नई दिल्ली, अप्रैल 2023 – कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय (एमएसडीई), भारत सरकार और यूनिसेफ-युवा ने भारत सरकार-यूनिसेफ कंट्री प्रोग्राम डॉक्यूमेंट 2023-2027 के स्वीकृत दायरे में भारत में युवाओं के बीच कौशल और रोजगार की चुनौतियों का समाधान करने के लिए भागीदारी की है।
यह साझेदारी दोनों संगठनों – एमएसडीई और यूनिसेफ-युवा की ताकत का लाभ उठाएगी ताकि सामान्य लक्ष्यों को प्राप्त किया जा सके और 21वीं सदी की स्किलिंग, अप्रेंटिसशिप, और उद्यमशीलता के अवसर, कैरियर मार्गदर्शन और नौकरी चाहने वाले युवाओं को सहायता प्रदान की जा सके।
युवा, विश्व स्तर पर जनरेशन अनलिमिटेड के रूप में जाना जाने वाला यूनिसेफ द्वारा एक मल्टी-स्टेकहोल्डर्स प्लेटफॉर्म है, जिसका उद्देश्य युवाओं को शिक्षा और लर्निंग से लेकर प्रोडक्टिव वर्क और एक्टिव सिटीजनशिप में ट्रांजिशन के लिए तैयार करना है। युवा 2019 में लॉन्च होने के बाद से भारत में युवाओं और भागीदारों के साथ काम कर रहा है, क्योंकि वे एडल्टहुड में ट्रांजिशन करने और आर्थिक एवं सामाजिक प्रभाव के अवसरों को देखने के लिए सहयोग की निरंतरता प्रदान करने पर ध्यान केन्द्रित करते हैं।
साझेदारी को आधिकारिक तौर पर एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी और भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री द्वारा लॉन्च किया गया था।
सहयोग के शुभारंभ पर बोलते हुए, एमएसडीई के सचिव श्री अतुल कुमार तिवारी ने कहा, “भारत एक युवा राष्ट्र है, जिसकी 62% से अधिक जनसंख्या वर्किंग-एज ग्रुप में है और लगभग 54% 25 वर्ष से कम आयु की है। डिसरप्टिव टेक्नोलॉजी के युग में, यह आवश्यक है कि हम अपने युवाओं को लाईफ स्किल्स, वित्तीय कौशल, डिजिटल कौशल और उद्यमशीलता कौशल सहित सही शिक्षा और 21वीं सदी का व्यावसायिक प्रशिक्षण प्रदान करें ताकि वे जटिल चुनौतियों को हल करने में सक्षम हों। यूनिसेफ के साथ यह साझेदारी युवा लोगों के लिए प्रोडक्टिव जीवन और आकांक्षात्मक आर्थिक अवसरों के लिए प्रासंगिक कौशल हासिल करने के लिए फ्यूचर ऑफ वर्क के अनुरूप पाथवे बनाएगी। आगे बढ़ते हुए, एमएसडीई और यूनिसेफ पैमाने और पहुंच को अधिकतम करने के लिए टेक्नोलॉजी प्लेटफार्मों पर आधारित इनोवेटिव सॉल्यूशन के माध्यम से देश में अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम को मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”
कार्यक्रम के दौरान ‘मेकिंग अप्रेंटिसशिप एस्पिरेशनल: लर्निंग्स एंड वे फॉरवर्ड’ नामक एक पेपर भी जारी किया गया। सरकारी अधिकारियों, निजी क्षेत्र, सीएसओ, इंडस्ट्रीज़ बॉडीज़ और युवाओं के एक कार्यकारी समूह द्वारा संयुक्त रूप से तैयार किया गया यह पेपर एस्टेब्लिशमेंट और अप्रेंटिसशिप का पीछा करने वाले छात्रों के सामने आने वाले महत्वपूर्ण मुद्दों पर प्रकाश डालता है। पेपर मांग और आपूर्ति दोनों पक्षों से नीतिगत सिफारिशों को रेखांकित करता है, जिसका उद्देश्य भारत में अप्रेंटिसशिप इकोसिस्टम को स्केल-अप करना है। पेपर तेलंगाना में आयोजित एक पायलट से प्राप्त इनसाइट्स पर प्रकाश डालता है, जिसमें एम्प्लॉयर्स और युवाओं दोनों के साथ अप्रेंटिसशिप पर उनके दृष्टिकोण को समझने के लिए किया गया है। इसमें कहा गया है कि शिक्षा और रोजगार के बीच की खाई को पाटने के लिए एक महत्वपूर्ण कड़ी के रूप में एम्प्लॉयर्स और युवाओं दोनों द्वारा अप्रेंटिसशिप की सराहना की जाती है, लेकिन रजिस्ट्रेशन और ऑनबोर्डिंग के दौरान गहन हैंडहोल्डिंग के माध्यम से सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना, शिकायत निवारण के लिए मजबूत चैनल, प्रशिक्षण की गुणवत्ता में वृद्धि और अपरेंटिस को नियुक्त करने के लिए अधिक एमएसएमई को सक्षम करने से अप्रेंटिसशिप को जनता तक ले जाने में मदद मिलेगी।
भारत में यूनिसेफ की प्रतिनिधि सिंथिया मैककैफ्री ने कहा, “यूनिसेफ भारत के विकास के त्वरक के रूप में, युवाओं के सशक्तिकरण के लिए भारत द्वारा बनाए गए संपन्न इकोसिस्टम के निर्माण हेतु कौशल विकास और उद्यमशीलता मंत्रालय का सहयोग करने के लिए रोमांचित है। युवा के माध्यम से हम युवाओं को उनकी असीमित क्षमता को पहचानने के लिए प्रोत्साहित करते हैं। हम उन्हें प्रोत्साहित करते हैं कि वे अपनी आकांक्षाओं को उड़ने दें, बड़ा सोचें और निर्भीक बनें। नई भारत सरकार-यूनिसेफ कंट्री प्रोग्राम 2023-2027 के तहत, यह साझेदारी सह-समाधान तैयार करने की कोशिश करती है जो भारत के युवाओं को कौशल, टूल्स और ज्ञान के साथ सशक्त बनाती है जो उन्हें वर्कफोर्स और उद्यमियों के रूप में सफल होने के लिए आवश्यक है। यह उनके लिए भारत को अधिक सस्टेनेबल और इनोवेटिव बनाने के लिए पॉलिसी स्टेकहोल्डर्स के साथ मिलकर काम करने के अवसर भी पैदा करता है।”
युवा, यूथ डेवलपमेंट एंड पार्टनरशिप्स, यूनिसेफ के चीफ धुवाराखा श्रीराम ने कहा, “एमएसडीई के साथ यह साझेदारी युवाओं को उनकी पूरी क्षमता तक पहुंचने और अधिक न्यायसंगत वर्कफोर्स की दिशा में राष्ट्र के विकास में योगदान करने में सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रोडक्टिव जीवन और फ्यूचर ऑफ वर्क के लिए युवाओं को ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से लाईफ स्किल्स, फाइनेंशियल स्किल्स, डिजिटल स्किल्स और उद्यमशीलता कौशल सहित 21वीं सदी के कौशल से लैस करने पर ध्यान केंद्रित किया गया है। हमारी संयुक्त विशेषज्ञता हमें भारत में युवाओं के साथ बड़े पैमाने पर समाधान करने और लागू करने में मदद करेगी जिसका उनके जीवन पर स्थायी प्रभाव पड़ेगा।”
यंग पीपल्स एक्शन टीम की सदस्य अनुष्का सिन्हा ने कहा, “एक स्वास्थ्य और वेलनेस एंटरप्रेन्योर के रूप में, मेरा मानना है कि टेक्नोलॉजी में प्रगति और संचार के विविध चैनलों की उपलब्धता के साथ, युवाओं में जटिल समस्याओं को हल करने के लिए कौशल का उपयोग करने की उल्लेखनीय क्षमता है। मेरा वेंचर टेक और सोशल एंटरप्रेन्योरशिप के इंटरसेक्शन के आसपार केंद्रित है और हम कमजोर आबादी के बीच की खाई को कैसे पाट सकते हैं, इसलिए एमएसडीई और यूनिसेफ-युवा को मेरे जैसे युवाओं की उद्यमशीलता की क्षमता को उजागर करने के लिए मिलकर काम करना प्रेरणादायक है।