वाह रे वाह ओ लाल-टमाटर तूने कर दिया कमाल,
चन्द दिनों में ही बना लिया अच्छी खासी पहचान।
तुमको बेचकर आज व्यापारी हो रहा है मालामाल,
कम दामों में बिकने वाला अब छू रहा आसमान।।
हर सब्ज़ी में संपूर्ण विश्व इसका करता रोज़ प्रयोग,
जिसके सेवन से कब्ज़ दूर एवं मिटते रक्त के रोग।
पोटेशियम एवं विटामिन सी जिसमें होते है भरपूर,
स्वास्थ्यवर्धक एवं हृदय को यह बनाता है निरोग।।
साल के बारह महिनों चलता है इसका यह उत्पाद,
जिसमें ये मिल जाता है उसका बढ़ा देता है स्वाद।
अध्ययनों से मालुम हुआ इसका ठंडा होता तासीर,
कभी-महंगा कभी-सस्ता होकर करवाता विवाद।।
फल एवं सब्जियों दोनों में जिसका होता है गिनती,
पर अत्यधिक मात्रा में न खाएं मैं करता हूॅं विनती।
जितना ये फायदा करता उतना ही करता नुकसान,
स्टोन-किडनी के संग-संग बहुत समस्याएं बनती।।
इसका इसी मौसम में हर-वर्ष ये बढ़ जाता है भाव,
ख़ूब टमाटर खानें वालें भी यह ले रहें है पाव पाव।
सूप-सलाद को तरस रहें आज सब व्यक्ति है हेरान,
लेकिन व्यापारी लगा रहें है अपनी मूंछों पर ताव।।
सैनिक की कलम ✍️
गणपत लाल उदय, अजमेर राजस्थान
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