नई दिल्ली, 22 जनवरी, 2021 – बिहार म्यूज़ियम ने आज बिहार म्यूज़ियम बिनाले की घोषणा की, जिसका आयोजन म्यूज़ियम परिसर, पटना में 22-28 मार्च 2021 को किया जायेगा। बिहार सरकार के कला, संस्कृति और युवा विभाग द्वारा आयोजित देश और दुनिया के पहले म्यूज़ियम बिनाले का शुभारम्भ 22 मार्च बिहार दिवस के मंगल अवसर पर किया जाएगा, ये भारत की ऐतिहासिक संपन्नता को दर्शायेगा। म्यूज़ियम बिनाले का मकसद जनता को देश की संस्कृति, पहचान और भाईचारे का परिचय देना है।
बिहार म्यूज़ियम में शुभारंभ के अवसर पर बिहार के माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार; बिहार म्यूज़ियम के नोडल ऑफिसर और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अंजनी कुमार सिंह; और बिहार म्यूज़ियम के डायरेक्टर श्री दीपक आनंद के साथ ही अन्य विशिष्ट गणमान्य जन उपस्थित रहेंगे। द पब्लिकेशन, बिहार, इंडिया एंड द वर्ल्ड: सेलिब्रेटिंग म्यूज़ियम कलेक्शंस, में 12 प्रमुख भागीदार राष्ट्रीय संग्रहालयों की सूचना शामिल है। इसे बिहार म्यूज़ियम बिनाले के उद्देश्य से तैयार किया गया है। इसका लोकार्पण भी शुभारंभ के अवसर पर होगा।
इस पहल के बारे में बात करते हुए बिहार के माननीय मुख्यमंत्री, श्री नितीश कुमार जी ने कहा, “बिहार म्यूज़ियम एक सांस्कृतिक केंद्र है, जो बिहार के लोगों और विश्व की उत्सुकता, खोज और रचनात्मकता को समर्पित है। कला और संस्कृति की ताकत हमेशा से बिहार के रणनीतिगत विकास में मददगार रही है। बिहार म्यूज़ियम बिनाले भारत की समृद्ध विरासत को उजागर करने और बिहार के असाधारण इतिहास को जीवंत करने के लिए एक कदम है। ये दुनिया के विभिन्न हिस्सों से सांस्कृतिक आख्यानों का जश्न है।”
कला प्रेमियों और आगंतुकों के लिए बिनाले वर्ष 2021 में बिहार के सांस्कृतिक कैलेंडर की एक महत्वपूर्ण पहल बन गया है। शुरुआत में इसे तीन महीने लम्बे उत्सव के रूप में तैयार करने की योजना थी, लेकिन कोविड-19 महामारी के चलते अब इसे हाइब्रिड अवतार में प्रस्तुत किया जा रहा है, मतलब फिजिकल और डिजिटल रूप में। सात दिनों के दौरान, विशेष रूप से तैयार किये गए वर्चुअल टूर के माध्यम से आप इसमें भाग लेने वाले राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संग्रहालयों का दौरा भी कर सकते हैं। भारत से भागीदारी करने वाले दूसरे म्यूज़ियम हैं: असम स्टेट म्यूज़ियम; बिहार म्यूज़ियम, पटना; सिटी पैलेस म्यूज़ियम, उदयपुर; छत्रपति शिवाजी महाराज वस्तुसंग्रहालय, मुंबई; इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, भोपाल; कान्हा म्यूज़ियम ऑफ़ लाइफ एंड आर्ट, एमपी; किरण नादर म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट, नई दिल्ली; म्युजियो कैमरा, गुडगाँव; म्यूज़ियम ऑफ़ आर्ट एंड फोटोग्राफी, बंगलुरु; म्यूज़ियम ऑफ़ गोवा, पंजी; नेशनल गैलरी ऑफ़ मॉडर्न आर्ट, नई दिल्ली; पिरामल म्यूज़ियम, मुंबई; विरासत-ए-खालसा, आनंदपुर साहिब।
“बिहार म्यूज़ियम का ये प्रोजेक्ट मेरे दिल के बहुत करीब रहा, इसके तहत हमें बिहार के ऐतिहासिक अतीत और संस्कृति को दर्शकों के लिए पुनर्जीवित करने का अवसर मिला। हमारे माननीय मुख्यमंत्री श्री नितीश कुमार जी के मार्गदर्शन और दृष्टिकोण से बिहार म्यूज़ियम बिनाले देश और दुनिया भर की सांस्कृतिक धरोहर को सँभालते हुए राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पहचान को प्रस्तुत कर पाया,” बिहार म्यूज़ियम के नोडल ऑफिसर और मुख्यमंत्री के सलाहकार श्री अंजनी कुमार सिंह ने कहा।
बिनाले के इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बनेंगे: नील मैकग्रेगर, ब्रिटिश कला इतिहासकार, जो इस समारोह का उद्घाटन संभाषण भी देंगे; हिलेरी नाईट, टाटे गैलरी, यूके के डिजिटल डायरेक्टर; डॉ. शौर्य नोउजेम, लॉरे, आबूधाबी में कलेक्शन मैनेजमेंट डायरेक्टर; सब्यसाची मुखर्जी, CSMVS मुंबई के डायरेक्टर जनरल; जेविएर बैरन इत्यादि।
बिनाले म्यूज़ियम की प्रोजेक्ट डायरेक्टर, डॉ. अलका पांडे ने कहा, “कला इतिहासकार के तौर पर, मैं कह सकती हूँ कि बिहार कई मायनों में भारत की आत्मा है, फिर वो चाहे इसका पाटलिपुत्र हो या मगध। बिहार म्यूज़ियम बिनाले वास्तव में भारतीय संग्रहालयों का सार होगा, जहाँ भारत के प्रत्येक स्वरूप को जीवंत किया जा सकेगा।”
बिहार म्यूज़ियम में मौजूद दर्शकगण संग्रहालय की प्रदर्शनी का मुफ्त ऑडियो-गाइडेड टूर भी ले सकेंगे। साथ ही, उनके पास दो विशेष रूप से तैयार की गई प्रदर्शनी देखने का भी अवसर होगा: जिनमें से पहली ‘बिहार म्यूज़ियम की मेकिंग’ के बारे में होगी, और दूसरी बिहार के 19 लोकल स्टेट म्यूज़ियम के बारे में होगी। इस म्यूज़ियम का निर्माण प्रमुख आर्किटेक्ट राहुल गोरे ने किया है।
पिछले कुछ वर्षों में सार्वजनिक कला प्रदर्शन का स्वरूप बदल गया है, और औपनिवेशिक काल से समकालीन संस्कृतियों तक इस बदलाव को महत्वपूर्ण रूप से अनुभव किया गया है। प्रदर्शन के इस बदलाव को समझने के लिए बिहार म्यूज़ियम बिनाले के शुभारंभ के साथ ही 2-दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय वर्चुअल कॉन्फ्रेंस का आयोजन होगा। कॉन्फ्रेंस का मकसद संग्रहालय को ऊष्मायन, आविष्कार और विचारों की एक साइट के रूप में देखना है। प्रत्येक सत्र को विशेष रूप से आधुनिक और प्राचीन कलाकृतियों के संग्रहालयों की सांस्कृतिक वस्तुओं और भविष्य के संग्रहालयों के नज़रिए से तैयार किया गया है, जिसका अनुभव आप डिजिटल और फिजिकल रूप से ले सकते हैं।
बिहार म्यूज़ियम बिनाले की अन्य गतिविधियों में वर्चुअल लेक्चर होस्ट करना, बिहार और भारत की कला व संस्कृति पर मास्टर क्लास आयोजित करना है, जिनका संचालन देश व दुनिया की गणमान्य हस्तियाँ करेंगी।