बैंगलोर, जनवरी 2025 : टोयोटा किर्लोस्कर मोटर (टीकेएम) ने कौशल विकास और सामुदायिक सशक्तिकरण के प्रति अपने समर्पण को मजबूत करते हुए, कर्नाटक के सरकारी टूल रूम और प्रशिक्षण केंद्र (गवरन्मेंट टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर – जीटीटीसी) के साथ समझौता किया है। जनवरी 2025 से प्रभावी यह समझौता जीटीटीसी केंद्रों और मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर्स (एमएसडीसी) यानी बहु-कौशल विकास केंद्रों में प्रशिक्षण की गुणवत्ता को बढ़ाने में टीकेएम की भूमिका को रेखांकित करता है। इसके तहत उन्नत उद्योग संस्कृति, संकाय विकास कार्यक्रम शुरू किये गये हैं और आधुनिक प्रशिक्षण सामग्री की पेशकश की गई है। शिक्षा और उद्योग के बीच की खाई को पाटने वाली यह पहल प्रशिक्षुओं के सशक्तिकरण के प्रति टीकेएम की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है। इससे प्रशिक्षुओं को आज के प्रतिस्पर्धी औद्योगिक परिदृश्य में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए आवश्यक कौशल हासिल होंगे। 16 जीटीटीसी केंद्रों को विकसित करने की सफलता के आधार पर, टीकेएम अब 16 अतिरिक्त जीटीटीसी को टोयोटा की विशेषज्ञता प्रदान करने के लिए एक परिवर्तनकारी यात्रा पर निकल रहा है, जो पूरे कर्नाटक में तकनीकी शिक्षा को आगे बढ़ाने के लिए इसकी प्रतिबद्धता को आगे बढ़ाएगा। आने वाले सभी जीटीटीसी को मगदी परिसर के अनुरूप बनाया जाएगा। इसे एक “रोल मॉडल” संस्थान के रूप में देखा गया है और यह औद्योगिक संस्कृति तथा प्रशिक्षण उत्कृष्टता में नए मानक स्थापित करेगा। इस करार से मैसूर के मल्टी-स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एमएसडीसी) का भी महत्वपूर्ण उन्नयन होगा, इससे उन्नत प्रशिक्षण पहल का समर्थन करने की इसकी क्षमता बढ़ेगी। समझौते की मुख्य विशेषताएं: संकाय विकास और प्रशिक्षण: जीटीटीसी के संकाय सदस्यों को बिदादी में टीकेएम की अपने किस्म के अनूठे केंद्र में व्यावहारिक प्रशिक्षण मिलेगा, जिसमें टोयोटा उत्पादन प्रणाली और टोयोटा वे (तरीके) की जानकारी भी शामिल होगी। “रोल मॉडल” संस्थान का विकास: जीटीटीसी मगाडी को एक प्रमुख प्रशिक्षण केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा, जो औद्योगिक प्रशिक्षण और संस्कृति में उत्कृष्टता के लिए एक मानक के रूप में काम करेगा। एमएसडीसी मैसूर का उन्नयन: मैसूर स्थित मल्टी स्किल डेवलपमेंट सेंटर (एमएसडीसी) यानी बहु-कौशल विकास केंद्र में उद्योग की आवश्यकताओं के अनुरूप उन्नत तकनीकी शिक्षा और कौशल विकास को समर्थन देने के लिए महत्वपूर्ण सुधार किए जाएंगे। औद्योगिक संस्कृति विकास: टीकेएम, जीटीटीसी केंद्रों और एमएसडीसी में औद्योगिक संस्कृति की स्थापना … Read more