अजमेर, 6 सितम्बर। सरोवर पोर्टिको, अजमेर में आज रिप्रोविज़न 2025 राष्ट्रीय स्त्री रोग सम्मेलन का भव्य उद्घाटन हुआ। दो दिवसीय इस आयोजन (6 व 7 सितम्बर) में देशभर से आए वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ, प्रजनन स्वास्थ्य विशेषज्ञ और शोधकर्ता भाग ले रहे हैं। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन एवं सरस्वती वंदना के साथ हुआ।
आयोजन समिति की अध्यक्ष डॉ. रमा गर्ग ने अपने उद्घाटन भाषण में सभी अतिथियों, वक्ताओं और प्रतिभागियों का स्वागत किया। उन्होंने कहा –
“अजमेर की इस पावन भूमि पर, जहाँ संस्कृति और आस्था का संगम है, हमें स्त्री रोग विज्ञान के नवीनतम आयामों पर चर्चा करने का अवसर मिला है। रिप्रोविज़न 2025 का उद्देश्य केवल वैज्ञानिक ज्ञान साझा करना नहीं, बल्कि अनुभव और संवेदना के संगम से नई दिशा देना है। यह सम्मेलन स्त्री स्वास्थ्य और मातृत्व कल्याण की गुणवत्ता सुधारने में महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा।”
डॉ. रमा गर्ग ने सम्मेलन की रूपरेखा प्रस्तुत करते हुए बताया कि दो दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में स्त्री रोग की आपात स्थितियों, गर्भावस्था से जुड़ी जटिलताओं, स्त्रियों में एनीमिया, मोटापा, हार्मोनल बदलाव, मानसिक स्वास्थ्य, आईवीएफ जैसी प्रजनन तकनीकों, तथा आधुनिक शल्य चिकित्सा तकनीकों पर विशेष सत्र होंगे।
उन्होंने गर्व के साथ बताया कि इस बार सम्मेलन में फॉग्सी (FOGSI) के पूर्व अध्यक्ष डॉ. पंकज देसाई (बड़ौदा) पधारे हैं, जो मेडिकल इमरजेंसी पर अपने अनुभव साझा करेंगे। डॉ. वीनीत मिश्रा (अहमदाबाद) स्ट्रेस यूरिनरी डिसऑर्डर्स, डॉ. नवनीत मैगन (दिल्ली) व डॉ. नीता अग्रवाल (अहमदाबाद) रेजेनरेटिव गायनेकोलॉजी, और डॉ. विजय नाहटा व डॉ. स्मिता वैद (जयपुर) रोबोटिक सर्जरी पर प्रस्तुति देंगे।
डॉ. गर्ग ने आगे बताया कि सम्मेलन में AIIMS दिल्ली की डॉ. शिल्पी नैन, AIIMS देवघर की डॉ. स्वाति, डॉ. सिम्मी सूद, डॉ. तनु बत्रा, (IVF), डॉ. लीला व्यास (जयपुर), डॉ. पाराग बिनिवाले, डॉ. ललित अरोड़ा, डॉ. डॉली मेहरा, डॉ. निधि बर्थुनिया, डॉ. सुधीर भंडारी (जयपुर), डॉ. वीनीत गर्ग, डॉ. मिश्रा, डॉ. दीपाली जैन, डॉ. पूनिमा पचौरी जैसे विशेषज्ञ भी अपने विचार रखेंगे।
उन्होंने बताया कि इंफर्टिलिटी प्रोग्राम्स का संचालन डॉ. रुचिका (सेक्रेटरी), पेल्विक सर्जरी प्रोग्राम्स का संचालन डॉ. अदिति (जॉइंट सेक्रेटरी), तथा रिसर्च पेपर्स और केस रिपोर्ट्स का संचालन डॉ. उर्वशी करेंगी। स्मारिका डॉ. अदिति ने तैयार की है और डॉ. दीपिका अग्रवाल (वाइस प्रेसिडेंट, मेन हॉल) उद्घाटन समारोह का संचालन करेंगी। उन्होंने यह भी जोड़ा कि डॉ. निर्मला पांडेय, डॉ. प्रीतम कोठारी और डॉ. अंजु पूरे सम्मेलन को सुचारु रूप से संचालित करने में विशेष योगदान देंगी।
मुख्य अतिथि का संबोधन
सम्मेलन के उद्घाटन सत्र की मुख्य अतिथि डॉ. लीला व्यास (जयपुर) ने अपने संबोधन में कहा –
“चिकित्सा शास्त्र केवल विज्ञान नहीं, बल्कि संवेदनाओं से जुड़ा हुआ क्षेत्र है। इस प्रकार के सम्मेलन चिकित्सकों को एक-दूसरे से सीखने और नई तकनीकों को अपनाने का अवसर देते हैं। प्रजनन स्वास्थ्य केवल शारीरिक पहलू नहीं है, बल्कि यह मानसिक और सामाजिक पक्ष से भी गहराई से जुड़ा है।”
उन्होंने स्त्री स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करने में गाइनेकोलॉजिस्ट की भूमिका अत्यंत महत्वपूर्ण है। “ऐसे सम्मेलनों से हमें नई राह मिलती है और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्था का निर्माण होता है।”
अन्य वक्तव्य और विशेष सत्रों की झलक
अतिथि-ए-विशेष डॉ. अनिल समारिया (प्रिंसिपल, जेएलएन मेडिकल कॉलेज, अजमेर) ने कहा कि यह सम्मेलन अजमेर के लिए गौरव का विषय है। “यहाँ चिकित्सा जगत के इतने बड़े-बड़े विशेषज्ञों का एक साथ होना अपने आप में ऐतिहासिक क्षण है।”
सम्मेलन में बेस्ट पेपर अवार्ड डॉ. उषा रानी शर्मा द्वारा प्रदान किया जाएगा। साथ ही डॉ. अश्विनी (तमिलनाडु) आईवीएफ, डॉ. शंकर नाइक (हैदराबाद) माइक्रोवेव एब्लेशन तकनीक, डॉ. स्नेहा (मैक्स साकेत) गर्भावस्था में हृदय रोग, और डॉ. राहुल माथुर (AIIMS दिल्ली) गर्भावस्था में मानसिक रोग पर अपने व्याख्यान देंगे।
शनिवार शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन होगा, जिसे डॉ. रुचिका और डॉ. प्रियांका कपूर ने विशेष रूप से तैयार किया है।
डॉ. रमा गर्ग का संदेश
अपने उद्घाटन भाषण के अंत में डॉ. रमा गर्ग ने कहा –
“रिप्रोविज़न 2025 केवल वैज्ञानिक ज्ञान का मंच नहीं है। यह आपसी सहयोग, अनुभवों के आदान-प्रदान और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी का प्रतीक है। अजमेर से निकलने वाला यह संदेश पूरे देश में जाएगा कि स्त्री रोग विज्ञान में आधुनिक तकनीक और मानवीय संवेदनाओं का संगम ही वास्तविक प्रगति है।”
उन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि इस सम्मेलन की सफलता आने वाले समय में स्त्री स्वास्थ्य, मातृत्व सुरक्षा और प्रजनन तकनीक की दिशा को नई ऊर्जा प्रदान करेगी।