भुवनेश्वर, अप्रैल, 2023: कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई) और शिक्षा मंत्रालय (एमओई) जी20 की अध्यक्षता में 23 से 28 अप्रैल तक सीएसआईआर-इन्स्टीट्यूट ऑफ़ मिनरल्स एंड मैटीरियल्स टेक्नोलॉजी (आईएमएमटी), भुवनेश्वर, ओडिशा के तीसरे एजुकेशन वर्किंग ग्रुप (एडडब्ल्यूजी) की मीटिंग के दौरान भविष्य की कार्य प्रदर्शनी का आयोजन कर रहे हैं। माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, भारत ने हर स्तर पर टेक इनेबल्ड लर्निंग को अधिक गुणात्मक बनाने और भविष्य के कार्य के संदर्भ में क्षमता निर्माण करने की यात्रा शुरू करने के लिए G20 अध्यक्षता ग्रहण की है। प्रदर्शनी का उद्घाटन श्री धर्मेंद्र प्रधान, माननीय शिक्षा और कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्री द्वारा किया जाएगा और यह टेक्नोलॉजी के लीडरों, इन्फ्लूएन्सर और शिक्षाविदों के लिए अपने दृष्टिकोण और काम के भविष्य के बारे में विज़न दिखाने के लिए एक अद्वितीय प्लेटफार्म होगा।
प्रदर्शनी में विभिन्न सेक्टर्स के प्रतिभागी ऐसी टेक्नोलॉजी का प्रदर्शन करेंगे जो फ्यूचर ऑफ़ वर्क, माडर्न वर्कप्लेस में निरंतर इनोवेशन, पारंपरिक शिल्प में टेक्नोलॉजी को शामिल करने, भविष्य के कौशल और इनोवेटिव डिलीवरी मॉडल को आगे बढ़ाएगी। 26 अप्रैल को, प्रदर्शनी केवल G20 प्रतिनिधियों द्वारा ही एक्सेस की जा सकेगी।
प्रदर्शनी के दौरान, भारत और G2O सदस्य देशों के 100 से अधिक प्रदर्शक प्रदर्शनी में आने वाले लोगों के लिए अपने उत्पादों, प्रकाशनों, कलाकृतियों और अन्य प्रचार सामग्री का प्रदर्शन करेंगे। इन प्रदर्शकों में न्यू एज उत्पादों/टेक्नोलॉजी की पेशकश करने वाले संगठन, टेक्नोलॉजी को अपनाने वाले पारंपरिक शिल्प क्षेत्रों की कंपनियां, भविष्य के कौशल और शिक्षा प्रदान करने वाले संस्थान और थिंक टैंक शामिल हैं।
इस कार्यक्रम में G20 सदस्य देशों के प्रतिनिधियों, विभिन्न मंत्रालयों और संगठनों, कौशल विश्वविद्यालयों के प्रतिनिधियों के साथ-साथ कौशल के ईकोसिस्टम और उद्योग विशेषज्ञों के प्रमुख हितधारकों सहित एक सम्मानित पैनल द्वारा भाग लिया जाएगा। इसके अलावा प्रदर्शक एग्रीकल्चर, ऑटोमोटिव, रिटेल, हेल्थकेयर, मीडिया और अन्य प्राथमिकता वाले क्षेत्रों में टेक्नोलॉजी के प्रभाव को प्रदर्शित करेंगे।
प्रदर्शनी के दौरान विज़िटर निम्नलिखित हाइलाइट्स का हिस्सा बनेंगे: कार्य का भविष्य प्रदर्शनी 3 सेक्टर्स पर केंद्रित है – एग्रीकल्चर, मोबिलिटी और हेल्थकेयर और इमर्सिव टेक्नोलॉजी, इंटरएक्टिव वॉल, होलोग्राफिक डिस्प्ले आदि का उपयोग कर कौशल का भविष्य प्रदर्शित किया जाएगा । मेटावर्स – एआर/वीआर आधारित सॉल्यूशन और एक्सपीरिएन्स। डिस्प्ले के रूप में रिवर्स इंजीनियरिंग और ऑटोमेटेड डिजाइन सॉल्यूशन। लाइव डेमो के साथ ड्रोन टेक्नोलॉजी। एड-टेक सॉल्यूशन एआर/वीआर और एक्सपीरिएन्शियल लर्निंग प्रोडक्ट डेमो और समृद्ध विरासत, एजीवीसी डेमो आदि प्रदर्शित करने वाले 3डी मॉडल का लाभ उठाना। इन्डस्ट्री 4.0 स्किल के लिए एप्लाइड और एक्शन लर्निंग लैब। वर्नाक्युलर लर्निंग-बेस्ड टेक सॉल्यूशंस, वर्चुअल इंटर्नशिप सॉल्यूशंस, इमर्सिव टेक लर्निंग सॉल्यूशंस। असिस्टिव टेक्नोलॉजी इनोवेशन के लाइव डेमों के साथ-साथ इन्क्लूज़न के लिए असिसटिव टेक्नोलॉजी और टेक्टाइल डिस्प्ले।
एमएसडीई और एमओई द्वारा प्रदर्शनी के साथ-साथ वर्क एक्सपीरिएन्स ज़ोन का एक अनूठा भविष्य भी स्थापित किया जा रहा है। शोकेस का उद्देश्य युवाओं को यह प्रदर्शित करना है कि बाजार के प्रासंगिक बने रहने के लिए इस एक्सपीरिएन्स ज़ोन में आवश्यक एडवांस तकनीकी कौशल और सॉफ्ट ट्रान्सफरेबल कौशल का पूर्वावलोकन प्राप्त करके काम का भविष्य कैसे विकसित होगा। ज़ोन अत्याधुनिक तकनीकों जैसे होलोग्राम, इंटरएक्टिव सरफेस टेबल और इंटरेक्टिव वॉल्स का उपयोग करेगा, जो विज़िटर को कार्य के भविष्य को प्रदर्शित करने वाले पूरी तरह से इमर्सिव एक्सपीरिएन्स में संलग्न करने में सक्षम करेगा। विज़िटर यह देखने और अनुभव करने में सक्षम होंगे कि ऑटोमेशन और डिजिटलीकरण किस तरह से कई सेक्टर में हमारे काम करने के तरीके को बदल रहे हैं।
शिक्षा और कौशल ईकोसिस्टम को बढ़ाने के दृष्टिकोण से, प्रदर्शनी लगातार अपस्किलिंग और रीस्किलिंग की आवश्यकता को शुरू करने वाले परिवर्तन की गति को प्रदर्शित करेगी। इससे नई शिक्षा नीति 2020 को भविष्य के कार्यबल में प्रभावशाली ढंग से मूलभूत कौशल के निर्माण की आवश्यकता को संबोधित करते हुए सामने लाया जाएगा।
G20 शिखर सम्मेलन का उद्देश्य सुधारों को प्राथमिकता देने, सीखने की पुन: कल्पना करने और प्रतिभा को फिर से परिभाषित करने के लिए काम के उभरते भविष्य को प्रासंगिक बनाने के लिए शिक्षाविदों, सरकार और उद्योग का प्रतिनिधित्व करने वाले वैश्विक हितधारकों को एक साझा प्लेटफार्म पर लाना है। कार्यक्रम में नियोजित सेशन और वर्कशॉप मूलभूत कौशल को मजबूत करने और आजीवन सीखने को बढ़ावा देने के लिए कैपेसिटी बिल्डिंग के लिए कई विषयों में नीतियों और प्रथाओं की पहचान करने में मदद करेंगे, एक कौशल ईकोसिस्टम स्थापित करेंगे जो कार्य की एक निरंतर, संतुलित और समावेशी दुनिया बना सकते हैं।