सांप्रदायिक सौहार्द्र की रोशनी देते हैं ख्वाजा गरीब नवाज

हिंदुस्तान की सरजमी पर अजमेर ही एक ऐसा मुकद्दस मुकाम है, जहां महान सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह में हर धर्म, मजहब, जाति और पंथ के लोग हजारों की तादात में आ कर अपनी अकीदत के फूल पेश करते हैं। कहने भर को भले ही वे इस्लाम के प्रचारक हैं, मगर उन्होंने … Read more

पौराणिक काल में भी था एआई?

आज कल एआई यानि आर्टिफिषियल इंटेलिजेंस का बोलबाला है। चैट जीपीटी व जैमिनी इसका व्यापक प्रसार कर रहे हैं। हर क्षेत्र में इसका उपयोग हो रहा है। यह वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं है। लेकिन गहराई से विचार करने पर लगता है कि एआई बहुत पहले से था। आज सिर्फ उसका नामकरण किया गया … Read more

यह नर्क, पृथ्वी कोई और है?

महान युग पुरूश गुरू नानक साहब संसार की व्याख्या करते हुए कहते हैं कि नानक दुखिया सब संसार। अर्थात दुनिया में सभी दुखी हैं। सुखी कोई भी नहीं। गरीब तो दुखी है है, अमीर भी दुखी है। अमीर के पास चाहे कितनी सुख सुविधा हो, मगर वह भी दुखी है। साधन संपन्न भी भांति भांति … Read more

क्या अंतर्ध्यान होना संभव है?

अंतर्ध्यान शब्द के मायने है, अदृश्य होना। इसका उल्लेख आपने शास्त्रों, पुराणों आदि में सुना होगा। अनेक देवी-देवताओं, महामानवों व ऋषि-मुनियों से जुड़े प्रसंगों में इसका विवरण है कि वे आह्वान करने पर प्रकट भी होते हैं, साक्षात दिखाई देते हैं और अंतर्ध्यान भी हो जाते हैं। मौजूदा वैज्ञानिक युग में यह वाकई अविश्वनीय है। … Read more

क्या आत्मा की गंध होती है?

धारणा है कि पंच महाभूत से विलग होने के बाद आत्मा के पास भौतिक रूप से प्रकट होने का कोई उपाय नहीं होता, मगर अलबत्ता गंध के जरिए वह अपनी उपस्थिति दर्ज करवा सकती है। इसका अनुभव मैने मेरे एक खादिम मित्र के पास किया। अरसे पहले एक बार मैं उनके हुजरे में बैठा था। … Read more

माताश्री को हुआ था मृत्यु का पूर्वाभास

मृत्यु का पूर्वाभास होने की अनेक घटनाएं आपने सुनी होंगी। कुछ पूर्ण सत्य हो सकती हैं तो कुछ आंशिक सत्य। कोई ऐसी घटनाओं को मात्र संयोग मानते हैं तो कोई वास्तविक। मुंडे मुंडे मतिर्भिन्ना। मेरी माताश्री ने देहावसान से पहले जिस तरह के संकेत दिए, वे ऐसा आभास देते हैं कि मृत्यु का पूर्वाभास होता … Read more

धरने-प्रदर्शनों में खाये धक्के

पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान एक रैली निकालने की तैयारी हो रही थी। श्रीनगर रोड स्थित सुख सदन पर नेताओं व कार्यकर्ताओं का जमावड़ा हो रखा था। मैं भी वहीं खड़ा था। अचानक मेरे एक फोटोग्राफर मित्र मेरे पास आए, जो कि दैनिक भास्कर में साथ काम किया करते थे। वे बोले मैं आपकी ये … Read more

उकडू बैठ कर भोजन करना बहुत फायदेमंद

दोस्तो, नमस्कार। हालांकि आजकल डाइनिंग सेट पर भोजन करने का चलन है। बफे सिस्टम में खडे हो कर या टेबल कुर्सी पर बैठ कर भोजन किया जाता है, लेकिन आज भी अनेक परंपरावादी मुसलमान उकड़ू बैठ कर भोजन करते है। उकडू यानि वीर हनुमान की गदा लेकर बैठने की मुद्रा। जिसमें एक घुटना जमीन पर … Read more

अदृश्य शक्तियां किसी के सपने में आ सकती हैं?

बात तकरीबन 1978 की है। उन दिनों मैंने अनेक तांत्रिक प्रयोग किए थे। एक प्रयोग का जिक्र कर रहा हूं। मैं तब लाडनूं में था और निकटवर्ती जसवंतगढ़ में विज्ञान कॉलेज में प्रथम वर्ष मैथ्स का छात्र था। मेरे एक मित्र सी. एल. तिवाड़ी तृतीय वर्ष बायलॉजी में थे। मुझे एक तांत्रिक प्रयोग के लिए … Read more