आज हमारे हिन्दुस्तान ने इतिहास ऐसा ये रच दिया,
अपनी श्रेष्ठता सिद्ध कर चन्द्रयान लैंडिंग कर दिया।
टिकी हुई थी विश्व की नज़रें इस दिन चंद्र के सामने,
हमनें भी फिर क़लम उठाकर रचना एक रच दिया।।
इसरो के वैज्ञानिकों ने ये नामुमकिन कार्य कर दिया,
देश को पहचान दिलाकर सभी का मान बढ़ा दिया।
चालिस दिनों के सफ़र के बाद काम ये सफल हुआ,
रूस-अमेरिका-चीन के बराबर भारत को ला दिया।।
प्रज्ञान नाम देकर भेजा है जिसको इस चन्द्रयान पर,
अंतरिक्ष में शक्तियां बढ़ाएगा वो भारत के नाम पर।
गौरवमय यह दिन है सभी के लिए विश्व इतिहास में,
दक्षिणध्रुव पर स्थापित किया गया सफल मार्ग पर।।
गूॅंजेगा यशगान भारत का अब संपूर्ण इस ब्रह्मांड में,
सौंप दिया है ये रक्षा-सूत्र चंदा मामा श्री के हाथ में।
झूम रहें ख़ुशी मना रहें हम आज आपके सम्मान में,
यह महत्वपूर्ण पृष्ठ जुड़वां दिये विश्व की क़िताब में।।
ईद-करवाचौथ पर हम सब देखते थें आपको दूर से,
रक्षाबंधन के पर्व पर उपहार भेजा है विक्रम टूर से।
आना-जाना लगा रहेगा अब मामा चंद्रयान तीन पर,
अगली छुट्टी में हम आएंगे आपसे मिलने ज़रूर से।।
रचनाकार ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
ganapatlaludai77@gmail.com