केन्द्र सरकार दरगाह कमेटी व नाजिम को लेकर गंभीर नहीं

ऐसा प्रतीत होता है कि सरकार सूफी संत ख्वाजा मोइनुद्दीन हसन चिश्ती की दरगाह की अंदरूनी व्यवस्थाओं को देखने वाली दरगाह कमेटी और उसके प्रशासनिक मुखिया नाजिम को लेकर गंभीर नहीं है। दरगाह ख्वाजा साहब एक्ट के तहत गठित इस कमेटी को एक ढर्रे की तरह चलाया जा रहा है, जबकि इसमें सदस्यों से लेकर … Read more

क्या है नजर लगने का वैज्ञानिक आधार?

आपने देखा होगा कि हम लोग नजर न लगने के लिए कई तरह के टोटके करते हैं। जैसे बच्चे को नजर न लगेे इसके लिए उसके कान के पीछे काला टीका लगाते हैं। यानि कि काला टीका किसी की नजर को जज्ब कर लेता है। नये मकान में ऊपर रेलिंग पर काली हांडी लगाते हैं। … Read more

क्या उम्र बढ़ाई जा सकती है?

मौत अंतिम सत्य है, यह हर आदमी जानता है, मगर मरना कोई नहीं चाहता। मौत से बचना चाहता है। रोज लोगों को मरते देखता है, मगर खुद के मरने की कल्पना तक नहीं करता। इसी से जुड़ा एक सत्य ये भी है कि हर व्यक्ति लंबी उम्र चाहता है। यही जिजीविषा उसे ऊर्जावान बनाए रखती … Read more

पिज्जा खाने से रुकी किरपा आ जाती है

आपको याद होगा कि जीवन की परेशानियों के निराकरण के लिए अजीबो-गरीब उपाय बताने वाले निर्मल बाबा खुद परेशानी में पड़ गए थे। न केवल उनकी तीव्र आलोचना हुई, अपितु उनका मखौल भी खूब उड़ा। यहां तक कि पुलिस में शिकायत भी हुई। स्वाभाविक सी बात है कि समोसा या पिज्जा खाने, गाय को केला … Read more

पाकिस्तान सम्भले अन्यथा आत्मविस्फोट निश्चित है

पाकिस्तान और चीन दुनिया के दो ऐसे विध्वंसक देश है, जिन्होंने आतंकवाद, युद्ध एवं पडोसी देशों में अशांति फैलाने की राहों को चुनते हुए अपनी बर्बादी की कहानी खुद लिखी है। पाकिस्तानी नेतृत्व ने ही भारत में आतंकवाद फैला कर लिखी अपनी बर्बादी की दास्तां, जिसे अब अब जनता झेल रही है। रोटी, सब्जी, घी, … Read more

श्रद्धा जैसे एक और कांड से रूह कांप गयी

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में फिर एक और श्रद्धा हत्याकांड जैसा त्रासद, अमानवीय एवं खौफनाक मामला सामने आया है। दिल्ली के नजफगढ़ इलाके में एक युवती निक्की यादव की उसी के प्रेमी साहिल गहलोत द्वारा हत्या कर उसका शव ढाबे के फ्रिज में छुपाने के मामले ने रोंगटे खड़े कर दिये, रूह को कंपा दिया। समाज … Read more

अमृत की राह में बड़ा रोड़ा है भ्रष्टाचार

नरेन्द्र मोदी शासन के जिम्मेदारी भरे बजट-2023 ने समावेशी आर्थिक समृद्धि और वैश्विक महत्वाकांक्षा के साथ उस ‘नए भारत’ की नींव रखी है, जो अपनी स्वाधीनता के सौवें वर्ष में साकार होगा। यह बजट ‘अमृत काल’ को सबसे अच्छे ढंग से रेखांकित करता है। निश्चित ही सरकार की नजर अमृतकाल पर है। उसी दृष्टि से … Read more

सामाजिक ताने- बाने को कमजोर करती जातिगत कट्टरता

राजनीतिक लाभ के लिए जातिगत ध्रुवीकरण के अलावा उपरोक्त मांग के पीछे कुछ कारक सक्रिय नजर आते हैं। इस परिदृश्य में, यह कहना गलत नहीं होगा कि सामाजिक आर्थिक समानता लाने के उद्देश्य से की गई सकारात्मक कार्रवाई सत्ता हथियाने के एक उपकरण के रूप में अधिक हो गई है। जाति ने लोकतांत्रिक राजनीति के … Read more

यूपी में उभर रही है त्रिकोणीय मुकाबले की तस्वीर

सपा-बसपा के आमने-सामने आने से भाजपा झूमी संजय सक्सेना,लखनऊ / अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए उत्तर प्रदेश की सियासत काफी तेजी से ‘रंग’ बदल रही है। कुछ पुराने मुद्दों और विवादित बयानों को नई ‘धार’ दी जा रही है तो आरक्षण, जातिगत जनगणना, रामचरित मानस विवाद वोट बटोरने के नये … Read more

देश में अमृतकाल, बजट से मालामाल या बुरे होंगे हाल

अगले वर्ष 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले यह मोदी सरकार का आखिरी पूर्ण बजट है. केंद्रीय बजट से आम आदमी से लेकर उद्योग जगत को भी कई उम्मीदें हैं, कोरोना महामारी के बाद भारत की घरेलू अर्थव्यवस्था की हालत दुनिया के अन्य देशों के मुकाबले बेहतर है, फिलहाल भारतीय अर्थव्यवस्था जी 20 … Read more