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राज्य स्तरीय परामर्श कार्यक्रम – 2025 : बालिकाओं के सुरक्षित भविष्य पर हुआ मंथन

अजमेर
/
September 14, 2025

अजमेर 14 सितम्बर। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति एवं पोक्सो कमेटी द्वारा बालिकाओं की सुरक्षा, राजस्थान में उनके लिए सुरक्षित और सक्षम वातावरण की ओर विषय में कार्यशाला का आयोजन अजमेर में किया गया। इस राज्य स्तरीय परार्मश कार्यक्रम-2025 का कार्यक्रम किशोर न्याय समिति एवं पोक्सो समिति राजस्थान उच्च न्यायालय द्वारा सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता विभाग तथा यूनीसेफ के सहयोग से किया गया।

कार्यशाला के मुख्य अतिथि राजस्थान उच्च न्यायालय के प्रशासनिक न्यायाधीश श्री संजीव प्रकाश शर्मा ने पीड़ित प्रतिकर के लिए ई-ऑफिस पोर्टल मदद-सेतु का शुभारंभ किया। उन्हाेंने अपने उद्बोधन में कहा कि जमीनी स्तर पर बच्चों की सुरक्षा एवं महिला सुरक्षा से संबंधित कानूनों एवं योजनाओं के लिए पंचायत राज प्रतिनिधियों को जागरूक करना चाहिए। कार्यक्रम में लड़कियों के आत्मसम्मान पर कॉमिक पुस्तकें और वीडियो को लॉन्च किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति के अध्यक्ष न्यायाधिपति श्री मनोज कुमार गर्ग ने कहा कि हम सभी की सामूहिक संकल्प शक्ति के माध्यम से ही बच्चों एवं महिलाओं की सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सकता है। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति सदस्य न्यायाधिपति इंद्रजीत सिंह ने कहा कि दूरदराज के ग्रामीण क्षेत्र की बच्चों की शिक्षा व्यवस्था में अभी अवरोध है हमें इसे दूर करना चाहिए।

राजस्थान उच्च न्यायालय पोक्सो कमेटी अध्यक्ष न्यायाधिपति रेखा बोराणा ने कहा कि लड़कों को लड़कियों और महिलाओं के साथ अच्छे व्यवहार की सीख परिवार में मिलनी चाहिए। राजस्थान उच्च न्यायालय किशोर न्याय समिति सदस्य शुभा मेहता ने अपने स्वागत भाषण में कहा कि बेटियों की सुरक्षा के लिए समाज के सभी हितधारकों को मिलकर सहयोगात्मक वातावरण निर्माण करना चाहिए।

बाल अधिकारिता विभाग के आयुक्त श्री आशीष मोदी ने कहा कि बेटियों की सुरक्षा नीतिगत से अधिक हमारा नैतिक दायित्व है। श्री ऋषभ हेमानी प्रभारी यूनिसेफ राजस्थान ने कहा कि लड़कियों को निर्णयात्मक भूमिका में शामिल करना आवश्यक है। श्री हरिओम अत्री सदस्य ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण की विभिन्न योजनाओं पर प्रकाश डाला।

कार्यशाला के तकनीकी सत्रों में शर्मिला रे बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनिसेफ, डॉ.मधु रितेश्वर निदेशक चिकित्सा एवं परिवार कल्याण विभाग, शिखा सोनी रिसर्च ऑफिसर शिक्षा विभाग, एस परिमाला आईजी सिविल राइट्स, भारत भूषण गोयल उप निदेशक निदेशालय महिला अधिकारिता, श्री बाल किशन मिश्रा विशेष न्यायाधीश पॉक्सो न्यायालय भीलवाड़ा, संजय निराला बाल संरक्षण विशेषज्ञ यूनिसेफ ने कार्यशाला को संबोधित किया।

टोंक की एक किशोरी वसुंधरा ने अपने बाल विवाह रूकवाने के बारे में जानकारी दी। इसके पश्चात अनेक बच्चियों के बाल विवाहों को रुकवाया। अभी जीवन कौशल शिक्षा का प्रशिक्षण प्रदान कर रही है। घुमंतु समुदाय की मनीषा ने घुमंतु समुदाय की समस्याओं को सदन के सामने रखा। इसी प्रकार भवानी खेड़ा की कृष्णा ने ग्रामीण परिवेश में लड़कियों के शिक्षा में आने वाली रूकावटों पर अपने अनुभव साझा किए। श्री अमित कुमार रजिस्ट्रार वर्गीकरण-प्रथम एवं नोडल अधिकारी किशोर न्याय समिति राजस्थान उच्च न्यायालय ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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