पाल में रिसाव की सूचना के साथ ही एक्शन मोड में आ गया था प्रशासन
परिवारों को रेस्क्यू किया
तीन दिन में बांटे 5 हजार से ज्यादा फूड पैकेट
मकानों का सर्वे पूरा, जल्द मिलेगा मुआवजा
बारिश रूकते ही शुरू होगा बांधों की मरम्मत का अभियान
विधानसभा अध्यक्ष भी करते रहे लगातार मॉनिटरिंग
अजमेर, 6 सितम्बर। बोराज तालाब की पाल टूटने के मामले में जिला प्रशासन का राहत अभियान तीसरे दिन भी जारी रहा। मुख्यमंत्री श्री भजन लाल शर्मा ने स्वयं इस मामले में संज्ञान लेकर आमजन को राहत पहुंचाने के निर्देश दिए। जिला प्रशासन ने प्रोएक्टिव होकर काम किया। इस प्राकृतिक चुनौती का जिला प्रशासन पूरी मजबूती से मुकाबला कर रहा है। जिला प्रशासन की टीम हर स्थिति में आमजन के साथ खड़ी है। इस कारण किसी तरह की जनहानि नहीं हुई। क्षेत्र में हुए नुकसान का सर्वे कर लिया गया है। एसडीआरएफ रिलीफ के नियमानुसार मुआवजा जल्द दिया जाएगा। विधानसभा अध्यक्ष श्री वासुदेव देवनानी ने तीनों दिन प्रशासन के साथ राहत एवं बचाव कार्यों की मॉनिटरिंग की।
जिला कलक्टर श्री लोक बन्धु ने बताया कि प्रशासन द्वारा ग्राम बोराज स्थित तालाब की पाल के 4 सितम्बर को कमजोर होने की सूचना पर तालाब में पानी की आवक का मार्ग परिवर्तित (डाइवर्ट) किया गया। बोराज तालाब से लगभग 500 मीटर दूरी पर स्थित स्वास्तिक नगर से परिवारों को सुरक्षित स्थानों पर शिफ्ट किया गया। साथ ही एसडीआरएफ तथा सिविल डिफेन्स के जवानों को मौके पर तैनात कर जान-माल को बचाने के सुरक्षात्मक उपाय किए गए।
उन्होंने बताया कि तालाब से सुरक्षित जल निकासी के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा उच्च क्षमता के कई मड पम्प लगाकर जल निकासी करवाया जाना शुरू कर दिया गया था। कच्ची पाल के काफी पुरानी होने के कारण तथा अत्यधिक जलभराव से उत्पन्न दबाव के कारण रात 11.15 बजे पर तालाब की पाल टूट गई। तालाब की पाल टूटने से पानी स्वास्तिक नगर से होते हुए बांडी नदी के माध्यम से आनासागर में पंहुचा। एकाएक जल प्रवाह के कारण स्वास्तिक नगर के बोराज तालाब की तरफ के घरों में 3 से 4 फीट पानी का भराव हुआ। यह लगभग 15 मिनट बाद एक फीट के आसपास रह गया।
उन्होंने बताया कि प्रशासन द्वारा पूर्व में ही लगाये गए राहत व बचाव कार्य में संलग्न राष्ट्रीय आपदा मोचक बल (एसडीआरएफ) तथा सिविल डिफेन्स की टीमों ने तुरन्त मोर्चा संभाला। तत्परता दिखाते हुए उन्होंने पानी से घिरेे हुए घरों से 10-15 लोगों को बोराज महात्मा गांधी स्कूल में बने आश्रय स्थल पर पंहुचाया गया। अजमेर विकास प्राधिकरण आयुक्त श्रीमती नित्या के. के नेतृत्व में एडीए की टीम, नगर निगम आयुक्त श्री देशल दान के नेतृत्व में नगर निगम की टीम, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर) श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़ एवं उपखण्ड अधिकारी गरिमा नरूला के नेतृत्व में जिला प्रशासन की टीमों ने तुरन्त मौके पर राहत-बचाव व ऎहतिहातन कार्य करने आरम्भ कर दिए।
उन्होंने बताया कि पुलिस एवं प्रशासन के उच्चाधिकारियों ने स्वयं 4-5 सितम्बर की रात भर मौके पर उपस्थित रहकर बचाव तथा राहत कार्यों का निरीक्षण किया। रात 02.30 पर तालाब का पानी लगभग खाली हो चुका था। इससे स्वास्तिक नगर में से जल भराव खत्म होने लगा। इसके तुरन्त बाद एडीए एवं नगर निगम की टीमों के द्वारा सडकों पर आए मलबे की सफाई रात में ही शुरू करवाई गई।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार, 5 सितम्बर को सुबह 8 बजे से प्रशासन द्वारा राजस्व एवं तकनीकी कार्मिकों के साथ स्वास्तिक नगर का डोर-टू-डोर सर्वे प्रारम्भ किया गया। प्रभावित मकानों में हुए नुकसान का आकलन प्रारम्भ किया गया। जल प्रवाह से प्रभावित 253 मकानों का सर्वे किया गया। इसमें 66 मकानों में आंशिक नुकसान पाया गया। 175 मकानों में राशन सामग्री का नुकसान तथा 212 मकानों में बिजली उपकरण एवं अन्य सामग्री का नुकसान चिन्हित किया गया।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन, अजमेर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम की लगभग 150 लोगों की टीमों के द्वारा मय मशीनरी यथा ट्रेक्टर, जे.सी.बी. व मड पम्प द्वारा घरों व सडकों से मलबे को साफ किया गया। जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग द्वारा स्वच्छ पेयजल की व्यवस्था की गई। स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा स्वास्थ्य परीक्षण तथा आवश्यक दवाओं के लिए मौके पर कैम्प लगाया गया। जरूरतमंद व्यक्तियों के लिए अजमेर विकास प्राधिकरण द्वारा राजकीय महात्मा गांधी उच्च माध्यमिक विद्यालय बोराज तथा रामेश्वरम विद्यालय एक्सचेंज चौराहा आश्रय स्थल के विकल्प उपलब्ध कराए गए है।
उन्होंने बताया कि शुक्रवार, 5 सितम्बर प्रातः से ही निवासियों को पानी एवं भोजन की सुविधा प्रशासन द्वारा उपलब्ध कराई गई। प्रातः कालीन भोजन के पैकेट 1300 व्यक्तियों को तथा सायंकालीन भोजन के पैकेट 1500 व्यक्तियों को वितरित किए गए। प्रातः तथा दोपहर पश्चात समस्त व्यक्तियों को चाय एवं बिस्किट प्रदान किए गए। क्षेत्र में पेयजल की व्यवस्था सुनिश्चित करने के लिए कैंपर और टैंकर की व्यवस्था की गई है। विद्युत आपूर्ति के लिए जनरेटर का उपयोग लिया गया। साथ ही विभिन्न स्थानों पर प्राधिकरण द्वारा जेसीबी एवं मड पंप संचालित किया जा रहे हैं। नगर निगम द्वारा अन्य जल भराव वाले स्थान पर 153 दूध के पैकेट, 315 बिस्कुट के पैकेट व 120 फूड पैकेट का वितरण नगर निगम द्वारा आमजन को राहत पहुंचाते हुए किए गए।
उन्होंने बताया कि शनिवार, 6 सितम्बर को 2000 भोजन के पैकेट स्थानीय निवासियों को उपलब्ध करवाए गए। दोपहर बाद समस्त व्यक्तियों को चाय-बिस्किट आदि दिए गए। नाश्ते के पैकेट पानी की बोतल के साथ वितरित किए गए। इस दिन 265 लीटर दूध वितरित किया गया। पेयजल की आवश्यकता होने पर 250 कैम्पर घर-घर भिजवाए गए। साथ ही 100 स्थानों पर 10-10 लीटर की मिनरल वॉटर बोटल उपलब्ध करवाई गई।
उन्होंने बताया कि जल प्रवाह प्रभावित गलियों एवं घरों में सुरक्षा की दृष्टि से विद्युत सप्लाई काट दी गई थी। टाटा पावर के अधिकारियों को इनकी सुरक्षा जांच करने के निर्देश दिए गए। सुरक्षा जांच में सही पाए गए गलियों एवं घरों की विद्युत सप्लाई बहाल की गई है। शेष क्षेत्र में भी जल्द ही विद्युत सप्लाई आरम्भ की जाएगी। तब तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में जनरेटर के माध्यम से गलियों में अस्थाई प्रकाश की व्यवस्था की गई।
उन्होंने बताया कि अजमेर शहर में अब तक 1100 एमएम बारिश हो चुकी है। गत वर्ष के मुकाबले इस वर्ष 250 एमएम वर्षा अधिक दर्ज की गई है। इसी प्रकार पूरे जिले में ही भारी वर्षा हुई है। इस कारण जिले के 95 प्रतिशत जल स्त्रोत ओवरफ्लो हो रहे है। शेष जल स्त्रोत भी लगभग पूर्ण भर चुके है।