आईसीयू वार्ड व सोनोग्राफी मशीन फांक रही धूल
करीब चार साल से सोनोग्राफी मशीन पड़ी बंद
नसीराबाद (अजीत सेठी ) क्षेत्र का सबसे बड़ा डेढ़ सौ पलंगों वाला अस्पताल में सोनोग्राफी चिकित्सक नहीं होने के कारण सोनोग्राफी मशीन धूल फांक रही है वहीं अस्पताल में फिजिशियन व नर्सिंग कर्मियों के पद खाली पड़े होने के कारण आधुनिक मशीनों से सुसज्जित आईसीयू वार्ड की सेवाएं भी क्षेत्र के मरीजों को नहीं मिल पा रही है जिसके कारण मरीजो को इलाज नहीं मिल पाने के कारण परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।
जानकारी के अनुसार करीब 4 साल से राजकीय सामान्य चिकित्सालय में सोनोलॉजिस्ट रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली पड़ा है। जिसके कारण सोनोग्राफी मशीन बंद पड़ी है । चिकित्सा महकमें के द्वारा सोनोग्राफी के लिए कोई चिकित्सक की वैकल्पिक व्यवस्था भी नहीं की गई, जिसके कारण मरीजों को निजी सोनोग्राफी सेंटर से सोनोग्राफी कराने को मजबूर होना पड़ रहा है ।
निजी सोनोग्राफी सेंटरो पर अंकुश नहीं होने के कारण सोनोग्राफी सेंटर संचालकों के द्वारा मरीजो से मनमानी राशि वसूल की जाती है। वहीं राजकीय सामान्य चिकित्सालय में आधुनिक मशीनों से सुसज्जित आईसीयू वार्ड भी करीब चार साल पूर्व स्थापित किया गया था, किंतु फिजिशियन व नर्सिंग कर्मियों के पद खाली होने के कारण आईसीयू वार्ड की सेवाएं भी क्षेत्र के मरीजों को नहीं मिल पा रही हैं व मरीजो को अजमेर रेफर कर दिया जाता है ।
अस्पताल में अस्थि रोग स्किन रोग विशेषज्ञ व फिजिशियन का पद व नर्सिंग कर्मियों के पद भी काफी सालों से खाली पड़े हैं ।क्षेत्र के लोगों को क्षेत्रीय विधायक से उम्मीद थी कि अपने दूसरे कार्यकाल में क्षेत्र के सबसे बड़े अस्पताल की सुध लेगे किंतु भाजपा सरकार होने के बावजूद भी विधायक रामस्वरूप लांबा द्वारा सरकार के एक साल पूरे हो जाने के बावजूद भी राजकीय सामान्य चिकित्सालय में चिकित्सकों व नर्सिंग कर्मियों के खाली पड़े पदों पर नियुक्ति नहीं करवा पाए जिसके कारण क्षेत्र के मरीजों को परेशानी झेलनी पड़ रही है ।वहीं कांग्रेस विधायक प्रत्याशी शिव प्रकाश गुर्जर ने कुछ माह पूर्व अस्पताल में व्याप्त अव्यवस्थाओ को लेकर अस्पताल के बाहर कुछ घंटे धरना प्रदर्शन कर मांग पत्र उपखंड अधिकारी को सौंपकर इति श्री करली।
बुद्धिजीवियों का कहना है कि क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल जिसमें की सभी सुविधाएं उपलब्ध होने के बावजूद भी क्षेत्र के लोगों को इलाज नहीं मिल पाता व रात्रि में आपातकालीन सेवा में तो मरीजों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती हैं उसके बावजूद भी जनप्रतिनिधियो व चिकित्सा महकमे के द्वारा ध्यान नहीं दिया जाने से क्षेत्र के लोगों में रोष व्याप्त है।