नयी दिल्ली, जनवरी, 2023: दूरसंचार के लिए भारत के प्रमुख कौशल विकास संस्थान टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल (टीएसएससी) ने आज घोषणा की कि उसने सरकार और उद्योग के साझीदारों के सहयोग से दूरसंचार उद्योग के लिए कार्यबल को कौशल प्रदान करने में एक दशक पूरा कर लिया है। भारत में इस वर्ष 5जी को शुरू करने में तेजी आने के साथ तैयार कुशल कार्यबल इस वक्त की सबसे बड़ी जरूरत है। इस बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए टीएसएससी ने एक लाख से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित करने और टेलकोजॉब्स जैसी अपनी प्लेसमेंट पहल के जरिये पूरे देश में 1.25 लाख से अधिक उम्मीदवारों को नौकरी दिलाने की योजना बनाई है। साथ ही इसकी योजना विभिन्न उद्योग संबंधी पुरानी और भावी दूरसंचार नौकरियों के लिए आगामी वर्षों में पूरे भारत में कम से कम 50 नए प्रशिक्षण लैब और सेंटर ऑफ एक्सिलेंस स्थापित करने की है। ये लैब एक हब एंड स्पोक मॉडल के तहत आईटीआई और प्रमुख विश्वविद्यालयों में स्थापित किए जाएंगे। टीएसएससी ने अपनी स्थापना की 10वीं वर्षगांठ के मौके पर “टेलीकॉम विज़न टू 5 जी स्किलिंग” कार्यक्रम आयोजित किया।
टीएसएससी ने तिहान, आईआईटी हैदराबाद के साथ साझीदारी की घोषणा की जिसके तहत 5जी और इसके उपयोग के मामलों, आईओटी, क्लाउड, एआईध्एमएल जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल विकास और पाठ्यक्रमों के विकास, विशेष परियोजनाओं, कौशल विकास और अन्य संबद्ध सेवाओं में संयुक्त परियोजनाओं पर ध्यान दिया जाएगा।
दूरसंचार में कौशल प्रदान करने के एक शीर्ष निकाय के तौर पर टीएसएससी ने पिछले कुछ वर्षों में नए कारोबारी क्षेत्रों जैसे कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी (सीएसआर), सेंटर ऑफ एक्सिलेंस का विकास, अंतरराष्ट्रीय कौशल विकास कार्यक्रम, प्लेसमेंट और पेड प्रोग्राम में विस्तार किया है। हाल ही में इस उद्योग निकाय ने पटना और दिल्ली एनसीआर में दो सेंटर ऑफ एक्सिलेंस का भी उद्घाटन किया और इसकी योजना वित्त वर्ष 2022-23 के अंत तक और तीन सेंटर ऑफ एक्सलेंस स्थापित करने की है।
तिहान, आईआईटी हैदराबाद के साथ इस सहमति ज्ञापन पर हस्ताक्षर 5 साल के लिए किया गया है और इसके साथ नयी प्रौद्योगिकियों के लिए गठबंधन हेतु नए क्षेत्रों की पहचान की जाएगी और पाठयक्रमों, लैब्स, उपकरण, अध्यापन केंद्र और सेंटर ऑफ एक्सलेंस के रूप में उनकी क्षमता का निर्माण किया जाएगा। यह सहयोग कंटेंट विकास और विशेष परियोजनाओं, अकादमिक या कॉरपोरेट में कौशल प्रशिक्षण दोनों तरह से किया जाएगा और युवाओं को रोजगार के लायक बनाया जाएगा। इस साझीदारी के तहत टीएसएससी TiHAN, को प्रशिक्षकों के प्रशिक्षण और असेसर्स के प्रशिक्षण के जरिये भी सहयोग करेगी और उभरती प्रौद्योगिकियों को लेकर सरकार और निजी क्षेत्र की अगुवाई वाले प्रशिक्षण कार्यक्रमों में भागीदारी करेगी।
इस अवसर पर दूरसंचार विभाग के सचिव श्री के राजारमण ने कहा, “पिछले कुछ महीनों में हम विभिन्न कार्यक्रम कराने में सफल रहे और इनमें से एक कार्यक्रम 5जी की शुरूआत में आगामी अवसरों के बारे में सभी राज्य सरकारों को संवेदनशील बनाना है। यह बहुत महत्वपूर्ण है कि हम अन्य देशों की रोजगार की जरूरत और वहां जरूरी मानकों का खाका तैयार करें। यह केवल 5जी की बात नहीं है, बल्कि आगामी सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकियों, इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण की वृद्धि, उस देश को और वहां आवश्यक विभिन्न कौशल को समझने की बात है जिनसे हमारे विद्यार्थियों का परिचय कराने की जरूरत है। टीएसएससी भी इस उद्योग के साथ गठबंधन करने में काफी पैसा खर्च कर रही है और राज्य सरकारों जैसे अन्य भागीदारों के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है कि वे धन खर्च करने के मामले में आगे आएं और 5जी एवं इससे जुड़े कौशल पर ध्यान केंद्रित करें ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि हम देशभर में एक डिजिटल अर्थव्यवस्था की नीव डालें।”
टेलीकॉम सेक्टर स्किल काउंसिल के सीईओ अरविंद बाली ने कहा, “आज हमारे के लिए एक बहुत शुभ दिन है। हमने कई मार्गदर्शकों, साझीदारों और गौरवान्वित उम्मीदवारों के साथ 2013 में स्थापना के बाद एक लंबा सफर तय किया है। हम एमएसडीई, मेइटी, दूरसंचार विभाग और एनसीवीईटी का उनके सतत मार्गदर्शन और सहयोग के लिए विशेष रूप से आभारी हैं। हमने उच्च मूल्य की परियोजनाओं का निर्माण करने के लिए निरंतर राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपना विस्तार किया जिससे वैश्विक स्तर पर दक्ष कुशल कार्यबल तैयार करने में मदद मिल सके। आज, 5जी प्रौद्योगिकी से वर्ष 2023 और 2040 के बीच भारतीय अर्थव्यवस्था 450 अरब डॉलर बढ़ने की संभावना है और हम वर्तमान में 5जी और इसकी सहायक प्रौद्योगिकियों में करीब 1.4 लाख कर्मचारियों की भारी कमी का सामना कर रहे हैं। हमें इस अवसर पर ज्पभ्।छ. आईआईटी हैदराबाद के साथ साझीदारी करते हुए प्रसन्नता हो रही है। हमने पिछले एक दशक में 10 लाख से अधिक उम्मीदवारों को विभिन्न भूमिकाओं के लिए प्रशिक्षित किया है और इस साझीदारी से उच्चतम संभव स्तर पर प्रतिभावान कार्यबल को कौशल प्रदान करने और उन्हें गुणवत्ता एवं कौशल के उच्चतम मानकों का पालन करने का आकांक्षी बनाने के हमारे विजन को बल मिलेगा।”
इस संगठन को दूरसंचार उद्योग में युवा कार्यबल के लिए मार्ग तैयार करने में कौशल विकास एवं उद्यमशीलता मंत्रालय, इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय (मेइटी), दूरसंचार विभाग और नेशनल काउंसिल ऑफ वोकेशनल एंड एजुकेशनल ट्रेनिंग (एनसीवीईटी) से जबरदस्त सहयोग मिला है। इस सरकार से मिले जनादेश के तहत टीएसएससी दूरसंचार विभाग के सहयोग से अगले तीन वर्षों में 5जी और सहायक प्रौद्योगिकियों में भी एक लाख युवाओं को प्रशिक्षित करेगी।
इस कार्यक्रम में मंत्रालयों, उद्योग और अकादमिक क्षेत्र से विभिन्न हस्तियां शामिल हुई जिनमें डीसीसी चेयरमैन एवं सचिव दूरसंचार श्री के राजारमणय इलेक्ट्रॉनिकी और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव श्री भुवनेश कुमार शामिल थे। इन्होंने कार्यबल को कौशल प्रदान करने के लिए उठाए जाने वाले कदमों और इस वर्ष 5जी एवं पीएलआई के जरिये भारत की आर्थिक वृद्धि के अगले चरण के लिए इसके महत्तम उपयोग के बारे में चर्चा की।