कर्ज और पलायन के दर्द को प्रदर्शित करने वाला अंकुश – राजा का गाना ‘पेट के खातीर’ रिलीज
बेहद कम समय से एक से बढ़कर एक गाने के जरिए सबों के दिलों में उतर जाने वाले लोकप्रिय सिंगर अंकुश – राजा का नया गाना ‘पेट के खातीर’ आज रिलीज हो गया है। यह गाना कर्ज तले दबी गरीबी और पलायन के दर्द को उकेरती है। अंकुश – राजा का यह गाना बेहद संवेदनशील है, लेकिन समय की हकीकत के वजह से एक बेजोड़ कथानक वाला यह गाना दर्शकों को खुद से जोड़ रही है। और गाना वायरल होना शुरू हो गया है।
अंकुश – राजा के इस गाने का निर्माण म्यूजिक लेबल निमन भोजपुरी ने किया है। गाने का लिरिक्स मनोज मतलबी ने तैयार किया है, जो पहले भी कई हिट गाने दे चुके हैं। वहीं म्यूजिक अविनाश झा घुंघुरू का है। निर्देशक चंदन सिंह हैं और पीआरओ रंजन सिन्हा हैं।
वहीं, गाने को लेकर अंकुश – राजा ने कहा कि गाना ‘पेट के खातीर’ एक गरीब के जिंदगी की हककित का आइना है। यह गाना मेरे लिए बेहद मुश्किल था। इस गाने में एक ऐसे परिवार की कहानी को हमने सामने लाया है, जो अपने भरे – पूरे परिवार के साथ एक घर में रहते हैं। लेकिन वक्त की मार ऐसी पड़ती है कि उनका परिवार कर्ज के तले दब जाता है। कर्ज चुकाने के चक्कर में उनका घर भी बिक जाता है और मजबूरन उन्हें अपने परिवार के खातीर पलायन करना पड़ता है।
उन्होंने कहा कि पलायन के बाद वे शहर में आते हैं, लेकिन उनकी जिंदगी कष्टमय हों जाती है। फिर क्या होता है उनका, वो इस गाने में संगीत के माध्यम से आप देख सकते हैं। यह गाना अभी रिलीज हो चुका है। मुझे लगता है यह बिहार और यूपी के लाखों लोगों की कहानी है। इस गाना को करते समय हमारा गला कई बार रुँध गया। उम्मीद है यह गाना आपको पसंद आएगा। इसलिए आग्रह है कि हमारे इस गाने को अब तक रिलीज हुए सभी गाने से ज्यादा प्यार और आशीर्वाद दें।