मुंबई, जून 2023 : भारत की प्रमुख ऑटोमोबाइल निर्माता और देश में इलेक्ट्रिक वाहनों (ईवी) के विकास में सबसे आगे रहने वाली कंपनी, टाटा मोटर्स ने इस बात पर जोर दिया है कि रेंज की चिंता अब भारत में इलेक्ट्रिक वाहन के उपभोक्ताओं के लिए धीरे-धीरे पुरानी बात बनती जा रही है। टाटा मोटर्स पैसेंजर्स व्हीकल्स लिमिटेड और टाटा पैसेंजर इलेक्ट्रिक मोबिलिटी लिमिटेड के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री शैलेश चंद्रा ने इलेक्ट्रिक वाहनों के संबंध में उपभोक्ताओं की बदल रही धारणा और सकारात्मक विचारधारा पर जोर दिया। इसकी मिसाल पेश करने के लिए, टाटा मोटर्स ने एक सफर किया। कंपनी ने नेक्सॉन ईवी मैक्स से श्रीनगर से कन्याकुमारी तक 4,003 किमी का उल्लेखनीय सफर केवल 95 घंटे और 46 मिनट में पूरा किया। इस भ्रमण के दौरान, कार की 21 बार फास्ट चार्जिंग करनी पड़ी।
इलेक्ट्रिक वाहन की रेंज की चिंता उपभोक्ताओं को सफर के दौरान बैटरी खत्म होने के डर से होती है। यह मुख्य रूप से दो कारकों से प्रभावित होती है, जिसमें कम कार रेंज और पर्याप्त चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्टर का न होना प्रमुख कारण है। श्री चंद्रा ने इन चिंताओं को संबोधित करने में अपना विश्वास जताया। उन्होंने कहा, “इस सफर से हमें यह महसूस हुआ कि एक शहर से दूसरे शहर की यात्रा करने के लिए नेक्सॉन ईवी मैक्स की वास्तविक रेंज काफी बेहतर है और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर हर गुजरते दिन के साथ बेहतर हो रहा है।”
नेक्सॉन ईवी मैक्स स्टैंडर्ड टेस्ट परिस्थितियों के तहत, 453 किमी की रेंज देती है। सबसे अच्छी बात यह है कि लंबे सफर में इस वाहन ने लगातार एक बार चार्ज करने पर 300 किमी से ज्यादा का सफर किया। श्री चंद्रा ने कहा, “दो शहरों के बीच सफर के लिए उपभोक्ताओं में नेक्सॉन ईवी के इस्तेमाल का चलन बढ़ा है, और यह भारत में इलेक्ट्रिक वाहन की बढ़ती स्वीकार्यता का संकेत देता है। इसके परिणामस्वरूप, टाटा मोटर्स उन शहरों में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर का विस्तार करने के लिए समर्पित है, जहां इलेक्ट्रिक कार सबसे ज्यादा लोकप्रिय हैं। कंपनी का मुख्य रूप से फोकस उन शीर्ष सात शहरों में है, जहां टाटा मोटर्स इलेक्ट्रिक कारों की बिक्री करता है। इसमें दिल्ली, अहमदाबाद, मुंबई, पुणे, बैंगलोर, चेन्नई और अहमदाबाद शामिल हैं। इसका लक्ष्य इन शहरों को जोड़ने वाली सड़कों पर चार्जिंग की सुविधाएं बढ़ाना है। इसकी शुरुआत सबसे नजदीकी लोकेशन से की जाती है। उदाहरण के लिए टाटा मोटर्स चेन्नई-बंगलौर कॉरिडोर पर इलेक्ट्रिक कारों में सफर को सुहाना बनाने के लिए चार्जिंग की सुविधाएं प्रदान कर रहा है। मुंबई-पुणे और मुंबई-अहमदाबाद कॉरिडोर के लिए भी इसी तरह की पहल की योजना बनाई गई है।
श्री चंद्रा ने माना कि फास्ट चार्जिंग स्टेशन अभी भी गाड़ियों के अनुपात में काफी सीमित संख्या में है। हालांकि, उन्होंने आश्वस्त किया कि मौजूदा इंफ्रास्ट्रक्चर भारत में एक शहर से दूसरे शहर तक इलेक्ट्रिक कारों में सफर के लिए पर्याप्त है। मौजूदा समय में टाटा मोटर्स के ईवी पोर्टफोलियो में व्यक्तिगत श्रेणी के खरीदारों के लिए तीन इलेक्ट्रिक कारें, नेक्सॉन ईवी, टिगोर ईवी और Tiago.ev शामिल है। टियागो ईवी के दाम की शुरुआत 8.69 लाख रुपये से होती है, यह भारत की सबसे किफायती इलेक्ट्रिक कार है। इसकी बुकिंग कराने पर डिलिवरी के लिए साढ़े तीन से पांच महीनों का इंतजार करना पड़ता है, लेकिन टाटा मोटर्स सप्लाई को बढ़ा रहा है। श्री चंद्रा ने कहा कि अब तक 10,000 से ज्यादा Tiago.ev की सफलतापूर्वक डिलीवरी की जा चुकी है और इसकी सप्लाई में निरंतर सुधार आ रहा है।
टाटा मोटर्स ने भविष्य में अपने इलेक्ट्रिक वाहन के पोर्टफोलियो का और विस्तार करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई है। कैलेंडर वर्ष 2023 में कंपनी द्वारा पंच ईवी लॉन्च करने की उम्मीद जताई जा रही है। इसके अलावा आगामी वित्तीय वर्ष में इलेक्ट्रिक कारों के 1-2 मॉडल और लॉन्च किए जाएंगे। अपनी पूर्व घोषणा की तर्ज पर टाटा मोटर्स ने 5 साल की समय अवधि में 10 इलेक्ट्रिक कारें लॉन्च करने की योजना बनाई है जोकि स्थायी मोबिलिटी के लिए कंपनी की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।