देश के सभी मुख्य क्षेत्रीय भाषाओं पर फ़िल्म बनाएँगे : लाल विजय शाहदेव
आकृति एंटरटेनमेंट प्रा लि द्वारा निर्मित और हिट मशीन खेसारीलाल यादव द्वारा अभिनीत फ़िल्म “मेरे नैना तेरे नैना” 2 जून को रिलीज़ हो रही है। लाल विजय शाहदेव द्वारा निर्देशित यह फ़िल्म अवधि भाषा बनी है, जिसे हिंदी के दर्शक भी आसानी से समझ पाएँगे। खेसारीलाल यादव के साथ इस फ़िल्म में ख़ुशबू शर्मा, कामाक्षी ठाकुर, रीतू शर्मा, नीना चीमा, निशिकांत दीक्षित और चुनु मेहरा के अलावा फ़िल्म में मेहमान कलाकार के रूप में रवि भाटिया भी एक अहम रोल में हैं, जिन्हें दर्शक चर्चित टी वी सीरीयल योद्धा अकबर में सलीम की भूमिका में देख चुके हैं। फ़िल्म के निर्माता राकेश डांग और दीपक सिम्हल हैं।
फ़िल्म की कहानी को लेकर निर्देशक लाल विजय ने बताया कि यह 30 वर्षीय एक अनाथ लड़की, वासु और एक अनाथ लड़का माधव की अनोखी प्रेम कहानी की रहस्यमयी विषय पर आधारित फ़िल्म है। यह रूटीन फ़िल्मों से एकदम अलग है। इस रहस्यमयी कहानी को पूरी तरह से बता नहीं सकते और इसको जानने के लिए दर्शकों को फ़िल्म देखना ज़रूरी है। उन्होंने कहा कि हाल में ही इसका ट्रेलर रिलीज़ किया गया था और दर्शकों के साथ साथ फ़िल्म समीक्षकों ने इसे बहुत सराहा है। फ़िल्म के दो गाने फ़िल्म रिलीज़ के पहले ही दर्शकों को बहुत पसंद आ रहा है।
वहीं, उन्होंने अवधि भाषा में फिल्म बनाने की बात को लेकर कहा कि उनका लक्ष्य भारत के सभी मुख्य क्षेत्रीय भाषाओं पर फ़िल्म निर्माण कर एक नया कीर्तिमान बनाने का है। इस पर पिछले कई सालों से प्रयास जारी है । मालूम हो कि हिंदी फ़िल्मों के निर्माण के साथ लाल विजय ने क्षेत्रिय भाषाओं पर फ़िल्म बनाने को लेकर बहुत गम्भीर हैं। पिछले दो दशक से ज़्यादा समय से मुंबई में काम कर रहे लाल विजय ने बताया की क्षेत्रीय भाषाओं में उन्होंने सबसे पहले अपने प्रदेश झारखंड के नागपुरी भाषा पर “फूलमनिया” नामक फ़िल्म बनाया है, जिसे दर्शकों ने काफ़ी सराहा है। यह फ़िल्म झारखंड की ज्वलंत मुद्दे डायन प्रथा पर आधारित थी। और अब अवधि में फ़िल्म “मेरे नैना तेरे नैना” लेकर आए हैं।
वहीं फिल्म को लेकर खेसारीलाल यादव ने बताया कि इस फ़िल्म की कहानी और चरित्र को पहले ही बताना सही नहीं होगा। बस इतना ही कहूँगा कि पहली बार मैंने इतना सवेंदनशील और कठिन रोल निभाया है। इस चरित्र को जीना मेरे लिए बहुत बडी चुनौती थी जिसे सफल बनाने में मैंने गम्भीर कोशिश की है। यह फ़िल्म सच में आम फ़िल्मों से अलग है।
फ़िल्म की नायिका ख़ुशबू शर्मा ने बताया कि मैंने कभी सोचा नहीं था कि ऐसा चुनौती भरा चरित्र जीने का मौक़ा मिलेगा। जब निर्देशक लाल विजय ने मुझे इस रोल के लिए चुना तो मुझे ख़ुशी से ज़्यादा आश्चर्य हुआ कि मैं यह रोल कर पाऊँगी या नहीं। निर्देशक लाल विजय ने बड़ी आसानी से फ़िल्म कब पूरी कर ली, मुझे पता भी नहीं चला। फ़िल्म देखने के बाद मुझे लगा कि जिस मेहनत से मैंने काम किया वो सबको ज़रूर अच्छा लगेगा। फ़िल्म की दूसरी नायिका कामाक्षी ठाकुर ने बताया कि मेरा रोल छोटा ज़रूर है, पर मेरी एंट्री कहानी का टर्निंग पोईंट है। मैंने अपना बेस्ट देने की कोशिश की है और आशा है सबको मेरा रोल अच्छा लगेगा।
विशेष अतिथि कलाकार की भूमिका निभाने वाले रवि भाटिया ने बताया कि फ़िल्म का निर्देशन लाल विजय कर रहें हो तो मैं कोई रोल मना नहीं कर सकता चाहे वो किसी भी भाषा में हो। इस फ़िल्म में मेरी भूमिका छोटी ज़रूर है पर एक छाप छोड़कर जाने वाला है। फ़िल्म के छायाकार अजित सिंह हैं और संगीत सूरज शर्मा का है।
निर्माता निर्देशक लेखक
लाल विजय शाहदेव
निर्माता
राकेश डाँग
दीपक सिम्हल
सह निर्माता
अमृता शाहदेव
मधुकर वर्मा
लेखक
केदार धारवाड़कर
लाल विजय शाहदेव
छायांकन
अजित सिंह
संगीत
सूरज
कृष्णा बेदर्दी
ओम् झा
गीतकार
प्यारेलाल यादव
कृष्णा बेदर्दी
ओम् झा
गायक
खेसारी लाल यादव
फ़रहान शब्बिर
वंदिता भारती
ममता राउत
सुबोध
आब्या दूबे
प्रियंका सिंह
ओम् झा
संकलन
अखिलेश सिंह
नुरेन अंसारी
क्रीएटिव डायरेक्टर
कामाक्षी ठाकुर
नृत्य
कानु मुखर्जी
कला निर्देशक
डी के राहुल
निर्माण प्रबंधक
उमाशंकर तिवारी
पी आर ओ
रंजन सिन्हा
कलाकार
खेसारी लाल यादव
ख़ुशबू शर्मा
कामाक्षी ठाकुर
रीतू शर्मा
नीना चीमा
निशिकांत दीक्षित
चुनु मेहरा
स्पेशल पार्ट – रवि भाटिया