
और निधन 17 अप्रेल 1975 में हुआ। वे 1मार्च 1946
को न्यू यॉर्क उच्च शिक्षा
प्राप्त करने के लिए गए।
वे दस साल यानि, 1952 से 1962 तक उप राष्टपति रहे। सजनता सादगी के प्रतिक डॉ राजेंद्र प्रसाद के वे उतराधिकारी बने। उन्होंने लाल बाहदुर् शास्त्री, गुलजारी लाल नन्दा औरआयरन लेडी
इंदिरा गाँधी को प्रधान मन्त्री के
पद की शपथ दिलवाई। सविधान के
अनुरूप उन्होंने कार्य किया।
वे 1962 से, 1967 तक राष्ट्पति रहे।
वे 1949 से 1952 तक सोवियत रूस में राजदूत रहे। स्तालिन उनकी पृथिभा और बुद्धीमता
से प्रभावित थे।
वे भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद, महान दार्शनिक और एक आस्थावान हिन्दू विचारक थे। उनके इन्हीं गुणों के कारण सन् 1954 में भारत सरकार ने उन्हें सर्वोच्च सम्मान भारत रत्न से अलंकृत किया थ
उन्होंने मद्रास के क्रिस्टियन कालेज शिक्षा प्राप्त की।
वे आंध्र विश्वविद्यालय और बनारस हिंदू विश्वविद्यालय के कुलपति रहे ।
उनकी अंतर्दृष्टि ने भारतीय समाज को व्यापक रूप से प्रभावित किया । उनके जन्म दिन 5 सितम्बर को प्रति वर्ष टीचर डे बनाया जाता है
राधाकृष्णन की लिखित कृतियों में में निम्न पुस्तक मुख्य है।
भारतीय दर्शन, 2 खंड (1923-27),
उपनिषदों का दर्शन (1924),
जीवन का एक आदर्शवादी दृष्टिकोण
पूर्वी धर्म और पश्चिमी विचार (1939 )
फीलोसफी ऑफ रवींद्र नाथ टैगोर, , भारतीय दर्शन,
हिंदू व्यू ऑफ लाईफ ,
भारत में आर्थिक नियोजन ,
आज का भारतीय साहित्य ,
भगवद्गीता आदी। समस्त राष्ट उनकी
सेवा और योगदान के लिए हमेशा
याद करेगा।
टीचर डे के दिन उनके चरणो में सादर नमन।
डॉ जे के गर्ग
पूर्व संयुक्त निदेशक कालेज शिक्षा