराने का था। इसके लिए चैनल द्वारा उज्जैन प्रशासन को सैकड़ों चिट्ठियाँ लिखी गईं, शहर में हस्ताक्षर अभियान चलाया गया, सोशल मीडिया पर मुहीम छेड़ी गई, ऑनलाइन पोल चलाए गए, आम जनता को इस पहल से जोड़ा गया और साथ ही इस पहल के पक्ष और विपक्ष में एक विशेष सर्वे भी किया गया, जिसमें विशेष तौर पर जनता की ओर से यह नतीजा निकलकर आया कि भक्तों की भावना किसी भी प्रकार से आहत नहीं होना चाहिए।
महापौर मुकेश टटवाल द्वारा मेयर इन काउंसिल (एमआईसी) के सदस्यों के साथ चर्चा के दौरान यह घोषणा की गई कि महांकाल मंदिर परिक्षेत्र के आसपास की तमाम अवैध माँस/मटन की दुकानों को हटाया जाएगा। बैठक में महापौर ने बताया कि उज्जैन शहर में श्रद्धालु बाबा महाकाल के दर्शन करने हेतु आते हैं, ऐसे में मंदिर परिसर के आसपास स्थित इस तरह की दुकानों को देखकर उनकी भावनाएँ आहत होती हैं।
अतुल मलिकराम, ट्रूपल डॉट कॉम के को-फाउंडर, कहते हैं, “सावन के पावन महीने की शुरुआत से पहले यह घोषणा बेहद सराहनीय है। यह पहल प्रशासन और आम जनता के सहयोग बिना संभव नहीं थी। इसके लिए सैकड़ों चिट्ठियों के माध्यम से हमने कई बार माननीय मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, कलेक्टर, पार्षद, विधायक, महापौर, सांसद, गृह मंत्रालय, संस्कृति मंत्रालय, पुरातत्व विभाग, महांकाल मंदिर एसोसिएशन, उज्जैन विकास प्राधिकरण, उज्जैन टूरिज्म, सिंहस्थ मेला प्रशासन, नगरीय प्रशासन और यहाँ तक कि मंदिर के पुजारियों तक के दरवाज़े खटखटाए, लेकिन हमेशा निराशा ही हाथ लगी। लेकिन वह कहावत है न ‘उसके घर देर हैं, अंधेर नहीं।’ आस्था है, तो रास्ता है।”

वे आगे कहते हैं, “माननीय महापौर द्वारा एमआईसी के साथ संयुक्त रूप से लिया गया फैसला उज्जैन पवित्र नगरी के हित में आया है। यह हमारे लिए गर्व का क्षण है। हम जल्द ही मदिरा की दुकानों को भी परिसर से दूरस्थ स्थान पर स्थानांतरित कराने के अनुरोध के साथ माननीय महापौर के आभारी हैं। साथ ही उज्जैन के रहवासियों और समाज से मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के भी आभारी हैं, क्योंकि उनके साथ ने हमें इस पहल पर काम करने के लिए मूल रूप से प्रेरित किया।”
गौरतलब है कि ट्रूपल डॉट कॉम द्वारा की गई इस पहल का बुनियादी सिद्धांत यह है कि धार्मिक मान्यता के अनुसार तो उज्जैन एक पवित्र तीर्थ नगरी है ही, किन्तु इसे भारत की आदर्श पवित्र नगरी घोषित किया जाए, जिसमें शुद्धता का विशेष ख्याल रखा जाए, साफ-सफाई के साथ-साथ सात्विक भोजन और सात्विक आचरण हो, महाकाल के कम से कम एक किलोमीटर के दायरे में माँस-मदिरा जहाँ वर्जित हो, एक ऐसी धार्मिक नगरी के रूप में उज्जैन को पहचान दिलाई जाए और स्वच्छ भारत अभियान की दृष्टि से उज्जैन का सौंदर्यीकरण किया जाए।
माँस की दुकानों के अतिरिक्त यदि आप मदिरा की दुकानों को भी दूरस्थ स्थानों पर स्थानांतरित करने के पक्ष में हैं, तो https://bit.ly/troopelujjain फॉर्म के माध्यम से इस पहल में योगदान दे सकते हैं। अधिक जानकारी के लिए विजिट करें troopel.com।

Troopel.com के बारे में-

Troopel.com देश का तेजी से उभरता ऑनलाइन न्यूज़ प्लेटफार्म है, जो मुख्य्तः राजनीति, बुनियादी सेवाओं तथा सामाजिक मुद्दों पर केंद्रित है। चैनल अपने दर्शकों के समक्ष खबरों के पीछे की सत्यता और सटीकता को तथ्यों के साथ उपलब्ध करा रहा है। राजनेताओं के विकास कार्यों का डिजिटल आकलन करने वाला Troopel.com देश का पहला न्यूज़ कम व्यूज़ प्लेटफार्म बन गया है। यह मंच खबर के पीछे की वास्तविकता को उजागर करने की दिशा में कार्यरत है। चैनल के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स (फेसबुक, यूट्यूब, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि) के माध्यम से राजनेताओं व सेलिब्रिटी सितारों के साथ-साथ, सभी तरह के राष्ट्रीय-अंतराष्ट्रीय विषयों से जुड़ी जानकारियाँ आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
बेहद कम समय में 50 मिलियन से अधिक लोगों तक अपनी पहुँच बनाने में सफल रहे Troopel.com ने शिक्षा, कृषि व आत्मनिर्भरता की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। अपने विभिन्न डिजिटल कार्यक्रमों जैसे करियर खोज, शान-ए-किसान, आत्मनिर्भर युवा, ओपन माइक इत्यादि के माध्यम से चैनल ने देशभर के युवाओं को एक सशक्त मंच उपलब्ध कराने का प्रयत्न किया है। इसके अतिरिक्त चैनल, उज्जैन पवित्र नगरी, भारतीय जेलों की गंभीर स्थिति, घुमंतू समाज को समान अधिकार, श्मशानों तथा कब्रिस्तानों के प्रति प्रसाशन की जागरूकता एवं 2030 का भारत जैसे अति आवश्यक मुद्दों पर भी गंभीरता से कार्य कर रहा है।

पिछला राह दिखाने वाले दीपक होते हैं ईश्वर-तुल्य गुरु अगला राकांपा की फूट से विपक्षी एकता को झटका

Leave a Comment Cancel reply

Recent Posts

  • आईआईटी मंडी ने अपने एमबीए डेटा साइंस और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रोग्राम के 2025-27 बैच के लिए आवेदन आमंत्रित किए
  • समाज सुधारक युग प्रवर्तक सच्चे हिंदुत्व के मसीहा कर्म योगी सभी वर्गो चहेते स्वामी विवेकानंद
  • टोयोटा किर्लोस्कर मोटर ने कर्नाटक में कौशल विकास को बढ़ावा देने के लिए सरकारी टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्र के साथ समझौता किया
  • आज का राशिफल व पंचांग : 11 जनवरी, 2025, शनिवार
  • इंसानों की तस्करी की त्रासदी वाला समाज कब तक?

संपादक की पसंद

Loading...
गेस्ट राइटर

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

February 2, 2018
Loading...
दखल

पिज्जा खाने से रुकी किरपा आ जाती है

December 14, 2024
दखल

पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

February 20, 2023
दखल

श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

February 16, 2023
दखल

अमृत की राह में बड़ा रोड़ा है भ्रष्टाचार

February 8, 2023
दखल

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

February 4, 2023

जरूर पढ़े

Loading...
गेस्ट राइटर

गांव, गरीब और किसान की सुुध लेता बजट

February 2, 2018
© 2025 • Built with GeneratePress