अगर आप कामयाब होने की इच्छा रखते हैं, तो अपने लक्ष्यों और आकांक्षाओं को पूरा करने से आपको कोई नहीं रोक सकता। दृढ़ता और निश्चय की ऐसी ही एक प्रेरक कहानी कृष्णांशु तंवर की है, जो कि राजस्थान के भरतपुर जिले के एक छोटे-से सुदूर गांव से आते हैं।
कृष्णांशु जब केवल छह साल के थे, तब उनकी माँ चल बसीं। उनके पिता, जो कि एक लैब तकनीशियन हैं, ने अपने बच्चों को बेहतर जिन्दगी देने के लिये दिन-रात एक कर दिये। सारी विषमताओं और सीमित साधनों के बावजूद, उन्होंने मजबूती से अपने बच्चों की जिम्मेदारी निभाई और सुनिश्चित किया कि उन्हें सही स्कूलिंग मिले और वे अपने लिये ऊँची आकांक्षाएं रखें। कृष्णांशु अपने पिता की कोशिशों को सर्वश्रेष्ठ परिणाम देना चाहते थे और उन्होंने जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी), इलाहाबाद में एडमिशन लिया। यहाँ उन्हें टाटा मोटर्स की प्रायोजित नीट कोचिंग -‘इनेबल’ के बारे में पता चला और अपनी कड़ी मेहनत के दम पर उन्होंने इस प्रोग्राम में अपनी जगह बनाई।
टाटा मोटर्स ने यह कार्यक्रम जवाहर नवोदय विद्यालय (जेएनवी) की गवर्निंग बॉडी, नवोदय विद्यालय समिति (एनवीएस) और इनके नॉलेज पार्टनर्स, एक्स-नवोदयन फाउंडेशन और अवंती फेलोज़ के सहयोग में लागू किया है। इंजीनियरिंग एंड नीट एडमिशन ब्रिज एक्सीलरेटेड लर्निंग एंगेजमेंट प्रोग्राम (इनेबल) डिजिटल रूप से सक्षम एक रिमोट लर्निंग पहल है, जो देश भर के 552 जवाहर नवोदय विद्यालयों (जेएनवी) में कृष्णांशु जैसे 11वीं और 12वीं कक्षा के योग्य विद्यार्थियों को जेईई और नीट जैसी प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कराती है। इसमें विद्यार्थियों को पढ़ाई के सभी संसाधन मिलते हैं। उन्हें ऑनलाइन क्लासेज और मेंटर्स की व्यक्तिगत कक्षाओं तक पहुंच मिलती है। इसके साथ ही इसमें हफ्ते में एक बार कड़ी परीक्षा का प्रावधान भी रखा गया है, जिसके तहत विद्यार्थियों की साप्ताहिक परीक्षा ली जाती है।
इस प्रोग्राम ने कृष्णांशु को पर्याप्त कोचिंग और तैयारी दी और नीट के पाठ्यक्रम को गहराई और विस्तार से समझने में सक्षम बनाया। साथ ही विशेषज्ञ परामर्श और पढ़ाई की व्यवस्थित रूपरेखा तक पहुँच दी। हालांकि, उनके लिये यह सफर आसान नहीं था, खासकर कोविड के वक्त, जब प्रोग्राम वर्चुअल हो गया। महामारी ने उन्हें घर लौट जाने पर मजबूर कर दिया, जहाँ वह वर्चुअल कक्षा सत्रों के लिये आखिर तक सही इंटरनेट कनेक्टिविटी पाने का संघर्ष करते रहे। लेकिन वह डटे रहे और कई बाधाओं से उभरने के बाद उन्होंने अच्छे अंकों के साथ नीट 2020 को क्लीयर किया और ऑल-इंडिया 53 की उल्लेखनीय रैंक हासिल की और उनका स्कोर 705/720 रहा ।
अपनी कड़ी मेहनत और कभी हार न मानने के दृढ़ निश्चय के साथ कृष्णांशु ने आखिरकार नई दिल्ली के मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) में एडमिशन पाया, जोकि भारत के शीर्ष पाँच मेडिकल कॉलेजों में से एक है। नीट की तैयारी के वक्त को याद करते हुए कृष्णांशु कहते हैं, ‘’मैं ‘इनेबल’ प्रोग्राम में चुने जाने और उसका हिस्सा बनने पर बहुत खुश हूँ, जिसने मेरे जैसे नीट के आकांक्षियों को अपने सपने पूरा करने के सभी मौके दिये हैं।‘’
टाटा मोटर्स के सीएसआर हेड श्री विनोद कुलकर्णी ने कृष्णांशु के प्रेरणादायक सफर पर टिप्पणी करते हुए कहा, “टाटा मोटर्स ने हमेशा सपनों को साकार करने की कोशिश की है और भारत के युवाओं को सशक्त करने वाली हमारी पहल ‘इनेबल’ के माध्यम से हम न केवल उनकी तरक्की में योगदान देना, बल्कि अपने देश की प्रतिभा को समृद्ध भी करना चाहते हैं। टाटा मोटर्स में हम उचित शिक्षा की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिये प्रतिबद्ध हैं और कृष्णांशु जैसे विद्यार्थी हमें हमेशा प्रेरित करते रहेंगे, जिनके पास अपने सपनों का पीछा करने की लगन, उत्साह और इच्छा है। हमें आशा है कि हम अपनी पहल को यंग इंडिया की महत्वाकांक्षी पहल से जोड़ पाएंगे। इनेबल पहल के साथ हमारी योजना 2025 तक जेईई और नीट के एंट्रेस एग्जाम के लिए 1 लाख स्टूडेंट्स को कोचिंग देने की है और हम इनमें से 30 हजार स्टूडेंट्स का दाखिला उच्च शिक्षण संस्थाओं में कराना चाहते हैं।”
देश के किसी प्रमुख कोचिंग प्रोग्राम की तुलना में टाटा मोटर्स के प्रोग्राम में एक सफल स्टूडेंट को तैयार करने में 20 गुना कम लागत आती है। इनेबल ने विद्यार्थियों को एसटीईएम में अपना कॅरियर बनाने में काफी मदद की है। इससे इन कोर्सेज में एडमिशन लेने वाले विद्यार्थियों की संख्या में 10 गुना बढ़ोतरी हुई है। कुल मिलाकर इस कार्यक्रम के जरिए मदद हासिल करने वाले 35% विद्यार्थियों ने देश के प्रतिष्ठित इंजीनियरिंग और मेडिकल इंस्टिट्यूट्स में दाखिला लिया है।